कुर्सी जो न करा दे

पहली बार केशव के घर पहुंचे योगी

सीएम फेस पर मौर्य के बयान के बाद पार्टी में सियासी हलचल तेज

प्रदेश में संघ और पार्टी के नेताओं के बीच चल रहा है मंथन

मौर्य की उपेक्षा से नाराज पिछड़ों को साधने की हो रही कोशिश

सीएम और डिप्टी सीएम के बीच मनमुटाव की चर्चा रही है आम

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। राजनीति में कुर्सी जो न करा दे, कुछ ऐसा ही नजारा प्रदेश की राजनीति में रोज दिखाई दे रहा है। सीएम फेस को लेकर दिए गए बयान के बाद आज अचानक सीएम योगी आदित्यनाथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर अपने साढ़े चार साल के शासनकाल में पहली बार पहुंचे। सीएम के इस कदम को एक ओर डिप्टी सीएम मौर्य की उपेक्षा से नाराज पिछड़ों को साधने की कोशिश माना जा रहा है तो दूसरी ओर विधान सभा चुनाव की रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि यदि केशव मौर्य ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी तो भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

आज पहली बार सीएम योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के घर 7 कालिदास मार्ग पहुंचे। मौर्य के घर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कृष्ण गोपाल मौजूद थे। दरअसल, एक ओर भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह लखनऊ के पार्टी कार्यालय में बैठक कर आगामी चुनाव की रणनीति बनाने में जुटे हैं तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री के चेहरे पर बवाल मचा है। केशव मौर्य सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि सीएम का चेहरा केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। डिप्टी सीएम केशव मौर्य और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच मनमुटाव की खबरें आती रही है। पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी नेतृत्व यूपी चुनाव को लेकर सजग है और नाराज नेताओं के साथ सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे लोगों के मनमुटाव को दूर करने की कोशिश शुरू हो गई है। हालांकि सरकार इसे औपचारिक मुलाकात बता रही है।

फिर तेज हुई सरकार में फेरबदल की चर्चा

डिप्टी सीएम केशव मौर्य के यहां सीएम के अचानक पहुंचने को लेकर एक बार फिर सरकार में फेरबदल की चर्चा गर्म हो गयी है। माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार में फेरबदल संभव है और डिप्टी सीएम मौर्य को खुश करने के लिए उनके कुछ लोगों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

सबकुछ नहीं चल रहा ठीक

इससे पहले सोमवार को राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष, संघ और पार्टी के नेताओं के बीच करीब तीन घंटे तक मैराथन बैठक हुई। इस बैठक में चुनाव की रणनीति, योगी सरकार की उपलब्धि और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई लेकिन सीएम के अचानक केशव मौर्य के घर पहुंचने से साफ है कि भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

 

अखिलेश ने कहा कोरोना काल में सरकारी आंकड़ों से 43 गुना ज्यादा मर गये लोग, मचा हड़कंप

सूचना अधिकार से मिली जानकारी का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

मौतों के आंकड़ों को लेकर सरकार की लगातार हो रही किरकिरी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कोरोना कुप्रबंधन और मौतों के आंकड़ों को छिपाने को लेकर योगी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी से मौत का आंकड़ा सरकार द्वारा दिये गये आंकड़ों से 43 गुना अधिक है। सपा प्रमुख के इस बयान से हड़कंप मच गया है। वहीं अन्य दलों ने भी सरकार पर मौतों को छिपाने का खेल खेलने का आरोप लगाया है।

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से ये भंडाफोड़ हुआ है कि 31 मार्च, 2021 तक कोरोना काल के नौ महीनों में उत्तर प्रदेश के 24 जिलों में मृत्यु का आंकड़ा सरकार द्वारा दिये गये आंकड़ों से 43 गुना अधिक है। सपा प्रमुख ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार मृत्यु के आंकड़े नहीं दरअसल अपना मुंह छिपा रही है। इससे पहले भी अखिलेश यादव ने कहा था कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए रक्षा कवच के रूप में प्रचारित टीकाकरण की रफ्तार भाजपा की संकीर्ण राजनीति के चलते धीमी हो चली है।

तीसरी लहर तय, गलती सुधारे सरकार: राहुल

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। राहुल ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है, ऐसे में सरकार को अभी से ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। राहुल ने कांग्रेस की ओर से श्वेत पत्र जारी करते हुए सरकार से गलती सुधारने की मांग की। उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र जारी करने का मकसद सरकार को रास्ता दिखाने है। वैज्ञानिकों ने कोरोना की दूसरी लहर के लिए सरकार को चेताया था, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। दूसरी लहर संभालने में सरकार विफल रही है।

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