अर्नब गोस्वामी गिरफ्तार

भाजपा नेता आगबबूला, लोगों ने पूछा यूपी में दर्जनों पत्रकारों के उत्पीड़न पर क्यों थे खामोश
दो साल पुराने इंटीरियर डिजाइनर आत्महत्या मामले में मुंबई पुलिस ने की गिरफ्तारी, जांच के दिए गए थे आदेश
मोदी सरकार के मंत्रियों ने उद्धव सरकार व कांग्रेस पर बोला हमला, कार्रवाई को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर बताया हमला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। मुंबई पुलिस ने आज सुबह रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को उनके घर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने अर्नब गोस्वामी को दो साल पुराने इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार किया है। पिछले दिनों इस मामलें में फिर से जांच के आदेश दिए गए थे। अर्नब की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा नेता और मंत्री आगबबूला हो गए हैं और इसे उद्धव सरकार द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करार दिया है। वहीं सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल पूछा है कि जब यूपी में दर्जनों पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा था तो भाजपा के नेता और मंत्री खामोश क्यों थे। अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों पर आरोप है कि उन्होंने अन्वय नाइक नाम के 53 वर्षीय एक इंटीरियर डिजाइनर को बकाया राशि नहीं दी थी, जिसके कारण उन्होंने कथित रूप से खुदकुशी कर ली। इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक की बेटी आज्ञा नाइक ने दावा किया था कि रायगढ़ जिले में अलीबाग पुलिस ने बकाया राशि न दिए जाने के मामले में उचित कार्रवाई नहीं की थी इसलिए अन्वय और उनकी मां को आत्महत्या का कदम उठाना पड़ा। अन्वय नाइक द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में कहा गया था कि आरोपियों ने उनके 5.40 करोड़ का भुगतान नहीं किया था इसलिए उन्हें आत्महत्या का कदम उठाना पड़ा। रिपब्लिक टीवी ने आरोपों को खारिज कर दिया था। वहीं अर्नब ने मुंबई पुलिस पर अपने और अपने परिवार के साथ मारपीट करने का आरोप भी लगाया है। रायगढ़ के तत्कालीन एसपी अनिल पारसकर के मुताबिक, इस मामले की छानबीन के बाद आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले थे। कोर्ट में रिपोर्ट भी दाखिल कर दी थी।
यूपी में दर्जनों पत्रकारों पर दर्ज की जा चुकी हैं एफआईआर
2020 में अब तक कम से कम 15 पत्रकारों के खिलाफ खबर लिखने के मामलों में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। 16 अक्टूबर 2020 को जनसंदेश टाइम्स के वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह और धनंजय सिंह के खिलाफ ऑफिसियल्स सीक्रेट ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। तीन सितंबर 2019 में लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार असद रिजवी को एक नोटिस देकर एसीएम कोर्ट में हाजिरी के लिए कहा गया था, उन पर मुहर्रम के दौरान शांति भंग करने का आरोप लगाया गया है। 19 जून, 2020 को वाराणसी में सुप्रिया शर्मा द्वारा पीएम के गोद लिए गांव डोमरी में भूखे रहने को विवश लोगों की खबर पर एससी/एसटी एक्ट- 1989, किसी की मानहानि करने से जुड़ी आईपीसी की धारा 501 और किसी महामारी को फैलाने में बरती गई लापरवाही से जुड़ी आईपीसी की धारा 269 के तहत मामला दर्ज किया गया। 2020 में वरिष्ठ पत्रकार और अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ भी उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। आजमगढ़ के एक स्कूल में छात्रों से झाड़ू लगाने की घटना को रिपोर्ट करने वाले छह पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गई। मिर्जापुर जिले में मध्याह्न भोजन की रिपोर्टिंग करने को लेकर पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा

