मिशन 2022 के चुनाव के लिए प्रियंका गांधी पहुंचीं लखनऊ
सुष्मिता मिश्रा
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने कमर कस ली हैं, इसको लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी व महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार मंथन कर रही हैं, लेकिन कांग्रेस को लगातार उसके कार्यकर्ता बड़ा झटका दे रहे हैं। एक तो कांग्रेस में कोई बड़ा चेहरा शामिल नहीं हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर उसके कई कद्दावर नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ पंहुची हैं। बताया जा रहा हैं प्रियंका गांधी अगले पांच दिनों तक यूपी में रहेगी और पार्टी के तमाम रणनीतिक बैठकों में शिरकत करने के अलावा कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात करेंगी। हालांकि प्रियंका के इस दौरे को काफी गोपनीय रखा गया है और दौरे की जानकारी चंद लोगों को ही दी गयी हैं। प्रियंका गांधी लखनऊ में कौल हाउस में रुकेंगी जहां पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ आगे की रणनीति बनाएंगी, अगर बात करें तो यूपी कांग्रेस नवरात्रि से उत्तर प्रदेश के सभी मंडलों में प्रियंका गांधी के रैली के आयोजन की तैयारी कर रहा हैं।
प्रियंका के लखनऊ दौरे पर केंद्रीय शहरी राज्यमंत्री कौशल किशोर ने तंज करते हुए कहा है कि आज यूपी में कांग्रेस के पास कार्यकर्ता ही नही हैं, प्रियंका के दौरे से पहले तमाम लोगों को इकट्ठा किया जाता हैं और कांग्रेस के कार्यकर्ता के रूप में आये तमाम लोग बाद में जाकर बीजेपी को वोट करते हैं क्योंकि विकल्प बीजेपी ही है। वहीं गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने प्रियंका के दौरे को बेअसर बताया है। उनका कहना है कि प्रियंका के दौरे का कोई असर नहीं कांग्रेस की कोई गिनती ही उत्तर प्रदेश में नही हैं।
किसानों का आंदोलन चल रहा है और आज देश भर के किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से भारत बंद का आवाहन किया है। ऐसे में कांग्रेस समेत सपा भी बंद को समर्थन दे रही है। प्रियंका पर तंज करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जय कुमार जैकी ने कहा कि प्रियंका राजघराने से आती हैं और वो किसान तो कतई नहीं है उन्हें किसानों का दुख दर्द नहीं पता है. यूपी उन्हें आते रहना चाहिए जिससे कि पार्टी को कुछ मजबूत कर सकें।
प्रियंका गांधी लखनऊ दौरे पर पार्टी के रणनीतिकारों से बात करने के साथ ही तमाम नेताओं से भी बात करेंगी क्योंकि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के अंदर लगातार असंतोष पनप रहा है। जिससे कई सारे नेता पार्टी छोड़ भी रहे हैं। इसका उदाहरण देखने को मिला जब जितिन प्रसाद व ललितेशपति त्रिपाठी पार्टी से बहर चले गए, जो कई पीढ़ियों से कांग्रेस में थे और ऐसे में जब कोई नया बड़ा चेहरा पार्टी से जुड़ नहीं रहा है तो पुराने लोगों को कैसे एकजुट रखा जाए व नए कार्यकर्ताओं को कैसे पार्टी से जोड़ा जाए ये चुनौती कांग्रेस पार्टी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी है। इसी से पार पाने के लिए प्रियंका गांधी लखनऊ में तमाम वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन भी करेगी।