….तो क्या जातीय जनगणना के मसले साथ हैं नीतीश और तेजस्वी

नई दिल्ली। राजद नेता तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना को लेकर केंद्र और राज्य की नीतीश सरकार पर निशाना साधा। तेजस्वी यादव ने कहा कि जनगणना के मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 4 तारीख को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन आज तक उन्हें समय नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बंगाल और पंजाब के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं लेकिन बिहार ने उन्हें 39 सांसद दिए, वह उस राज्य के मुख्यमंत्री से नहीं मिल रहे हैं। यह बिहार के मुख्यमंत्री का अपमान है। सीएम नीतीश कुमार इस बात को समझते हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हम शुरू से ही जातीय जनगणना को लेकर मांग करते आ रहे हैं। राजद के लोगों ने इसके लिए सडक़ से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ी है। बिहार विधानमंडल द्वारा दो बार जातीय जनगणना का प्रस्ताव पारित किया गया और भाजपा भी इसमें शामिल हुई। हमने मांग की थी कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक समिति प्रधानमंत्री से मिलनी चाहिए, हमने इस संबंध में सीएम से भी मुलाकात की थी। लेकिन पीएम नीतीश कुमार को मिलने का समय नहीं दे रहे हैं।
राजद नेता ने कहा कि हमारी मांग है कि यदि केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराती है तो फिर राज्य सरकार को अपने खर्चे पर इसका संचालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने संसद में जवाब दिया है कि वह जातीय जनगणना नहीं करवाएगी। जातिगत जनगणना कराने का मतलब यह नहीं है कि हम जातिगत राजनीति करें। यह समाज के अंतिम सीढ़ी पर खड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाने और उनके उत्थान के लिए है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारे देशहित और जनहित की इस मांग को सुना जाएगा। उन्होंने ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की भी मांग की। तेजस्वी ने कहा कि अभी सदन से जो ओबीसी बिल पास हुआ है, उसने राज्य सरकारों को किसी को भी ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि 4 लोगों के लिए बना कमरा अगर इसमें 15 लोगों को रखा जाएगा तो फिर कमरे को भी बढ़ाने की जरूरत है। मेरी मांग है कि ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत से बढ़ाया जाए।

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