मुद्दों का मुकाबला नहीं कर पाती, ईडी और सीबीआई को आगे कर रही भाजपा : अखिलेश

  •  बीजेपी सरकार में ट्रांसफर के लिए हुआ भ्रष्टाचार, सरकार के ही लोग उठा रहे सवाल

लखनऊ। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि पीडब्ल्यूडी में ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर बीजेपी सरकार में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। स्वास्थ्य विभाग में भी इतना बड़ा भ्रष्टाचार कभी नहीं हुआ है। डिप्टी सीएम खुद आरोप लगा रहे हैं। विपक्ष ने तो कुछ कहा ही नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे विभाग के मंत्री ने तो खुद को पिछड़ा वर्ग की वजह से अपमानित होने की बात कही है। सपा जिला कार्यालय पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पत्रकारों से कहा कि गंगा साफ नहीं हुई, डीजल, पेट्रोल महंगा हो गया। प्रदेश सरकार की सहमति पर ही दूध, दही व सूजी पर जीएसटी लग गया है। बीजेपी से ऐसे सवाल न कोई पूछे, इसलिए धर्म और जाति में झगड़ा कराया जा रहा है। यही हाल विपक्ष के साथ किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा मुद्दों का मुकाबला नहीं कर पाती है, इसलिए ईडी और सीबीआई को आगे कर रही। उन्होंने कहा कि जांच करानी है, तो ट्रांसफर-पोस्टिंग में हुए भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराए सरकार। प्रदेश को सूखा ग्रस्त घोषित करने के सवाल पर कहा कि भाजपा सरकार के एक मंत्री ने कृत्रिम बारिश कराने की बात कही थी, अब वह कृत्रिम बारिश कराएं। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को अब तक किताबें न मिलने पर कहा कि यह सरकार बच्चों को कुछ नहीं देंगी। पिछले साल भी किताबें नहीं मिलीं थीं।

सपा प्रमुख अखिलेश ने चुनाव से पूर्व बीजेपी के बिजली बिल माफी के वादे को लेकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने किसानों को फ्री बिजली देने का वादा किया था, वह पूरा करें। सदन में यह बात उठाई जाएगी की बिजली माफी के लिए आपने कहा था बिजली माफ करें। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को लेकर अखिलेश ने कहा नकल करना आसान है लेकिन उसके लिए थोड़ी बुद्धि चाहिए होती है, मैं केवल 5 किलोमीटर चला दो पुल अधूरे दिखाई दिए। उन्होने कहा कि टोल लेने के लिए किसी को डायरी और किताब लेकर खड़ा कर दिया और बोल दिया टोल ले लेते रहना। अखिलेश ने कहा कि जिस एक्सप्रेसवे का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया हो, आखिर क्यों जल्दबाजी में उद्घाटन हो गया, बाद में भी हो सकता था। आप देख आइए जगह-जगह गड्ढे हो गए, जान जा रही है लोगों की, गाड़ियां पलट रही हैं। क्या इसकी जांच होगी, क्या बनने वाले पर पर बुलडोजर चलेगा।

बाजार में बिक रही नकली दवाओं पर कसे शिकंजा : दयाशंकर

लखनऊ। आयुष विभाग के कर्मचारियों को अब लेट-लतीफी भारी पड़ेगी। अगर आफिस पहुंचने में उन्हें 10 मिनट से अधिक देरी हुई तो उन्हें अनुपस्थित मानकर वेतन काट दिया जाएगा। यह निर्देश आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दया शंकर मिश्र दयालु ने दिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, होम्योपैथी व यूनानी विभाग के सभी कार्यालयों में बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था की जाए। राजधानी में आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला के आडिटोरियम में विभागीय समीक्षा बैठक में मंत्री ने दो टूक कहा कि सभी कर्मचारी हर हाल में सुबह 10 बजे कार्यालय पहुंचे और अगर कोई सुबह 10 बजकर 10 मिनट के बाद कार्यालय आता है तो उसे अनुपस्थित मानकर उस दिन का वेतन काट दिया जाए। अधिकारी बायोमीट्रिक उपस्थिति की मानीटरिंग करें। उन्होंने आयुष अस्पतालों के निर्माण के लिए लोगों द्वारा दान की गई जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटवाया जाए। आयुष चिकित्सा पद्धति का अधिक से अधिक प्रचार किया जाए। बाजार में बिक रही नकली दवाओं पर शिकंजा कसा जाए। आयुष चिकित्सालयों में सप्लाई की जा रही दवाओं की एक्सपायरी डेट का डाटा तैयार किया जाए। एक्सपायर होने के बाद दवाएं तत्काल नष्ट की जाएं। बैठक में आयुर्वेद निदेशक डॉ. एसएन सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्मियों को लंच के लिए 30 मिनट का समय निर्धारित किया था। सीएम योगी सरकारी कार्यालयों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं। उधर स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक लगातार जिला अस्पताल और सीएचसी व पीएचसी का दौरा कर रहे हैं।

अब मनमाना शुल्क नहीं वसूल सकेंगे जनसेवा केंद्र

लखनऊ। पेराई सत्रों में गन्ना किसानों का ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरवाने व समिति की सदस्यता लेने के लिए साइबर कैफे संचालक व जनसेवा केंद्र अब मनमाना शुल्क नहीं वसूल सकेंगे। गन्ना विभाग ने किसानों के लिए प्रदेश भर में 451 कृषक सहायता केंद्र प्रदेश भर में शुरू कराए हैं। आयुक्त, गन्ना व चीनी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि विभिन्न परिक्षेत्रों के गन्ना किसानों से पता चला कि उनसे मनमाना शुल्क वसूला गया। इस समस्या के निराकरण के लिए एसजीके (स्मार्ट गन्ना किसान) प्रोजेक्ट पर आनलाइन घोषणा-पत्र भरने व नई सदस्यता के लिए आवेदन करने आदि में प्रशिक्षित किए जाने के लिए चीनी मिलवार उप गन्ना आयुक्त के निर्देशन में गन्ना किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। किसानों व उनके परिवार के किसी सदस्य को उनके मोबाइल फोन पर घोषणा-पत्र भरने व नई सदस्यता के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम 30 जुलाई तक चलाया जाएगा। गन्ना आयुक्त ने किसानों से अपील की है कि इस प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर स्मार्ट गन्ना किसान बने। भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश स्तर से विभाग व चीनी मिलों के गन्ना कार्यालयों उप गन्ना आयुक्त, जिला गन्ना अधिकारी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, सचिव व चीनी मिल के गन्ना प्रबंधन कार्यालयों पर 451 कृषक सहायता केंद्रों की स्थापना की गई है। इन सहायता केंद्रों पर गन्ना समितियों की आनलाइन सदस्यता लेने व घोषणा-पत्र भरने के लिए विभागीय कार्मिकों की ओर से गन्ना कृषकों को निश्शुल्क सहायता दी जा रही है।

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