आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला की मुश्किलें बढ़ी
लखनऊ। रामपुर शहर विधायक आजम खां और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पड़ोसी पर हमला करने के मामले में कोर्ट ने माना है कि दोनों सपा नेता ने पड़ोसी पर हमला किया था। अदालत ने पड़ोसी पर हमला करने के मामले में आरोप तय किए हैं। इस मामले में आजम खां के अलावा उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम भी आरोपित हैं। अदालत में आरोप तय करने के दौरान अब्दुल्ला कोर्ट में मौजूद रहे। आजम खां के खिलाफ वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें ज्यादातर में आरोप पत्र अदालत में दाखिल हो चुके हैं और इन पर सुनवाई चल रही है। मुकदमों में आरोप तय किए जाने लगे हैं। सोमवार को अदालत ने 10 मुकदमों में आरोप तय किए थे। मंगलवार को भी एक और मुकदमे में आरोप तय हुए। यह मुकदमा वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में आजम खां के पड़ोसी मोहम्मद अहमद की ओर से दर्ज हुआ था। मुकदमे में कहा था कि कार खड़ी करने को लेकर आजम खां के समर्थकों ने उन पर हमला किया था। पुलिस ने इस मुकदमे में आजम खां के अलावा उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला और समर्थक बिलाल के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। इसकी सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कमल कुमार गुप्ता ने बताया कि इस मामले में अदालत ने बुधवार को आरोप तय कर दिए हैं। आरोप तय करते समय अब्दुल्ला कोर्ट में मौजूद रहे। मुकदमा अब गवाही पर आ गया है। अदालत ने गवाही के लिए मुकदमे के वादी को तलब किया है। अब 20 अगस्त को इस मामले में सुनवाई होगी।
शिवपाल बोले, पार्टी से निकाल क्यूं नहीं देते अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से बीते शनिवार को चाचा शिवपाल सिंह यादव कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र करने की घोषणा के बाद से बयानबाजी का दौर जारी है। सपा की ओर से लिखे पत्र को लेकर शिवपाल ने एक बार फिर भतीजे पर सीधा हमला किया है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने सपा के पत्र के जवाब में कहा कि ऐसे बयान अपरिपक्वता का प्रमाण देते हैं। शिवपाल ने कहा कि हम तो पहले से ही स्वतंत्र हैं। हमें मीडिया से पता चला कि फिर से आजादी दी गई है। अच्छा होता कि अखिलेश मुझे समाजवादी पार्टी और विधानमंडल दल से निकाल देते। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष व समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव लगातार अखिलेश पर हमलावर हैं। इसके बावजूद समाजवादी पार्टी उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पिछले दिनों समाजवादी पार्टी ने शिवपाल सिंह यादव को जहां सम्मान अधिक मिले वहां जाने के लिए स्वतंत्र होने का पत्र भी लिख दिया था।
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को स्वतंत्र करने का पत्र तो लिखा गया लेकिन उन्हें पार्टी से निकाला नहीं जा रहा है। दरअसल, यदि सपा उन्हें निकाल देती है तो शिवपाल पूरी तरह स्वतंत्र हो जाएंगे। उन पर दल-बदल कानून भी लागू नहीं होगा। वर्तमान में जो परिस्थितियां हैं उसमें शिवपाल यदि किसी दूसरी पार्टी में जाते हैं तो उन पर दल-बदल कानून लागू हो जाएगा। यही कारण हैं कि शिवपाल सिंह यादव सपा पर लगातार हमलावर हैं और पार्टी एक्शन नहीं ले रही है। शिवपाल सिंह ने कहा कि सपा से स्वतंत्र होने का पत्र लिखने का क्या मतलब है क्योंकि संविधान के अनुसार हम सभी स्वतंत्र हैं। जब मैंने सपा से चुनाव लड़ा था तो पहले अपनी पार्टी से इस्तीफा दिया था, इसके बाद मैंने सपा की सदस्यता ली थी। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद किसी भी बैठक में मुझे नहीं बुलाया गया। इसके बाद अब स्वतंत्र होने की बात कहना समझ से परे है। सपा अब वह पार्टी नहीं है जिसे मुलायम सिंह यादव ने डा. लोहिया के सपने को साकार करने के लिए सींचा था। शिवपाल ने कहा कि यह पार्टी लगातार सियासी तौर पर गर्त में जा रही है।