जितिन के बाद ललितेशपति त्रिपाठी ने की कांग्रेस से बगावत

  •  कांग्रेस के हाथ से फिसलते पीढ़ियों पुराने रिश्ते
  • ललितेश के पार्टी छोड़ने से सतह पर आई अंतर्कलह

लखनऊ। 2017 के विधानसभा चुनाव में महज सात सीटों पर सिमटी कांग्रेस इस दफा प्रियंका वाड्रा के भरोसे बहुमत की सरकार बनाने के सपने संजो रही है, लेकिन कड़वी हकीकत आए दिन सामने आ रही है। संगठन की मजबूती के दावे कर रही पार्टी के हाथ से पीढ़ियों पुराने रिश्ते भी फिसलते जा रहे हैं। पुराने कांग्रेसियों की उपेक्षा के आरोप को भले ही पार्टी नेतृत्व खारिज करता रहे, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के बाद चार पीढ़ियों से पार्टी से जुड़े खानदान के नौजवान नेता ललितेशपति त्रिपाठी ने इसी आरोप के साथ कांग्रेस का हाथ झटककर अंतर्कलह और नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस के कद्ïदावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी का कांग्रेस को अलविदा कहना पार्टी को चुनाव से पहले दूसरा बड़ा झटका है। पार्टी के प्रमुख ब्राह्मïण चेहरों में शामिल रहे जितिन प्रसाद के भाजपा का दामन थामने के बाद अब ललितेशपति के पार्टी छोड़ने पर पार्टी में नए-पुरानों के बीच चल रही उठापटक फिर उजागर हो गई है। वह भी तब चुनाव की दहलीज पर खड़े उत्तर प्रदेश में विभिन्न राजनीतिक दल अपने संगठन को मजबूत करने के साथ ही ब्राह्मïणों को साधने के सभी जतन कर रहे हैं।

पुराने कांग्रेसियों की उपेक्षा से आहत थे ललितेश

ललितेशपति पूर्वांचल में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मïण चेहरों में एक थे। हो सकता है कि मिर्जापुर की मड़िहान सीट से 2012 में विधायक चुने जाने के बाद दो लोकसभा और एक विधानसभा चुनाव में मिली पराजय ने राजनीतिक पुनर्वास के लिए उन्हें नया ठीहा तलाशने के लिए मजबूर किया हो, लेकिन उनके इस्तीफे से पार्टी में पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की टीस साफ सुनी जा सकती है। ललितेशपति ने कहा कि पुराने कांग्रेसियों की उपेक्षा से आहत हैं। कुछ कमियां दिख रही थीं। उन्हें सुधारने के प्रयास सफल न होने पर यह कदम उठाना पड़ा।

सपा हो सकती है नया ठिकाना

पूर्व सांसद अन्नू टंडन के कांग्रेस छोड़कर सपा में जाने के साथ ही यह कयास लगने लगे थे कि ललितेशपति भी जल्द इसी राह पर चल देंगे। माना जा रहा है कि कांग्रेस छोड़ने के बाद ललितेश सपा में शामिल हो सकते हैं।

लोकायुक्त की नियुक्ति न होने पर उत्तराखंड सरकार को नोटिस

देहरादून। राज्य में भ्रष्टïाचार पर नकेल कसने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। उत्तराखंड में लोकायुक्त नियुक्त किए जाने को लेकर हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हल्द्वानी के रवि शंकर जोशी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि सरकार ने 2013 में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए एक्ट तैयार किया था, जिसके कानून सख्त थे लेकिन 2014 में सरकार ने एक्ट वापस लेकर पूरे एक्ट में बदलाव कर दिया और 2014 का संसोधन एक्ट बनाते हुए शर्त रख दी कि जिस दिन लोकायुक्त नियुक्त होगा उसी दिन से एक्ट प्रभावी होगा। अब 8 साल बीतने के बाद भी लोकायुक्त नियुक्त नहीं होने पर कोर्ट से मांग की गई है कि लोकायुक्त की नियुक्ति हो ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके। इस याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरएस चौहान व जस्टिस आलोक कुमार की बेंच ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं हो सकी। अधिवक्ता राजीव बिष्ट ने बताया कि अगर राज्य में लोकायुक्त नियुक्त होगा तो भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आएगी और कोर्ट में जो भ्रष्टाचार के मामले पेंडिंग हैं, उनमें भी कमी आएगी।

