अब त्रिपुरा में शुरू हुई भाजपा और टीएमसी में टकराहट

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में अपने राजनीतिक कौशल का सफलतापूर्वक प्रदर्शन कर चुकी मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी की निगाहें त्रिपुरा पर टिक गईं हैं। बंगभूमि विजय से लबरेज दीदी और उनकी टीम अब त्रिपुरा फतह की तैयारी में जुट गई है। जीत की हैट्रिक के बाद दीदी की नजर त्रिपुरा पर टिकी हो ऐसा भी नहीं है। वो पहले से ही त्रिपुरा में ग्राउंड तैयार कर रही थीं लेकिन पश्चिम बंगाल चुनाव में जिस तरह की भगदड़ उनकी पार्टी में मची इसलिए उनका यह ऑपरेशन बीच में ही रुक गया था। लेकिन अब जब दीदी के बागी वापस उनकी शरण में आ गए हैं तो दीदी ने अपने रुके हुए ऑपरेशन को और पैनेपन के साथ आगे बढ़ाना शुरू किया है।
फिलहाल पश्चिम बंगाल में जीत की हैट्रिक लगाने के बाद अब तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की नजर त्रिपुरा पर है। जिस राज्य में भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में वामदलों के 25 साल के शासन को खत्म किया था। ममता ने यहां विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी के लिए मैदान तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय टीम बनाई है। इसका नाम पांच पांडव रखा गया है। इस दल में कानून मंत्री मोलॉय घाटक, शिक्षा मंत्री ब्रात्यो बसु, इंटक बंगाल के अध्यक्ष रितोब्रत भट्टाचार्य और पूर्व विधायक समीर चक्रवर्ती शामिल हैं। इन सभी को बारी-बारी से लगातार त्रिपुरा का दौरा करने और वहां संगठन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
रिपोर्ट केमुताबिक तृणमूल कांग्रेस ने त्रिपुरा में काफी शोध किया है और उन्हें उम्मीद है कि वह भी वहां अपनी जमीन तैयार कर सकते है। इसलिए डेढ़ साल बाद होने वाले चुनाव के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। बता दें कि बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की आई-पैक टीम के साथ अगरतला के एक होटल में रोका गया था।
हालांकि बाद में त्रिपुरा पुलिस ने दावा किया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते उन्हें उनके कमरे में बंद कर दिया गया। इसके बाद टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया था कि आई-पैक के कर्मचारियों को नजरबंद रखा गया है, क्योंकि बीजेपी बंगाल में उनकी पार्टी की जीत से बेहद परेशान है ।
त्रिपुरा पहुंचने पर बनर्जी को विरोध का भी सामना करना पड़ा। पार्टी ने आरोप लगाया कि उनकी कार पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमला किया। वे प्रदेश के उदयपुर के प्रसिद्ध त्रिपुरेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद लौट रहे थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि कोलकाता से आए उनके तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। सूत्र ने बताया कि टीएमसी हाईकमान ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हमले के मुद्दे को उजागर करने के साथ-साथ क्षेत्र में संगठनात्मक ताकत बढ़ानी होगी।
कुणाल घोष पहले भी त्रिपुरा जाकर लोगों से मिल चुके हैं। समीर चक्रवर्ती 7 अगस्त से अपनी यात्रा शुरू करेंगे, उसके बाद अन्य लोग भी जाएंगे। टीएमसी की योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि त्रिपुरा में सत्ता हासिल करना ममता बनर्जी की पार्टी के लिए एक सपना है जो कभी सच नहीं होगा।
हालांकि टीएमसी इस सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पार्टी ने राज्य के लिए एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल भी शुरू किया है। बंगाल के बाहर के क्षेत्र के लिए यह पार्टी का पहला माइक्रोब्लॉगिंग साइट हैंडल है । त्रिपुरा में बंगालियों की खासी आबादी है। इसलिए सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए टीएमसी राज्य में सत्ता हासिल करने की उम्मीद पाले बैठी है।

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