स्वतंत्र देव बोले- यूपी में महंगाई कोई मुद्दा नहीं, विपक्ष ने लिया आड़े हाथ

  • विपक्ष बोला, सत्ता पाने के लिए आम जनता को मुद्दों से भटका रही भाजपा
  • महंगाई ही नहीं, बेरोजगारी ने भी तोड़ दिए हैं सारे रिकॉर्ड, लोग हो रहे परेशान
  • केवल पूंजीपति घरानों का हित साधना ही है भाजपा का प्रमुख एजेंडा
  • आज तक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बयान देकर घिरे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। भले ही देश और प्रदेश की जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्राहि-त्राहि कर रही हो लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के लिए यूपी में महंगाई नहीं है। आज तक न्यूज चैनल के एक कार्यक्रम में उन्होंने न केवल प्रदेश में महंगाई की समस्या होने से इंकार कर दिया बल्कि यह भी कहा कि यह कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। स्वतंत्रदेव के इस बयान पर विपक्ष ने आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा का एजेंडा केवल पूंजीपति घरानों का हित साधना है, ऐसे में उन्हें आम जनता की परेशानियां कैसे दिखेंगी। भाजपा केवल लोगों को भटकाने के लिए इस तरीके का एजेंडा चलाती है लेकिन जनता चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी। पंचायत आज तक कार्यक्रम के मंच से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बढ़ती महंगाई के सवाल पर कहा कि यूपी में महंगाई है ही नहीं। वे दिनभर सुबह से शाम तक लोगों से मिलते हैं और उन्हें एक भी व्यक्ति महंगाई से नाराज नहीं मिलता। प्रदेश में न महंगाई है और न ही महंगाई कोई चुनावी मुद्दा है। वहीं यूपी में हाल में हुए पंचायत चुनावों की हिंसा के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में चुनाव बिल्कुल निष्पक्ष हुए हैं। कुछ हिस्सों से जरूर ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं। जिन लोगों ने ऐसी हरकतें की हैं उन्हें सरकार बख्शेगी नहीं। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर विपक्ष ने जोरदार पलटवार किया है। विपक्ष ने कहा कि सत्ता में आने के पहले भाजपा के लिए महंगाई मुद्दा थी लेकिन अब तो वह पूंजीपतियों का हित साधन करने में जुटी है। जनता महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है लेकिन प्रदेश सरकार को यह दिखाई नहीं पड़ रहा है। इसका खामियाजा उसे विधान सभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

तो क्या आरबीआई बोल रहा झूठ

नई दिल्ली। आज जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश में महंगाई नहीं होने का बयान दे रहे थे ठीक उसी समय दिल्ली में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई के बढ़ने का अनुमान जताया। केंद्रीय बैंक ने आपूर्ति पक्ष की बाधाओं, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और कच्चा माल महंगा होने की वजह से चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ा दिया है। वित्त वर्ष 2021-2022 में (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) पर आधारित मुद्रास्फीति 5.7 फीसदी रह सकती है जबकि जून में हुई आरबीआई की पिछली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने इस वर्ष के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी रह सकती है, तीसरी तिमाही में 5.3 और चौथी तिमाही में यह 5.8 फीसदी हो सकती है।

 

सत्ता में आने से पहले भाजपा के लिए महंगाई मुद्दा थी। तब ये सिलेंडर लेकर विरोध प्रदर्शन किया करते थे। सत्ता में आने के बाद इनका एजेंडा पूंजीपतियों का किसी भी कीमत पर हित साधना है। उन्हें आम जनता की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है। इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में उनको भुगतना पड़ेगा।

जीशान हैदर, प्रवक्ता कांग्रेस

उत्तर प्रदेश की जनता सब जानती है। स्वतंत्र देव कह रहे हैं कि यूपी में महंगाई नहीं है और यह कोई चुनावी मुद्दा नहीं है, यही बात वे कैमरे के सामने कागज पर लिखकर दे दें।

आईपी सिंह, राष्टï्रीय प्रवक्ता, सपा

पेट्रोल, डीजल महंगा होता जा रहा है। बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है। रोजमर्रा की चीजें लगातार महंगी होती जा रही हैं लेकिन भाजपा को जनता की चिंता नहीं है। वह जनता को भटकाने के लिए ऐसे बयान जारी करती रहती है।

सभाजीत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आप

प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरा देश महंगाई से जूझ रहा है। महंगाई के साथ बेरोजगारी ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। गरीब और मध्यमवर्ग परेशान है लेकिन भाजपा को महंगाई नहीं दिख रही है। दरअसल, भाजपा के नेता लोगों को भटकाने के लिए इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं। चुनाव में महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य ही मूल मुद्दा होगा।

अनुपम मिश्रा, राष्टï्रीय प्रवक्ता, आरएलडी

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