2013 का एक्ट काफी मजबूत

हाईकोर्ट में रवि शंकर जोशी के वकील राजीव बिष्ट ने बताया कि 2013 में जो एक्ट सरकार लेकर आई थी, वह काफी मजबूत था। उसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर प्रावधान थे पर बाद में इनमें बदलाव कर एक्ट को कमजोर कर दिया गया। राजीव बिष्ट ने बताया कि 2016 में भी ये मामला हाईकोर्ट में उठाया गया था लेकिन सरकार ने कहा कि ऐसा ही मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। इसके बाद याचिका वापस ले ली गई लेकिन साल 2018 में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2017 में एक्ट लाए गए हैं और एक्ट पास होने के तीन महीने के लोकायुक्त नियुक्त कर देंगे, जो अभी भी नहीं हुआ है।

दादा की जन्मस्थली से जयंत चौधरी शुरू करेंगे आशीर्वाद पथ

लखनऊ। राष्टï्रीय लोकदल के राष्टï्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी पश्चिम उत्तर प्रदेश में पार्टी की जड़ों को मजबूत करने के लिए आशीर्वाद पथ सात अक्टूबर से अपने दादा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जन्मस्थली नूरपुर, हापुड़ से शुरू करेंगे। आगामी विधानसभा के चुनावों के मद्देनजर सभी पार्टियों ने अपनी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। राष्टï्रीय लोकदल भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गया है। पार्टी को धार देने में जुटे हैं जयंत चौधरी। बीते दिनों बागपत में जयंत चौधरी पगड़ी भी पहनाई गई थी तब उन्होंने कहा था कि वे इस पगड़ी को झुकने नहीं देंगे। रालोद के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरज उज्जवल ने बताया कि रालोद का आशीर्वाद पथ के जरिए पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी हर दिन दो जिलों में जाएंगे। पहले जिले में सुबह 11 बजे व दूसरे जिले में दोपहर डेढ़ बजे में जाएंगे। जयंत चौधरी सात अक्टूबर को हापुड़ के नुरपुर से आशीर्वाद पथ का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद जयंत अलीगढ़ के खैर, 11 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना, बिजनौर के चांदपुर, 13 अक्टूबर को हाथरस के सादाबाद, बुलंदशहर के बीबी नगर, 16 अक्टूबर को सहारनपुर के गंगोह, गाजियाबाद के मुरादनगर, 18 अक्टूबर को शामली का थानाभवन, मेरठ के सिवालखास, 20 अक्टूबर को अमरोहा का नौगावा सादात, गौतमबुद्धनगर के जेवर, 25 अक्टूबर को आगरा के फतेहपुर सीकरी, मथुरा के गोवर्धन, 27 अक्टूबर को रामपुर के बिलासपुर, मुरादाबाद के कांठ जाएंगे। आशीर्वाद पथ का समापन 28 अक्टूबर को बागपत के बड़ौत में होगा। कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से जुटने के लिए कहा गया है।

60 हजार करोड़ की ठगी का आरोपित राशिद दुबई से भारत लाया जाएगा

लखनऊ। लुभावने स्कीम दिखाकर हजारों लोगों के 60 हजार करोड़ रुपए हड़पने के आरोपित शाइन सिटी कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम को भारत लाया जाएगा। आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) ने आरोपित को दुबई से प्रत्यर्पण कराकर यहां लाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर गृह मंत्रालय को भेज दिया है। गृह मंत्रालय अब राशिद को भारत लाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही राशिद को लखनऊ लाया जाएगा। शाइन सिटी कंपनी पर देशभर में करीब पांच हजार से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। खास बात ये है कि अभी भी लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी समेत अन्य जिलों में मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। सिर्फ राजधानी में तीन हजार मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें इओडब्ल्यू 284 मुकदमों की विवेचना कर रही है, जो करोड़ों की ठगी के हैं। कंपनी में एमडी राशिद के भाई आसिफ नसीम को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। आसिफ पर भी हजारों मुकदमे दर्ज हैं। सूत्रों का कहना है कि आसिफ भारत में ही छिपा है। अभी तक उसके दुबई में छिपे होने की पुष्टि नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि आसिफ अलग अलग ठिकाने बदलकर रह रहा है। राशिद की पत्नी शगुफ्ता के गिरफ्तार किए जाने के बाद मुकदमों में फरार चल रहे आरोपित सतर्क हो गए हैं। इओडब्ल्यू की टीम कुछ संभावित स्थानों पर आसिफ व अन्य की तलाश कर रही है।

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