अफसरों की मिलीभगत से उप्पल चड्ढा व सनसिटी कंपनी ने जीडीए को लगाया करोड़ों का चूना
- कैग रिपोर्ट में खुलासा, जीडीए के अफसरों और बिल्डरों की कारगुजारी आई सामने
- ईडी की राडार पर जीडीए के अफसर, उप्पल चड्ढा एवम् सनसिटी कम्पनी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के अफसरों और दो रिएल स्टेट कारोबारियों ने मिलकर योगी सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है। इस पूरे खेल में उप्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और सनसिटी हाईटेक प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टरों के साथ जीडीए के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है।
कैग रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है, जो पिछले दिनों विधानसभा में पेश की गई थी। इस मामले में (ईडी) भी जांच के लिए सक्रिय हो गई है। क्योंकि मामला करोड़ों के मनी लांड्रिंग स्कैंडल से जुड़ा बताया जा रहा है। सरकारी खजाने की इतनी बड़ी लूट और जीडीए को इतना बड़ा घाटा होने पर उत्तर प्रदेश सरकार सकते में है। वहीं ईडी इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच शुरू करने जा रही है। ईडी को यह शक है कि इस गोरखधंधे में उप्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और सनसिटी हाईटेक प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टरों और सरकारी अफसरों द्वारा मिलीभगत कर रिश्वतखोरी और मनी लांड्रिंग का स्कैंडल सामने आ सकता है। सूत्रों के मुताबिक कुछ दिनों में इन दोनों कंपनियों के डायरेक्टरों को और उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ बड़े अधिकारियों को नोटिस भेज कर जांच में शामिल होने के लिए बुलाया जा सकता है।
यह है पूरा मामला
कैग रिपोर्ट के मुताबिक मई 2005 में प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद में हाईटेक टाउनशिप के विकास के लिए उप्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और सनसिटी हाईटेक प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया। जुलाई 2005 में सरकार ने महायोजना-2021 को मंजूरी दी। इसके तहत हाईटेक टाउनशिप के लिए चिह्नित भूमि का उपयोग सांकेतिक था, इसलिए विकासकर्ताओं को भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क देना था। वर्ष 2006 और 2007 में बनाई गई नीतियों में भी विकासकर्ताओं से भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क लिए जाने की बात शामिल थी। इसके बाद 23 अप्रैल 2010 को एक शासनादेश हुआ कि उत्तर प्रदेश शहरी नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के तहत हाईटेक टाउनशिप के लिए भू-उपयोग सांकेतिक दिखाने का कोई प्राविधान नहीं है। चूंकि गाजियाबाद महायोजना-2021 में जैसा भू-उपयोग दिखाया गया था, उस प्रकार की भूमि का उपयोग आवासीय माना जाएगा। अत : इस क्षेत्र पर भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क देय नहीं होगा। मई 2017 में ऑडिट के दौरान पाया गया कि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने विकासकर्ताओं के अनुरोध पर महायोजना में सांकेतिक भू-उपयोग को आवासीय में परिवर्तित कर उन्हें शुल्क से राहत दे दी। इस तरह विकासकर्ताओं उप्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और सनसिटी हाईटेक प्राइवेट लिमिटेड को अनुचित लाभ दिया गया और प्राधिकरण को 572.48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
पॉजीटिव जिंदगी जी रहे कोरोना निगेटिव
- अगस्त माह में रिकवरी रेट 73 फीसदी पहुंचा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बीते छह महीने में राजधानी में तेजी के साथ कोरोना संक्रमितों के आंकड़ें बढ़े। वहीं ठीक होने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। राजधानी में अब तक कुल 19342 ने कोरोना संक्रमण को मात दी है और अपने घरों में पॉजीटिव जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। अगस्त माह में लखनऊ का पॉजीटिव रेट 72.82 फीसदी है। बीते 24 घंटे में 587 लोगों ने संक्रमण से अपनी जिंदगी बचाई है। अस्पताल से घर लौटे कोरोना निगेटिव लोगों का कहना है कि जब पॉजिटिव हुए थे तो कोरोना को लेकर भय था, मगर अब जिंदगी पहले से ज्यादा पॉजिटिव हो गई है, कोरोना से जंग जो जीतकर आए हैं।
