लालू ने बीजेपी-आरएसएस पर पिछड़े वर्गों से नफरत करने का आरोप लगाया
पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों से नफरत करने का आरोप लगाया।
उन्होंने यह आरोप केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट को बताए जाने के एक दिन बाद लगाया है कि पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना प्रशासनिक रूप से कठिन और बोझिल है और यह जनगणना प्रक्रिया के तहत जनसांख्यिकी के आधार पर इस अधिकार प्राप्त वर्ग की गणना करने में सक्षम नहीं है। इस साल जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली में रह रहे प्रसाद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बीजेपी-आरएसएस पर तीखा हमला बोला है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने हिंदी में ट्वीट किया, जनगणना में सर्प-बिच्छू, तोता-मैना, हाथी-घोड़ा, कुत्ता-बिल्ली, सुअर-सियार समेत तमाम पशु-पक्षी, पेड़-पौधे गिने जाएंगे लेकिन सबसे पछड़े मनुष्यों के वर्गों की गणना नहीं की जाएगी। गिनती नहीं होगी। वाह बीजेपी-आरएसएस को पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों? जाति जनगणना से सभी वर्गों को लाभ होगा। सबकी सच्चाई सामने आ जाएगी।
प्रसाद ने आरएसएस-भाजपा पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सबसे पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के साथ एक बड़ी चाल चलने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, अगर केंद्र सरकार जनगणना फॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोडक़र देश की कुल आबादी के 60 प्रतिशत से अधिक की जाति गणना नहीं कर सकती है, तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के निर्वाचित सांसदों और मंत्रियों पर शर्म आती है। उनका बहिष्कार करो।
प्रसाद और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति जनगणना के मुद्दे पर एकमत हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के दस दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और जाति आधारित जनगणना की मांग की. प्रसाद के बेटे और उनके उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।