ब्राह्मïणों के अपमान का सबसे बड़ा उदाहरण है लक्ष्मीकांत बाजपेयी

  • आजतक चैनल पर पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने कहा
  • लक्ष्मीकांत बाजपेयी बोले- खुशी दुबे के साथ हुआ अन्याय

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। राजधानी लखनऊ के होटल ताज में आयोजित आज तक चैनल के एक कार्यक्रम में बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा खुशी दुबे के साथ अन्याय हुआ है। उसका कोई कसूर नहीं है। सरकार को विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा बीजेपी को ब्राह्मïणों का पूरा समर्थन है। वहीं अयोध्या से सपा नेता व पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने कहा, ब्राह्मïणों के अपमान का सबसे बड़ा उदाहरण हैं लक्ष्मीकांत बाजपेयी। आज जिस तरह बीजेपी में ब्राह्मïणों की उपेक्षा हो रही है, वह निराशाजनक है। ब्राह्मïण बीजेपी से खासे नाराज है। ब्राह्मïणों की नाराजगी का परिणाम कुछ ही महीनों में देखने को भी मिलेगा। पवन पांडेय ने कहा सपा चुनाव लड़ती है, जिससे उत्तर प्रदेश मजबूत बने, पार्टी ने जो भी काम किए हैं वो उत्तर प्रदेश को मजबूत बनाने के लिए किए हैं। बैठक में लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा, भारतीय जनता पार्टी सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है। यहां हर कार्यकर्ता का सम्मान है। विपक्ष ब्राह्मïणों के नाम पर सिर्फ राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं जो कभी मिलने वाला नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने वाले आरोपी जितेंद्र सिंह बबलू को पार्टी में शामिल करना ठीक नहीं है। यह पार्टी स्वच्छ राजनीति करने वाली पार्टी है। बबलू सिंह के बारे में भाजपा को विचार करना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष का यह निर्णय गलत है। लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा 64 का कार्यकर्ता हूं। तब से लेकर पार्टी ने सम्मान दिया। जो पार्टी घर बैठे कार्यकर्ता को अध्यक्ष बना सकती है तो पता नहीं कब अपनी आवश्यकतानुसार बुलाएगी और कब कौन से पद दे दिया जाए। कब किससे क्या काम लेना यह पार्टी तय करती है। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कार्यक्रम में बीजेपी को घेरते हुए लक्ष्मीकांत बाजपेयी से कहा धर्म के आधार पर किसी को पकड़ा जाता तो हमारा वोट बैंक होता। कांग्रेस सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। कांग्रेस ने यूपी में छह मुख्यमंत्री ब्राह्मïण दिए तो बीजेपी ने यूपी जैसा राज्य में किसी ब्राह्मïण को क्यों नहीं बनाया मुख्यमंत्री। उन्होंने कहा आपकी यानी बाजपेयी की सेवा को देखते हुए यह घोषित कर दिया जाए तो बीजेपी इन्हें अगला मुख्यमंत्री बनाएगी लेकिन इस पार्टी में ऐसा नहीं होता है। दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री तो बना दिए जाते मगर मुख्यमंत्री नहीं। इस पर जवाब देते हुए बाजपेयी ने कहा भारतीय जनता पार्टी में कमल का फूल मुख्यमंत्री बनता है।

रीता बहुगुणा की नाराजगी जायज है : दिनेश शर्मा

किसानों के मुद्दे पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा किसान बीजेपी की प्राथमिकता है। राज्य सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम उठाया है। प्रदेश में कोरोना काल में हुई मौतों और गंगा में तैरती लाशों के सवाल पर दिनेश शर्मा ने कहा कि ऐसी तस्वीरें अपवाद थीं। कोरोना काल में यूपी का प्रबंधन दुनियाभर में आदर्श मॉडल है। रीता बहुगुणा जोशी की नाराजगी को लेकर उप मुख्यमंत्री ने कहा पार्टी में उनकी बात सुनी जाएगी। उनकी नाराजगी जायज है। उनकी प्रदेश अध्यक्ष से बात होने दीजिए।