आंकड़ों पर नजर डाले तो अब तक 18854 लोग संक्रमण की चपेट से बाहर आए। वहीं बीते रविवार तक इनकी संख्या 19342 हो गई। बीते 24 घंटे में 587 लोग कोरोना पॉजीटिव होकर निगेटिव हुए और अपने घरों में बेहतर जिन्दगी जी रहे हैं। लखनऊ में अब तक 27619 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। वर्तमान में 7318 लोगों का इलाज चल रहा है। वहीं 70 फीसदी मरीज होम आइसोलेशन में है। इनमें 12 हजार लोग करीब ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 80 से 85 फीसदी मरीज बिना लक्षण वाले हैं जो पांच से दस दिन में मामूली इलाज के बाद ठीक हो रहे हैं। इस कारण लोगों की रिकवरी रेट बढ़ती जा रही है, जिससे लोग सामान्य हो गए हैं। राजधानी में अब तक 338 लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो चुकी है। बीते रविवार को 8 लोगों ने दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मरने वालों में अधिकतर मरीज पहले से ही अन्य बीमारी से पीडि़त हैं। दरअसल, गंभीर बीमारी के चलते मरीजों का इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है, जिससे रोगों से लडऩे की क्षमता स्वस्थ शरीर की अपेक्षा कम हो जाती है। कोरोना संक्रमण के कारण कई लोग काढ़ा ले रहे हैं तो कई लोग विटामिन- सी आदि की दवा लेकर खुद को स्वस्थ रख रहे हैं।
संक्रमितों को तुरंत इलाज मिल रहा है। कोरोना के चलते लोग स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रख रहे हैं, जिससे उनका इम्यून सिस्टम सही काम कर रहा है। इससे रिकवरी रेट का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ रहा है।
सुधीर वर्मा, प्रवक्ता केजीएमयू
खड़े ट्रक में घुसी कार 5 की मौत,11 गंभीर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बहराइच-गोंडा राष्टï्रीय राज्यमार्ग पर आज तडक़े खड़े ट्रक में फोर्स क्रूजर कार टकरा गई। भीषण हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 11 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि क्रूजर कार बिहार से हरियाणा जा रही थी, जिसमें 16 लोग सवार थे। हादसा शंकर चौराहा के पास हुआ। सूचना मिलते ही धानाध्यक्ष पयागपुर मुकेश कुमार सिंह, चौकी प्रभारी शशि कुमार राणा मौके पर पहुंचे। हादसे में कार के परखचे उड़ चुके थे। दो लोगों की मौके पर मौत हुई। कार में फंसे पवन कुमार पुत्र जगदीश प्रसाद यादव निवासी आशापुर पूरे विभव थाना बल्दीराय जिला सुल्तानपुर, जितेंद्र गिरी पुत्र रघुनाथ गिरी निवासी हरिहरपुर बांसगढ़ सिवान के शवों को पुलिस व ग्रामीणों की मदद से निकाला गया। वहीं घायलों को पुलिस ने जिला अस्पताल भेज दिया। तीन लोगों की मौत सीएचसी ले जाते समय हो गई। 11 घायलों का सीएचसी प्रयागपुर में इलाज चल रहा है।
प्रशांत भूषण पर एक रुपए का जुर्माना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी प्रशांत भूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने 1 रुपए का आर्थिक जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जुर्माना राशि 15 सितंबर तक जमा कराने में विफल रहने पर तीन माह की जेल हो सकती है और वकालत से तीन साल तक प्रतिबंधित किया जा सकता है। 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भूषण को शीर्ष अदालत और मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की आलोचना करते हुए दो ट्वीट करने का दोषी पाया था। फैसला सुनाते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि फ्रीडम ऑफ स्पीच पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है, मगर दूसरों के अधिकारों का सम्मान करने की आवश्यकता है।