नौ दिन चले अढ़ाई कोस की राह पर स्वनिधि योजना, चल रहा पंजीकरण का खेल

कोरोना काल में पटरी दुकानदारों को लोन देने के लिए लाई गई है योजना
लक्ष्य का पचास फीसदी ही हुआ पंजीकरण, नगर निगम के चक्कर काट रहे दुकानदार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना काल में पटरी दुकानदारों को लोन मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई स्वनिधि योजना नौ दिन चले अढ़ाई कोस की तर्ज पर घिसट रही है। नगर निगम अभी कागजी कार्रवाई में ही उलझा है। यही नहीं पटरी दुकानदारों का पंजीकरण भी बेहद धीमी गति से चल रहा है। यह लक्ष्य का पचास फीसदी भी नहीं हो सका है। वहीं पटरी दुकान नगर निगम से लेकर डूडा तक के चक्कर काट रहे हैं।
इस योजना के जरिए बिना शर्त पटरी दुकानदारों को लोन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है ताकि कोरोना काल में आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके पटरी दुकानदार सूदखोरों के जाल में न फंसे। सडक़ किनारे, ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों को यह कर्ज दिया जाएगा। फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें भी इस श्रेणी में शामिल की गई हैं। नगर निगम ने 7786 पटरी दुकानदारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा है जिसमें महज 3054 दुकानदारों का ही अभी तक पंजीकरण हो सका है। लखनऊ नगर निगम जोन एक में सबसे अधिक पटरी दुकानदार हैं। इसमें अमीनाबाद, चारबाग और हजरतगंज के इलाके आते हैं। लेकिन यहां अभी तक 2513 को अचल और 541 चल पटरी दुकानदारों के रूप में चिन्हित किया जा सका है। लॉकडाउन के कारण ऐसे दुकानदारों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इनकी आजीविका पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है। हैरानी की बात यह है कि अभी तक पंजीकरण फार्म भरवाने का काम भी नहीं पूरा हो सका है। इसके बाद इन फार्मों को डूडा को भेजा जाएगा और डूडा इनको बैंकों को भेजेगी। जाहिर है, योजना का लाभ पटरी दुकानदारों को कब मिलेगा, इसका पता किसी को नहीं है। वहीं पटरी दुकानदार लोन के लिए पंजीकरण व अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति के लिए नगर निगम और डूडा के चक्कर काट रहे हैं।

कब शुरू हुई योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक जून को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस योजना को हरी झंडी दी गई थी। इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को छोटी राशि का कर्ज उपलब्ध कराया जाता है और किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाएगी।

अधिकतम दस हजार का लोन
स्वनिधि योजना के तहत अधिकतम 10 हजार रुपये तक का लोन मिलता है। यह कारोबार को शुरू करने में मदद करता है। यह बेहद आसान शर्तों के साथ दिया जाता है।

कितना है ब्याज

इस योजना के तहत रियायती दरों पर कर्ज दिया जाता है। सहायक नगर आयुक्त सुभाष कुमार ने बताया कि मीटिंग में लोन की दर 2.5 प्रतिशत निर्धारित की गई है। यह पहले 5 प्रतिशत तय हुई थी। समय से कर्ज का भुगतान करने वालों को ब्याज में खास छूट दी जाएगी। इसके साथ कैशबैक भी मिलेगा।

कितना है सरकारी आवंटन
केंद्र सरकार ने इस स्कीम के लिए पांच हजार करोड़ रुपये की राशि रखी है। इसके लिए कोई कड़ी शर्त नहीं होगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को फायदा मिल सकेगा।

यहां से भी ले सकते हैं जानकारी

सबसे पहले आवेदक को स्कीम की आधिकारिक वेबसाइट द्धह्लह्लश्च://श्चद्वह्य1ड्डठ्ठद्बस्रद्धद्ब.द्वशद्धह्वड्ड.द्दश1.द्बठ्ठ/ पर जाना होगा। इसके बाद कंप्यूटर स्क्रीन पर होम पेज खुल जाएगा। यहां से जरूरी जानकारियां ली जा सकती है और ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है।

इस योजना में हम अधिक से अधिक लोगों को जोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। अभी 7786 का लक्ष्य तय किया गया था,जिसमें से पचास प्रतिशत लोगों को पंजीकृत कर लिया गया है। सभी को योजना का जल्द लाभ मिलेगा।
सुभाष कुमार, सहायक नगर
आयुक्त, जोन एक

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