महंत गिरी के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे आईजी

सुष्मिता मिश्रा

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की बीते 20 सितंबर को प्रयागराज में हुआ। उनकी मौत को लेकर कयास लगाया जा रहा हैं, की उनकी मौत के पीछे बड़े राज छुपे हैं। इसको लेकर तमाम बयानबाजी भी हो रही हैं और उसकी जांच शुरू कर दिया गया। नरेंद्र गिरि श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत और लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक के साथ ही देश में साधुओं की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे।

इस वजह से उनका काफ़ी सम्मान भी था,शहर के नामी मंत्री हो यहाँ आला अधिकारी सब उनके आगे नगमस्तक होते थे। और उनका आशीर्वाद लेने हर दिन कोई न कोई मंत्री नेता पंहुचा ही रहता था देश की प्रमुख हस्तियों में शुमार महंत कई बार विवाद में भी घिरे थे।  प्रयागराज के डीआइजी का महंत के खिलाफ मुकदमा लिखाने के लिए जमीन पर बैठकर धरना देना। वर्ष 2004 में डीआईजी रेंज के थे आरएन सिंह तपती धूप में धरना दिया था। इस बात को हुए 17 साल हो गए।वह अक्सर हनुमान मंदिर जाते थे। वह अक्सर कर्मचारियों के साथ सफाई करते और झाड़ू भी लगाते थे। मंदिर के सामने की जमीन पर वह निराश्रितों को भोजन वितरण के लिए पंडाल लगाना चाहते थे लेकिन उन्हें रोक दिया गया। उन्होंने इस पर प्रशासन से हस्तक्षेप की बात की लेकिन डीआइजी का मसला होने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। वजह थी नरेंद्र गिरि की सत्ता तक सीधी पहुंच और प्रभाव। इसके विरोध में डीआइजी ने ऐसा कदम उठाया कि शासन प्रशासन के आला अधिकारी भी सन्न रह गए। वह मंदिर के सामने तपती धूप में जमीन पर धरने पर बैठ गए। डीआइजी जमीन पर बैठे थे और उनके हमराह पुलिसवाले आसपास खड़े थे। अच्छा खासा तमाशा बन गया था। टीवी पर खबर सुर्खियों में आ गई। फिर धरना देने वाले डीआइजी को सस्पेंड कर दिया गया। बाबा की पहुंच किसी मंत्री से कम नही थी।

साल 2012 का मामला हैं उस वक्त सपा की सरकार थी सपा विधायक जब महंत के खिलाफ आईजी,धरने पर बैठ गए थे सपा विधायक रहे महेश नारायण सिंह से मठ के बगल की जमीन के लिए महंत से टकराव हो गया था। तब फरवरी 2012 में महंत ने महेश नारायण सिंह समेत तीन नामजद और कई अज्ञात के खिलाफ जार्जटाउन थाने में केस लिखाया था। महेश नारायण पक्ष की ओर से भी नरेंद्र गिरि और आनंद समेत चार लोगों के खिलाफ एफआइआर लिखा दी गई थी। यह मामला कई दिन तक सुर्खियों में बना रहा। महंत ने योगी सत्यम पर कराया था केस यह भी नरेंद्र गिरि से जुड़े विवाद में एक किस्सा है। अगस्त 2018 में महंत ने झूंसी स्थित क्रिया योग आश्रम के योगी सत्यम के खिलाफ दारागंज थाने में एफआइआर लिखा दी थी। दरअसल अखाड़ा परिषद ने योगी सत्यम को फर्जी संतों की सूची में डाल दिया था। आरोप है कि योगी सत्यम ने फोन पर नरेंद्र गिरि को धमकी दी थी।

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