तो इस आधार पर मिलेगा विधानसभा चुनाव में टिकट

लखनऊ। पश्चिम बंगाल में मिली हार के बाद भाजपा ने सबक लिया है और यूपी को अपनी प्राथमिकता में रखते हुए चुनावी तैयारियों को अभी से तेज कर दिया है। भाजपा इस बात को अचछी तरह से जानती है कि राष्टï्रीय राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत रखने के लिए उसका यूपी फतह करना जरूरी है। इसके लिए भाजपा ने अभी से कमर कस ली है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर की गति धीमी पड़ रही है, इसलिए भाजपा ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए अपनी चुनावी रणनीतियों पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है । इस बीच बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करने का फैसला किया है। इतना ही नहीं उनका भविष्य विधानसभा चुनाव में विधायकों के प्रदर्शन की रिपोर्ट पर ही तय होगा। इससे साफ है कि प्रदर्शन रिपोर्ट के जरिए पार्टी विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण पर फोकस करेगी।
सूत्रों की मानें तो बीजेपी यूपी में संगठन के जरिए बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक हर विधायक की परफॉर्मेंस रिपोर्ट लेगी। विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट सिर्फ संगठन के फीडबैक पर ही तैयार नहीं की जाएगी, बल्कि पार्टी इसके लिए निजी एजेंसियों की मदद भी लेगी। पार्टी संगठन के फीडबैक और स्वतंत्र एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करेगी।
पार्टी ने तय किया है कि मौजूदा विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट को तीन श्रेणियों में रखा जाएगा। ये तीन श्रेणियां उत्कृष्ट, अच्छे और औसत हैं । सूत्रों की मानें तो जिन विधायकों की रिपोर्ट बेहतरीन होगी, उन्हें फिर से टिकट दिया जाएगा। साथ ही पार्टी स्तर पर और आने वाले चुनाव में उन विधायकों को भी बड़ी भूमिका देंगे। साथ ही जिन विधायकों की रिपोर्ट अच्छी श्रेणी में आएगी। पार्टी उन्हें भी बेहतर समझेगी और टिकट देने में उन्हें तरजीह देगी।
सूत्रों के मुताबिक जिन विधायकों की रिपोर्ट औसत श्रेणी में आएगी। उन विधायकों को पार्टी नेतृत्व की ओर से स्पष्ट संकेत मिल जाएगा कि अगले छह महीने में संगठन और उनके द्वारा चलाए जा रहे काम को जनता के बीच ले जाया जाए और जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा समय बिताए जाएं। इसके अलावा जनता के बीच अपनी छवि सुधारने के लिए उन्हें संकेत भी भेजा जाएगा, अन्यथा टिकट का सपना आगे छोड़ दें। यानी पार्टी इस श्रेणी में आने वाले विधायकों को अपनी छवि सुधारने का एक और मौका देगी। सूत्रों के मुताबिक, परफॉर्मेंस रिपोर्ट के आधार पर जिन विधायकों की रिपोर्ट औसत से कम यानी असंतोषजनक पाई गई है, पार्टी अन्य विकल्पों पर विचार करेगी।
सूत्रों के मुताबिक अगले एक से दो महीने में सभी विधायकों के बारे में रिपोर्ट आने की उम्मीद है। इसके अलावा केंद्रीय नेतृत्व भी विभिन्न मौकों पर विधायकों से समय पर फीडबैक लेगा ताकि चुनावी रणनीति बनाई जा सके। सूत्रों की मानें तो इस बार मानसून खत्म होने के बाद विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों को लेकर चर्चा शुरू हो जाएगी।
बता दें कि हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के नतीजों ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए काफी अहम है। इस वजह से पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने तीन दिन तक लखनऊ का दौरा कर प्रदेश सरकार के मंत्रियों और प्रमुख नेताओं से सरकार और संगठन के कामकाज के बारे में चर्चा की थी। जबकि यूपी प्रभारी राधामोहन सिंह भी लगातार लखनऊ आ रहे हैं। बेशक बीजेपी किसी भी कीमत पर यूपी में सत्ता से बाहर नहीं जाना चाहती, इसलिए पार्टी ने अभी से अपनी तैयारियां तेज कर दीं हैं। जल्द ही इन रिपोर्ट के हाईकमान के पास पहुंचने के बाद यूपी भाजपा में तेज हलचल देखने को मिलेगी।

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