एक और नगर निगम कर्मी कोरोना की चपेट में, मुख्यालय सील

संक्रमण से बचाव को किया जा रहा सेनेटाइजेशन
कई जोनल कार्यालय भी 48 घंटे के लिए बंद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। नगर निगम के एक और कर्मचारी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से विभाग में हडक़ंप मच गया है। इसके साथ ही नगर निगम मुख्यालय को सील कर दिया गया है। संक्रमण से बचाव को लेकर मुख्यालय को सेनेटाइज किया जा रहा है। कई जोनल कार्यालय भी सेनेटाइज करने के लिए 48 घंटे के लिए बंद कर दिए गए हैं। कार्यालय बंद होने से कोई काम नहीं हो सका।
नगर निगम के तीन जोन कार्यालयों में कोरोना दस्तक दे चुका है। सबसे पहले जोन आठ के दो लिपिक चपेट में आए थे। इसके बाद सोमवार को जोन एक व जोन चार में एक-एक कर्मचारी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से दहशत फैल गई है। आनन-फानन में दोनों कार्यालयों को बंद कर दिया गया। मंगलवार को दोनों कार्यालयों में दिनभर सेनेटाइेशन का कार्य हुआ। लालबाग स्थित मुख्यालय में जोन एक का कार्यालय होने के कारण वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे। लिहाजा बड़ी संख्या में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, हाउस टैक्स, दाखिल खारिज और पंजीकरण कराने के लिए पहुंचे लोगों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। जोन चार में भी लोगों को गेट से ही वापस लौटा दिया गया। नगर निगम एवं जलकल कर्मचारी संघ के महामंत्री सैय्यद कैसर रजा ने कहा कि महामारी में नगर निगम के कर्मचारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। सावधानी पूर्वक व सुरक्षा के सभी मानकों का पालन करते हुए काम करना होगा।

यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसा, तीन की मौत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हाथरस। मथुरा के नौहझील में यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसे में बाइक सवार पिता-पुत्र और दामाद की मौत हो गई। एक ही बाइक पर सवार यह तीनों दिल्ली के एम्स से हाथरस के गांव खोंड़ा लौट रहे थे।
हाथरस जिले के थाना सहपऊ के गांव खोंड़ा निवासी करुआ कैंसर से पीडि़त थे। करुआ को दिल्ली के एम्स में दिखाकर पुत्र शेरू और दामाद जलालुद्दीन निवासी बेल का नगला थाना बरहन (आगरा) बाइक से लौट रहे थे। यमुना एक्सप्रेसवे के माइलस्टोन 75 के पास अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में तीनों गंभीर घायल हो गए। पुलिस तीनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौहझील लेकर आई। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलने पर स्वजन भी खोंड़ा और नगला बेल से आ गए थे। मथुरा के एसपी देहात श्रीशचंद ने बताया कि टक्कर मारने वाले वाहन की जानकारी नहीं हो सकी। वाहन को तलाश किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सहपऊ के गरीबी से लाचार शेरू खां पर अपने पिता करुआ खां के इलाज के लिए दिल्ली से एंबुलेंस से घर लाने के लिए रुपये तक नहीं थे। मजबूर होकर पिता और जीजा के साथ बाइक से वहां से चल दिए। रास्ते में यमुना एक्सप्रेस वे पर जानलेवा हादसा हो गया।

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