भारतीय संस्कृति की दुहाई देने वाले भाजपा सरकार में ये क्या हो रहा है!

कारोबारियों ने तीन युवतियों के साथ पार कीं दरिंदगी की हदें! नंगा कर कराते थे डांस... जबरन पिलाते थे बीयर

नौकरी के नाम पर युवतियों के साथ हो रहा था यौन शोषण

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बांदा। भारतीय संस्कृति की दुहाई देने वाले बीजेपी राज वाले यूपी में समाज में व्यवस्था तार-तार हो रही है। क हीं हुड़दंगी छात्रों को टोकने पर महिला को गोली मार दी रही है तो क हीं पत्नी पति के टुकड़े-टुकड़े कर रही है तो कहीं अबोध बच्चियों के साथ दुराचार की घटनाएं बढ़ रही है। समाज व सरकार धर्म के नाम पर सियासत में फंसी हुई हैं।
बतादें उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है। बांदा में तीन युवतियों का यौन शोषण किया गया। आरोप कारोबारियों पर लगा है। तीन कारोबारियों पर नौकरी देने के बहाने उत्पीडऩ करने का आरोप लगा है। वहीं, मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। तीन युवतियों के यौन शोषण के मामले में पुलिस ने अब तक न तो मेडिकल परीक्षण कराया न बयान दर्ज कराए हैं। मामले की जांच कर रहे सीओ सिटी राजीव प्रताप सिंह का कहना है कि पीडि़ताओं का मेडिकल परीक्षण बुधवार को कराया जाएगा। साथ ही मजिस्ट्रेटी बयान भी दर्ज कराए जाएंगे। सवाल यह है कि जब पहले ही दिन युवतियों ने पेन ड्राइव में सबूत सौंप दिए थे, तो पुलिस कार्रवाई में इतनी देरी क्यों कर रही है? जानकारी के अनुसार, तीन युवतियों ने नौकरी दिलाने के नाम पर शहर के तीन कारोबारियों पर कोतवाली थाने में 22 मार्च को यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

युवतियों के साथ करते थे दुष्कर्म

युवतियों के मुताबिक, इंटरनेट में वीडियो प्रचलित करने की धमकी से तीनों बुरी तरह से डर गई थीं। उनकी सहेली, जोकि अनुसूचित जाति है, उसे जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया। यह भी आरोप लगाया है कि तीनों आरोपी उन्हें निर्वस्त्र करके डांस कराते थे। जबरन बियर और सिगरेट पिलाते थे। जब तीनों नशे में हो जाती थीं, तो उनके साथ दुष्कर्म करते थे। यह भी आरोप लगाया है कि तीनों रईसजादों ने और भी लड़कियों को शिकार बनाया है, लेकिन वह बदनामी के डर से सामने नहीं आ रही हैं।

मेडिकल व बयान आज लेगी पुलिस

पीडि़ताओं ने साधी चुप्पी शहर की तीन युवतियों की ओर से यौन शोषण की दर्ज कराई गई रिपोर्ट के बाद से उनके घरवालों ने चुप्पी साध ली है। रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद युवतियां भी सामने नहीं आ रही हैं। पीडि़ताओं और उनके घरवालों से बात करने का प्रयास किया गया तो एक पीडि़ता के घरवालों ने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया, जबकि दो पीडि़ताएं फोन नहीं उठा रही हैं। युवतियों की ओर से दी गई पेन ड्राइव और तहरीर के आधार पर जांच की जा रही है। विवेचना सीओ सिटी कर रहे हैं। पीडि़ताओं के मेडिकल और बयान दर्ज कराने कार्रवाई की जा रही है।- अंकुर अग्रवाल, एसपी, बांदा।

एक कारोबारी ने आरोपों को बताया गलत, दो ने चुप्पी साधी

एक आरोपी ऑटो पार्ट्स व्यापारी व जिला परिषद चौराहा निवासी आशीष अग्रवाल का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्हें फर्जी फंसाया गया है। वह पीड़िताओं को जानते तक नहीं हैं। दूसरे आरोपी गुटखा व्यवसायी स्वतंत्र साहू और ठेकेदार लोकेंद्र सिंह चंदेल ने मोबाइल फोन बंद कर रखा है। तहरीर में चौथे व्यक्ति अलीगंज मोहल्ला निवासी नवीन का जिक्र किया है। उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

