मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद से पाई-पाई का हिसाब लेगी अब ईडी

लखनऊ। जब से यूपी में योगी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार आई है तभी से ही प्रदेश में संगठित रूप से अपराध को अंजाम देने वालों के खिलाफ सरकार की ओर सख्त कार्रवाई की जा रही है। बीते दिनों जिस तरह से यूपी पुलिस ने मुख्तार और अतीक अवैध साम्राज्य को ध्वस्त किया ऐसी कार्रवाई यूपी में दशकों के बाद देखने को मिली है। पुलिस की हिट लिस्ट में शामिल हो चुके मुख्तार और अतीक के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। अब पुलिस के साथ ही इस मामले में ईडी भी शामिल हो गई है।
मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद की संपत्तियां भी ईडी के रडार पर हैं। यूपी पुलिस के बाद अब ईडी ने भी मुख्तार और अतीक के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। ईडी प्रयागराज में दोनों माफिया के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी संपत्तियों की जांच कर रहा है। अवैध रूप से अर्जित परिसंपत्तियों की सूची बनाने के बाद ईडी उन्हें अटैच कर देगा। ईडी की टीम जल्द ही बांदा जेल में मुख्तार और गुजरात की साबरमती जेल में अतीक से पूछताछ करेगी। इसके लिए कोर्ट से अनुमति लेने की तैयारी की जा रही है।
दोनों से पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारी उनकी आय और संपत्ति के स्रोतों का पता लगाएंगे। दोनों ने अरबों रुपये का आर्थिक साम्राज्य कैसे बनाया, उनका कारोबार क्या है, उनकी आय के मुख्य स्रोत क्या हैं? ईडी इस बारे में जानकारी एकत्र करेगा। पिछले तीन महीनों के दौरान पुलिस ने मुख्तार और उसके गिरोह के सदस्यों की 222 करोड़ रुपये की संपत्ति और अतीक और उसके गिरोह के सदस्यों की करीब 350 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
ईडी ने यूपी पुलिस द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर दोनों के खिलाफ प्रयागराज में मामला दर्ज किया था। इस बीच यूपी पुलिस और प्रयागराज और मऊ के स्थानीय प्रशासन ने दोनों माफिया की अरबों रुपये की संपत्ति जब्त कर ली या फिर उन्हें फ्रीज कर दिया। तीन दशकों के दौरान मुख्तार और अतीक ने प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक शहरों में करोड़ों रुपये की जमीन खरीदी और बेची थी। इसके साथ ही कई बेशकीमती सरकारी जमीनों पर भी कब्जा कर लिया था।
यूपी पुलिस के अनुरोध के बाद ईडी ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी संपत्तियों, कंपनियों और बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है, साथ ही यूपी पुलिस से दोनों की जब्त संपत्तियों का ब्योरा मांगा है । यह जानकारी मिलने के बाद ईडी इनमें से कई संपत्तियों को अटैच कर सकती है। इसमें मुख्तार की मऊ, बनारस, लखनऊ में कई संपत्तियां शामिल हैं, जबकि अतीक की प्रयागराज, कौशांबी और लखनऊ में कई संपत्तियां हैं।

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