क्या इस तरह से भी फैल सकता है संक्रमण वैज्ञानिकों ने दिया यह जवाब
नई दिल्ली। नोटों और सिक्कों से कोरोना वायरस फैलने के डर से दूसरी लहर के दौरान ऑनलाइन भुगतान का चलन बढ़ गया है। लेकिन, एक अध्ययन से पता चला है कि नोटों या सिक्कों से कोरोना वायरस फैलने की कोई संभावना नहीं है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक के विशेषज्ञों और जर्मनी के रूर-यूनिवर्सिटी बोचम के शोधकर्ताओं ने नोटों और सिक्कों से कोरोना वायरस के फैलने की संभावना जानने के लिए यह अध्ययन किया।
अध्ययन में पीवीसी से बने विभिन्न प्रकार के नोट, सिक्के और बैंक क्रेडिट कार्ड स्टेनलेस स्टील की सतह पर रखे गए थे। विशेषज्ञों ने उन्हें गैर-हानिकारक कोरोना वायरस के साथ-साथ कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 वायरस से संक्रमित किया ।
अध्ययन में पाया गया कि यह वायरस स्टील की सतहों पर सात दिन तक कायम रहा, लेकिन नोटों और सिक्कों पर दो से छह दिन में गायब हो गया । वायरस केवल पांच प्रतिशत तांबे के सिक्के पर एक घंटे के लिए रुक पाया । वैज्ञानिकों ने पाया है कि नोटों या सिक्कों से सार्स-सीओवी-2 वायरस फैलने का खतरा नगण्य है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जब चीन में कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या 1500 से अधिक हो गई तो चीन के सभी बैंकों को संभावित कोरोना संक्रमित करेंसी नोटों को वापस लेने और उन्हें साफ करने के निर्देश दिए गए थे। पहले किए गए एक अन्य अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस कांच और प्लास्टिक की सतहों की तुलना में कम दिनों के लिए कागज और कपड़े पर जीवित रह सकता है ।
इस साल की शुरुआत में आईआईटी मुंबई के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया था कि कोरोना कांच और प्लास्टिक की सतहों की तुलना में कम दिनों तक कागज और कपड़े पर जीवित रह सकता है । वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया कि यह वायरस कांच पर चार दिन तक और प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर सात दिन तक जीवित रह सकता है।