संपादकों के संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वमी की गिरफ्तारी की निंदा की है। एक बयान में कहा गया कि वे अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बारे में जानकर हैरान है। गिल्ड ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया की रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य की पावर का इस्तेमाल न किया जाए।
यह सोनिया और राहुल गांधी द्वारा निर्देशित उन लोगों को चुप कराने का एक और उदाहरण है जो उनसे असहमत हैं। शर्मनाक।
जेपी नड्डा, भाजपा अध्यक्ष
कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है। फ्री प्रेस पर इस हमले का विरोध होगा।
अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री
अर्नब गोस्वामी जैसे पत्रकार को पुलिस पावर का दुरुयोग करके गिरफ्तार करना, चूंकि वे सवाल पूछ रहे हैं, ये ऐसी घटना है जिसकी हम सभी को निंदा करनी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार की गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है।
रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री
मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं। सोनिया और राहुल के नेतृत्व में काम कर रही कांग्रेस अभी भी आपातकालीन मन:स्थिति में है। इसी का सबूत आज महाराष्ट्र में उनकी सरकार ने दिखाया है। लोग इसका लोकतांत्रिक जवाब देंगे।
प्रकाश जावेडकर, केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री
महाराष्ट्र में कानून का पालन किया जाता है अगर किसी के खिलाफ सबूत हैं तो पुलिस कार्रवाई कर सकती है। ठाकरे सरकार के गठन के बाद से बदला लेने के लिए किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
संजय राउत, वरिष्ठï नेता शिवसेना

अमेरिका: राष्टï्रपति चुनाव में ट्रंप बिडेन के बीच कांटे की टक्कर

बिडेन के खाते में 225 और ट्रंप के खाते में 213 इलेक्टोरल वोट, मतगणना जारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाशिंगटन। दुनिया की महाशक्ति में शुमार अमेरिका की सत्ता किसके पास होगी, इसका फैसला करने के लिए अमेरिकी नागरिकों ने राष्टï्रपति चुनाव के लिए मतदान कर दिया है। इस चुनावी जंग में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन कड़ी टक्कर दे रहे हैं। अभी तक ट्रंप के खाते में 213 तो बिडेन के खाते में 225 इलेक्टोरल वोट मिले हैं। बिडेन फिलहाल बढ़त बनाए हुए हैं। मतगणना जारी है। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर डेमोक्रेटिक पार्टी पर वोट चुराने का आरोप लगाया है। डोनाल्ड ट्रंप बोले कि वोटों की गिनती में कई जगह फ्रॉड हो रहा है, लेकिन हम चुनाव जीतेंगे। हम लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

भ्रष्टाचार व लापरवाही पर सीएम सख्त, बहराइच और वाराणसी के उपायुक्त को किया निलंबित

संयुक्त विकास आयुक्त लखनऊ मंडल करेंगे जांच

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टïाचार व लापरवाही को लेकर कड़ा एक्शन लिया है। सरकारी काम में उदासीनता और अनियमितता के आरोपों में सीएम ने बहराइच और वाराणसी के उपायुक्त स्वत: रोजगार को निलंबित करने का आदेश दिया है। दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ अब विभागीय जांच होगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। वर्तमान में उपायुक्त स्वत: रोजगार के पद पर बहराइच में पदस्थ सुरेन्द्र कुमार गुप्ता पर आरोप है कि हारदोई के ब्लॉक अहिरोरी में खंड विकास अधिकारी रहते हुए खाड़ाखेड़ा गांव के आंगनबाड़ी केंद्र के स्थलीय विवाद होने के स्थिति में न तो कोई कार्य कराया और न ही किसी फर्म से किसी भी निर्माण सामग्री की आपूर्ति ली। यही नहीं कोई मापाकंन भी नहीं कराया गया। बावजूद इसके भुगतान की कार्यवाही की गई। संयुक्त विकास आयुक्त लखनऊ मंडल इसकी जांच करेंगे। वहीं सुरेश चन्द्र केसरवानी, उपायुक्त स्वत: रोजगार, वाराणसी पर राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन के कार्यों में शिथिलता बरतने व अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ अशोभनीय भाषा का प्रयोग करने का आरोप है। इसकी विभागीय जांच भी होगी।

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