भूपेश बघेल के आवास पर सीबीआई की छापेमारी

नहीं कम हो रहीं छत्तीसगढ़ पूर्व सीएम की मुश्किलें
6000 करोड़ के महादेव एप घोटाले के मामले में दबिश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के आवास पर बुधवार को सीबीआई की टीम जांच करने पहुंची। बताया जा है कि सीबीआई की टीम रायपुर और भिलाई में जांच करने पहुंची है। इससे पहले ईडी की टीम ने भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी की थी। दबिश कथित 6,000 करोड़ रुपये के महादेव एप घोटाले के सिलसिले में की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की टीमों ने रायपुर और भिलाई में बघेल के आवास के साथ-साथ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री के एक करीबी सहयोगी के आवासीय परिसरों पर भी छापेमारी की। सीबीआई की टीम घर के अंदर जांच कर रही है और घर के बाहर पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले से मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे एवं अन्य के परिसरों पर 10 मार्च को छापेमारी की थी। सीबीआई की छापेमारी के लेकर भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, अब सीबीआई आई है। आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली कांग्रेस की बैठक के लिए गठित ड्राफ्टिंग कमेटी की मीटिंग के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। उससे पूर्व ही सीबीआई रायपुर और भिलाई निवास पहुंच चुकी है।

पूरी तरह से बौखला गई है भाजपा : सुशील आनंद

कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, इससे पहले उन्होंने (भाजपा ने) उनके आवास पर ईडी को भेजा था। आज सीबीआई भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई आवास पर आई है। उनका आज दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में खलल डालने के लिए भाजपा ने आज उनके आवास पर सीबीआई की टीम भेजी है। भाजपा बौखला गई है क्योंकि वह राजनीतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पा रही है।

सीबीआई बन गई धमकाने का हथियार : टीएस सिंह देव

बघेल के यहां छापे पर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बीजेपी पर निशाना साधा। टीएस सिंहदेव ने कहा कि बार-बार छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को सेंट्रल जांच एजेंसियों द्वारा परेशान किया जाना निंदनीय है। टीएस सिंहदेव ने एक्स पर लिखा, बार-बार छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को एजेंसियों द्वारा परेशान करना बेहद निंदनीय है। ये केवल भूपेश जी छवि को खराब करने की भाजपा की नाकाम कोशिश है। प्रदेश की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को चलाने में असमर्थ साबित हो रही है, इसीलिए जनता से जुड़े मुद्दों से का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे प्रयास कर रही है। उन्होंने आगे लिखा, पहले ईडी फिर सीबीआई जांच एजेंसियों को भाजपा की बी टीम बन कर काम करने से फुर्सत ही नहीं है। अभी हाल में ईडी द्वारा विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई की रिपोर्ट खुद सरकार को जब दिखानी पड़ी तो निश्चित हो गया कि यह केवल धमकाने और परेशान करने का हथियार बना हुआ है। भाजपा द्वारा राजनीतिक द्वेष की भावना से की जा रही यह कार्रवाई लोकतंत्र का हनन है।
बार-बार छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को एजेंसियों द्वारा परेशान करना बेहद निंदनीय है। ये केवल भूपेश जी छवि को खराब करने की भाजपा की नाकाम कोशिश है। प्रदेश की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को चलाने में असमर्थ साबित हो रही है।

राजनीति से प्रेरित : बाजवा

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, यह राजनीति से प्रेरित है, पहले भूपेश बघेल के घर पर ईडी का छापा और आज सीबीआई का। इसका साफ मतलब है कि भाजपा केवल कांग्रेस नेताओं को बदनाम करना चाहती है, मैं भाजपा से कहना चाहता हूं कि इन चीजों के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल न करें।

