शीतलहर : खुला आसमान, ठिठुरते लोग, सड़कें बनीं गरीबों का बसेरा
राजधानी में रैन बसेरों का हाल जानने पहुंचा 4पीएम
- रैन बसेरों में सुविधाएं न होने से बीच सड़क खुले में पड़े श्रमिक
- सर्दी के शीतलहर ने छुटाई कंपकपी, पारा नौ डिग्री से भी कम
- रात के तापमान में गिरावट होने से ठंड के तेवर और तीखे होंगे
- धन उगाही के चलते सड़कों पर सोने को मजबूर हैं मजदूर
- बादल खुलने से सर्दी बढ़ी, लोगों के अंदर सिहरन पैदा हो गई
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में शीतलहर जारी है। कड़ाके की ठंड में लोग ठिठुर रहे हैं। बावजूद जिला प्रशासन व नगर निगम ने रैन बसेरों में कोई खास इंतजाम नहीं किया है। यहां तक कि केजीएमयू सहित शहर के कई अस्पतालों में बाहर से इलाज कराने आए लोग पार्किंग में सोने पर मजबूर हैं। दूरदराज से रोटी की तलाश में शहर आए श्रमिकों को सरकार द्वारा रैन बसेरों में उचित व्यवस्था न होने से खुले में ही कंबल ओढ़कर सोना पड़ रहा है। कंपकंपाती ठंड ने खुले में सोने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं है। ठंडी हवा चलने से खुले आसमान के नीचे रात बिताने वालों का कहना है कि मुसीबत बढ़ गई है पर सरकार रैन बसेरों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। निशुल्क रैन बसेरों में धन उगाही के चलते सड़कों और फुटपाथों पर सोना ही मुनासिब हैं।
सरकार के इंतजाम नाकाफी
नगर निगम ने कुछ जगह अलाव जलवाए और रैन बसेरा भी खोल दिया है, लेकिन कड़ाके की ठंड के सामने सरकार के इंतजाम नाकाफी है। मजदूर सड़क पर खुले में सोने को मजबूर हैं। लखनऊ में न्यूनतम तापमान नौ डिग्री के भी नीचे आ गया है। गुरुवार को शहर का अधिकतम तापमान 16 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले 2-3 दिनों तक सर्दी का सितम जारी रहेगा। हालांकि शुक्रवार को आसमान पूरी तरह से खुला रहा और धूप छायी थी। इसके बावजूद शीतलहर व ठंड के कड़े तेवरों ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है।
अलाव तक की व्यवस्था नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस और प्रसाशन को सख्त हिदायत थी कि कोई खुले में न सोए। बावजूद सड़कों पर गरीबों के लिए अलाव, रैन बसेरे सहित सुख-सुविधा की जमीनी हकीकत चौकाने वाली है। लोग फुटपाथों पर सोने के लिए मजबूर हैं। अलाव के लिए किसी चौराहे पर लकड़ियों तक की उचित व्यवस्था नहीं है।