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने स्वीकार किया यूपी में समय से नहीं थी ऑक्सीजन की तैयारी

बीजेपी के लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने माना कि यूपी में समय से ऑक्सीजन की तैयारी नहीं थी। हालांकि सरकार ने हर जरूरी और संभव प्रयास किया और आपदा को बढ़ने नहीं दिया। इस पर प्रमोद तिवारी ने कहा यदि डोनाल्ड ट्रंप की चापलूसी के लिए उनका इंतजार किया न जाता तो कोरोना इतना भयावह नहीं होता।

ब्राह्मïण समाज को धर्म के नाम पर बहकाया गया

ब्राह्मïण वोट को लेकर बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र ने कहा प्रदेश में ब्राह्मïण समाज को धर्म के नाम पर बहकाया गया। उन्होंने कहा बीजेपी सरकार में ब्राह्मïणों की हत्याएं हो रही हैं। वहीं अयोध्या में मंदिर के नाम पर चंदा चोरी हो रहा है।

किसानों को समर्थन देने जंतर मंतर पहुंचे विपक्ष के नेता

  • राहुल गांधी बोले- जासूसी प्रकरण पर बात नहीं करती भाजपा

4पीएम न्यूज नेटवर्क. दिल्ली। विपक्ष ने पेगासस जासूसी प्रकरण, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़त और कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग को जारी रखने का फैसला लिया है। इसी क्रम में आज राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता बस से जंंतर मंतर पहुंचे और किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर नारेबाजी की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, आज सभी विपक्षी पार्टियों ने काले कानूनों को हटाने के लिए अपना पूरा समर्थन दिया। हम संसद में पेगासस की बात करना चाहते हैं, वहां पर वो पेगासस की बात नहीं होने दे रहे हैं। आज सुबह बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने जंतर मंतर पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की भी बात कही थी। ये सभी नेता किसानों के समर्थन में संसद से जंतर मंतर तक पैदल जाने का फैसला लिया था। बता दें कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में यह बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा एवं जयराम रमेश, द्रमुक के टीआर बालू, शिवसेना के संजय राउत और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि संसद सत्र के मद्देनजर किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर पिछले कुछ दिनों से सांकेतिक ‘संसदÓ का आयोजन किए हुए हैं। किसान संगठनों की मांग तीनों कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की है। राहुल की ब्रेकफास्ट मीटिंग से गायब आम आदमी पार्टी समेत 14 दलों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। सदन में विपक्ष की मांग को न मानने का आरोप सरकार पर लगाया गया है। एक दिन पहले खड़गे ने सरकार पर आरोप लगाया था और कहा था कि मुद्ïदों को सरकार नहीं सुलझा रही है और केवल विधेयकों को पारित करवा रही है।

खेल रत्न अवॉर्ड से हटा राजीव गांधी का नामअब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड होगा नाम

4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। भारत के खेल इतिहास में सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्व जिसे हॉकी के जादूगर के नाम से जाना जाता है। मेजर ध्यानचंद ने भारत को दुनिया में अलग पहचान दिलाई और अब भारत सरकार ने उनको सबसे बड़ा सम्मान देते हुए उनके नाम पर खेल के सबसे बड़ा अवार्ड का नाम रखने की घोषणा की है। खेल रत्न अवार्ड खेल की दुनिया में शानदार उपलब्धि हासिल करने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है। इसका नाम राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड है जिसे अब बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की जानकारी देशवासियों को दी। उनके ट्विटर हैंडल से पोस्ट में लिखा गया कि मेजर ध्यानचंद भारत के महान खिलाड़ियों में से हैं और उनके नाम पर खेल के सबसे बड़े अवार्ड का नाम रखा जाना ही उचित होगा। ट्विटर संदेश में लिखा गया, मेजर ध्यानचंद भारत के खिलाड़ियों में अग्रणीय हैं जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया और सम्मान दिलाया। यह बिल्कुल सही होगा अगर देश के खेल के सबसे बड़े अवार्ड का नाम उनके नाम पर रखा जाए। देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।

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