मसला सम्मान का या दलित वोट का : इस बार राष्ट्रपति पर इतना प्यार क्यों आया सरकार को

  • विपक्ष बोला, विधान सभा चुनाव में सियासी फायदा उठाने के लिए करवाया गया दौरा

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। विधान सभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के यूपी दौरे को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। चर्चा है कि चुनाव से पहले भाजपा को राष्ट्रपति पर इतना प्यार क्यों आ रहा है। क्या यह महज सम्मान देने का मसला है या फिर दलित वोटों को लुभाने का भाजपा का नया दांव। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति का यह दौरा चुनाव में सियासी फायदा उठाने के लिए प्रायोजित किया गया है। यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रपति का दौरा दलित वोट को खासा प्रभावित करेगा क्योंकि रामनाथ कोविंद जब देश के राष्ट्रपति बने थे तो देशभर में दलित समाज ने मिठाइयां बांटी थी। उस समय बसपा प्रमुख मायावती समेत बड़े दलित नेताओं ने भी इसे दलित समाज के लिए सम्मान का क्षण बताया था। जाहिर है चुनाव से पहले राष्ट्रपति का यूपी दौरा और उनके द्वारा राजधानी लखनऊ में डॉ.भीमराव आंबेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास करना भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। विपक्ष का कहना है कि नाराज दलितों को खुश करने के लिए भाजपा यह नाटक कर रही है।

राष्ट्रपति कोविंद ने आंबेडकर स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र का किया शिलान्यास

राष्टï्रपति रामनाथ कोविंद ने आज लोकभवन से लखनऊ के ऐशबाग में बनने वाले भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का वर्चुअल शिलान्यास किया। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, दिनेश शर्मा, कानून मंत्री बृजेश पाठक सहित सरकार के मंत्री मौजूद रहे। 1.34 एकड़ में बनने वाले इस स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र में एक ओर जहां बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी तो बाबा साहेब की पवित्र अस्थियों के कलश को भी दर्शन के लिए रखा जाएगा। साथ ही 750 दर्शक क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, आभाषी संग्रहालय, पुस्तकालय, शोध केंद्र, डॉरमेट्री, कैफेटेरिया सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। राष्टï्रपति रामनाथ कोविन्द शाम करीब 5.30 बजे विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

ट्रेन से दौरा करने वाले तीसरे राष्ट्रपति

देश के राष्टï्रपति बनने के बाद से राष्टï्रपति रामनाथ कोविंद की यह पहली ट्रेन यात्रा है। इससे पहले भारत के पूर्व राष्टï्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने 15 साल पहले दिल्ली से देहरादून की यात्रा ट्रेन से की थी। उनसे पहले भारत के पहले राष्टï्रपति राजेंद्र प्रसाद ने ट्रेन से यात्रा करने का रिकॉर्ड बनाया था।

यह तीसरा दौरा है यूपी का

राष्टï्रपति बनने के बाद से रामनाथ कोविंद का यह यूपी का तीसरा दौरा है। इससे पहले राष्ट्रपति 14 सितंबर 2017 को पहली बार यूपी आए थे। तब वह विशेष विमान से दो दिन के दौरे पर लखनऊ आए थे। तब उनकी अगवानी चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर तत्कालीन गवर्नर राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। उन्होंने इस दौरान कानपुर व लखनऊ के आयोजित कार्यक्रमों में स्वच्छता ही सेवा के विजन को फोकस किया था। दूसरा दौरा उन्होंने 13 मार्च 2021 को वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दरबार में मत्था टेक कर किया था। राष्टï्रपति ने सपरिवार गंगा आरती भी की। इससे पहले कोविंद एनडीए के राष्ट्रपति कैंडिडेट के तौर पर सपोर्ट जुटाने 25 जून को लखनऊ आए थे। राष्टï्रपति अब तक विमान सेवा ही लेते रहे हैं।

राष्ट्रपति ने माथे से लगाई अपने गांव की मिट्टी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को अपने पैतृक गांव कानपुर के परौंख पहुंचे। उन्होंने यहां हेलीकॉप्टर से उतरते ही अपने गांव की मिट्टी को माथे से लगा लिया। नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह एक दिन देश के राष्ट्रपति बनेंगे लेकिन देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था ने ऐसा कर दिखाया।

राष्ट्रपति का सम्मान पूरा देश करता है। वे पूरे देश के दौरे पर जाते हैं। रही बात भाजपा की तो भाजपा शुरू से ही दलितों का उत्थान करती आई है। भारत रत्न आंबेडकर के प्रति भाजपा समर्पित है। विपक्ष बेवजह बयान देता रहता है। विपक्ष दलितों के नाम पर राजनीति करता आया है। यह बड़े ही दुख की बात है।

दयाशंकर दुबे, प्रवक्ता, भाजपा

विधान सभा चुनाव के नजदीक आते ही यूपी की भाजपा सरकार द्वारा बाबा साहेब के नाम पर Óसांस्कृतिक केन्द्रÓ का शिलान्यास करना नाटकबाजी नहीं तो और क्या है? बीएसपी बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर के नाम पर कोई केन्द्र आदि बनाने के खिलाफ नहीं है, परन्तु चुनावी स्वार्थ के लिए यह सब करना घोर छलावा है।

मायावती, बसपा प्रमुख

देश के राष्ट्रपति जाति, धर्म व हर वर्ग को साथ लेकर चलते है । राष्ट्रपति के दौरे का भाजपा राजनीतिककरण कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा के लोग राष्ट्रपति को किसी एक जाति में बांधकर उनके गरिमामय पद का अपमान कर रहे हैं। चुनाव में भाजपा को फायदा नहीं मिलेगा। दलित समाज भाजपा से नाराज है। अब अगली सरकार सपा की बनेगी।

निधि यादव, प्रवक्ता, सपा

जिनके विचार स्पष्टï न हो, जिनका मन साफ न हो और जो संविधान को न मानते हो, वो आंबेडकर के कब से अनुयायी हो गए। आंबेडकर लोगों के दिलों में है। भाजपा को चुनावी साल में राष्ट्रपति का यह दौरा बिलकुल काम नहीं आएगा। दलित समाज भाजपा से पूरी तरह दुखी है।

अजय कुमार लल्लू, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

यूपी चुनाव के ठीक पहले राष्ट्रपति का कार्यक्रम भाजपा की चुनावी तैयारी का हिस्सा है। वैसे भाजपा की दलितों के प्रति क्या सोच है, इसका सबूत इससे मिल जाता है कि राम मंदिर के भूमिपूजन समारोह में इन्हीं राष्ट्रपति को बुलाया तक नहीं गया था ।

वैभव महेश्वरी, प्रवक्ता, आप

राष्ट्रपति का दौरा चुनावी स्टंट है। भाजपा अगले यूपी चुनाव में फिर से सत्ता पाने के लिए दलितों का वोट हथियाने के लिए रणनीति बना रही है। आज जो आंबेडकर स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास हुआ है वह इसका ताजा उदाहरण है।

सुरेंद्र नाथ त्रिवेदी, प्रदेश प्रवक्ता, आरएलडी 

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