अगर इस तरह से करेंगे गिलोय का इस्तेमाल तो फायदे देखकर हैरान हो जाएंगे आप

लखनऊ। कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद लोगों ने आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का अधिक से अधिक उपयोग करना शुरू कर दिया है। आयुर्वेद की जड़ी बूटियों में इन दिनों एक प्रसिद्ध नाम है गिलोय। इसका उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है। गिलोय शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है, रक्त को शुद्ध करता है और बैक्टीरिया से लड़ता है। यह लीवर की बीमारी वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। यह डेंगू, स्वाइन फ्लू और मलेरिया जैसे घातक बुखार के खिलाफ कारगर है।
आयुर्वेद के विशेषज्ञों के अनुसार गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग सदियों से भारतीय चिकित्सा में किया जाता रहा है। गिलोय का तना सबसे उपयोगी होता है, लेकिन इसकी जड़ का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लाभों और उपयोगों को खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा भी अनुमोदित किया गया है। वहीं, गिलोय का सेवन जूस, पाउडर या कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है। कई लोग गिलोय को पारंपरिक सजावट में भी शामिल करते हैं। तो आइए जानते हैं कि गिलोय का सेवन कैसे इम्युनिटी बढ़ाने या स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए किया जा सकता है।
इसके साथ पिएं गिलोय का रस होगा अदï्भुत लाभ
गिलोय को दूध में उबालकर पीने से जोड़ों का दर्द कम होता है। इसके अलावा गिलोय को अदरक के साथ लेने से रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी समस्या से निजात मिल सकती है। गिलोय का जूस हड्डियों को मजबूत करने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है।
अस्थमा मरीजों को यूं मिलेगा आराम
गिलोय के तने को चबाना भी इसका सेवन करने का एक बेहतर तरीका है। यह तरीका अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। इसके सेवन से इस रोग से पीडि़त लोगों में अस्थमा के लक्षण दूर हो जाते हैं। इसके अलावा यह खांसी, गले में खराश और टॉन्सिलाइटिस की समस्या में भी राहत देता है।
कैसे बनाएं गिलोय का रस
गिलोय के डंठल को एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा न रह जाए। इसके बाद पानी को छानकर नियमित रूप से पीएं। यह रक्त को शुद्ध करता है, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है और रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है। वहीं गिलोय का रस, आंवला, अदरक और काला नमक मिलाकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। गिलोय का अर्क आंखों की रोशनी में सुधार करता है। गिलोय के चूर्ण को पानी में उबालकर ठंडा कर लें। इसे कॉटन पैड से पलकों पर लगाएं। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है।
गिलोय पाचन क्रिया को सुधारता है, कब्ज, एसिडिटी, गैस और पेट फूलने की समस्या को दूर करता है। कमजोर पाचन तंत्र वाले लोगों के लिए यह फायदेमंद है। आधा ग्राम गिलोय का चूर्ण थोड़े से आंवले के साथ नियमित रूप से या गुड़ के साथ लेने से कब्ज दूर होती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, गिलोय हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में कार्य करता है और टाइप 2 मधुमेह के उपचार में मदद करता है। उच्च रक्त शर्करा से पीडि़त लोगों के लिए गिलोय का रस बहुत फायदेमंद होता है और बेहतर परिणाम देता है। नीम और गिलोय का रस पीने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-आर्थराइटिक गुण होते हैं जो गठिया के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करते हैं। गिलोय के चूर्ण को नियमित दूध में उबालकर पीने से गठिया की समस्या दूर होती है।
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता का दावा नहीं 4pm.co.in करता है।

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