बघेल के आवास के बाहर जुटे समर्थक

भूपेश बघेल, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और चार आईपीएस अभिषेक पल्लव, एएसपी संजय ध्रुव, एसपी आरिफ शेख, आनंद छाबड़ा सहित दो सिपाही नकुल-सहदेव के घर सीबीआई ने छापा मारा है। महादेव सट्टा ऐप मामले में टीम ने दबिश दी है. जानकारी के मुताबिक सीबीआई की 10 से अधिक टीमें 26 मार्च की तडक़े रायपुर से निकली थीं। एक टीम रायपुर स्थित भूपेश बघेल के घर पहुंची।
उधर, भूपेश बघेल के घर के बाहर कांग्रेस समर्थकों की भी? लगी है और वे सीबीआई के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं।

संसद में नेता प्रतिपक्ष व स्पीकर में रार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी अब अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच गया है। मंगलवार को नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सदन में उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि मुझे नहीं पता कि क्या चल रहा है। मेरी अपील है कि मुझे बोलने दिया जाए, लेकिन जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता। ये सदन चलाने का तरीका नहीं है। स्पीकर उठे और एकदम से चले गए और सदन स्थगित कर दिया। नेता विपक्ष को बोलने का समय दिया जाता है। लोकतंत्र में सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष की भी जगह होती है, लेकिन विपक्ष को बोलने ही नहीं दिया जा रहा है। दरअसल लोकसभा की कार्यवाही के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नेता प्रतिपक्ष को सदन में नियमों के तहत आचरण करने की सलाह दी थी। इसके बाद उन्होंने तुरंत सदन को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया।

योगी के बयान पर नाराजगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुसलमान उत्तर प्रदेश में सबसे सुरक्षित हैं वाले बयान पर टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, योगी आदित्यनाथ सांप्रदायिक हैं। वह मस्जिदों को तोडक़र मंदिर बनाना चाहते हैं। हम योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं का विरोध करना चाहते हैं। यह (उनका बयान) सही नहीं है। संभल में क्या हुआ? क्या हाल ही में वहां दंगा नहीं हुआ?

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

स्तन पकडऩा और लडक़ी की सलवार की डोरी खींचना बलात्कार का प्रयास नहीं वाले फैसले को पलटा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संवेदनहीनता को रेखांकित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज बाल उत्पीडऩ के एक मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें न्यायाधीश ने कहा था कि स्तन पकडऩा और पायजामे की डोरी खींचना बलात्कार के प्रयास के बराबर नहीं है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि फैसले में कुछ टिप्पणियों को देखकर दुख हुआ और उन्होंने इस मामले पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि फैसला अचानक नहीं लिया गया और फैसला सुरक्षित रखने के चार महीने बाद दिया गया, इसलिए इसमें दिमाग का इस्तेमाल किया गया। जस्टिस बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि यह फैसले के लेखक की ओर से संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है। यह अचानक नहीं लिया गया और फैसला सुरक्षित रखने के चार महीने बाद दिया गया। इस प्रकार, इसमें दिमाग का इस्तेमाल किया गया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, हम आमतौर पर इस स्तर पर स्थगन देने में हिचकिचाते हैं। लेकिन चूंकि पैरा 21, 24 और 26 में की गई टिप्पणियां कानून के सिद्धांतों से अनभिज्ञ हैं और अमानवीय दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, इसलिए हम इन टिप्पणियों पर रोक लगाते हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से सहमति जताते हुए कहा कि कुछ फैसलों में उन्हें रोकने के कारण होते हैं। न्यायमूर्ति गवई ने कहा, यह एक गंभीर मामला है।
न्यायाधीश की ओर से पूरी तरह से असंवेदनशीलता। यह समन जारी करने के चरण में हुआ! हमें न्यायाधीश के खिलाफ ऐसे कठोर शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए खेद है। अदालत इस मामले की सुनवाई स्वत: संज्ञान से कर रही थी, जब वी द वूमन ऑफ इंडिया नामक संगठन ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी। पीडि़ता की मां ने भी शीर्ष अदालत में अपील दायर की है और इसे स्वत: संज्ञान मामले के साथ जोड़ दिया गया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र्र और उप्र सरकार से जवाब मांगा

सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा। न्यायालय ने कहा, हम केंद्र, उत्तर प्रदेश राज्य और उच्च न्यायालय के समक्ष पक्षकारों को नोटिस जारी करते हैं। विद्वान अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल न्यायालय की सहायता करेंगे।

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