स्वच्छता सर्वेक्षण में लखनऊ की 24वीं रैंक, इंदौर शहर चौथी बार नंबर वन

  • गुजरात के सूरत को दूसरा और महाराष्टï्र के नवी मुंबई को मिला रैंक में तीसरा स्थान
  • पिछले साल लखनऊ की 121वीं रैंक थी, तेजी से आया सुधार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी में घरों से कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी तीन सौ ठेलियों पर है। यही कारण है कि भारत स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में लखनऊ की 24वीं रैंक आई है। वहीं मध्यप्रदेश का इंदौर शहर लगातार चौथी बार नंबर वन आया है। हालांकि पिछले साल लखनऊ की 121वीं रैंक थी। उस हिसाब से देखा जाए तो बहुत तेजी से शहर की स्वच्छता की सुधार में हुआ है।
स्वच्छता सर्वेक्षणमें दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में लखनऊ को 24वां स्थान मिला है। जबकि यूपी में नंबर वन रैंकिंग है। वहीं लगातार चौथी बार इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर के ताज से नवाजा गया है। 2017, 2018, 2019 और 2020 से इस खिताब को मध्यप्रदेश का इंदौर शहर अपने नाम कर रहा है। इसका मुख्या कारण इंदौर नगर निगम द्वारा सफाई के लिए 160 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करना है। वहीं लखनऊ नगर निगम बजट के अभाव सभी काम अधूरे रहते हैं । डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन में इंदौर के पास दो हजार से अधिक गाडिय़ां है जिसमे बीस प्रतिशत रिजर्व है जबकि लखनऊ नगर निगम सिर्फ कागजों पर हाईटेक होने का दावा करता है। लखनऊ नगर निगम की हकीकत यह है कि निगम के पास लगभग 750 गाडिय़ां गार्बेज कलेक्शन के लिए हैं, जिसमें से 70 प्रतिशत यानी 300 ठेलिया हैं।
दरअसल ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीसी के जरिए स्वच्छता सर्वेक्षण के पांचवें संस्करण स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के परिणामों की घोषणा की। लगातार चौथी बार मध्यप्रदेश के शहर इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल हुआ। वहीं गुजरात के सूरत को दूसरा और महाराष्ट्र के नवी मुंबई को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इस दौरान साफ-सफाई को लेकर बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को पुरस्कृत भी किया गया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर कहा, कि स्वच्छता के सिपाही। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में भारत की सबसे स्वच्छ छावनी होने के लिए जालंधर कैंट को हार्दिक बधाई।

गंगा किनारे बसा सबसे साफ शहर वाराणसी

केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि प्राचीन पवित्र शहर वाराणसी गंगा नदी के किनारे बसा सबसे साफ शहर है। लोकसभा में शहर का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए हार्दिक बधाई, जिन्होंने इस उपलब्धि के लिए शहर के लोगों को प्रेरित किया है।
एक लाख आबादी वाला स्वच्छ शहर बना शाहजहांपुर
एक लाख से अधिक की आबादी वाली श्रेणी में अधिकतम नागरिक भागीदारी के मामले में सर्वश्रेष्ठ शहर का खिताब उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर को मिला है। वहीं एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ शहर का खिताब उत्तराखंड के नंदप्रयाग को मिला है।

सपा विधायकों ने लहराईं यूपी में जंगलराज, चरम पर है भ्रष्टïाचार लिखी तख्तियां

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। विधानसभा में मानसून सत्र शुरू होने से पहले समाजवादी पार्टी के विधायकों ने लोकभवन में यूपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। विधायकों व कार्यकर्ताओं ने तख्ती लेकर प्रदर्शन करते हुए कहा कि यूपी में जंगलराज है। चरम पर है भ्रष्टïाचार। किसानों की यूरिया की कालाबाजारी बंद हो। युवाओं को रोजगार मिले। अपराध पर नियंत्रण लगे सहित कई मांगों को लेकर अपनी नाराजगी जताई। कोरोना को लेकर कहा कि यूपी सरकार को एक करोड़ दिए जाने के बावजूद वेंटिलेटर नहीं खरीदे गए। यह भ्रष्टïाचारी नहीं चलेगी। संक्रमितों की जान बचाना सरकार की जिम्मेदारी है। बावजूद योगी सरकार लापरवाह बनी हुई है।

इस बार पंडालों में नहीं विराजेंगे भगवान गणेश

  • मोहर्रम में ताजिया निकालने पर भी रोक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना काल में गणेश चतुर्थी और मोहर्रम को लेकर यूपी पुलिस के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने गाइडलाइन जारी कर दी है। डीजीपी के अनुसार इस साल गणेश चतुर्थी में पूजा पंडालों में मूर्ति स्थापना पर रोक रहेगी। साथ ही शोभा यात्रा, जुलूस, झांकी पर भी पाबंदी रहेगी। मोहर्रम पर भी जुलूस और ताजिए निकालने पर रोक रहेगी।
डीजीपी ने अपने आदेश में सभी जिला कप्तानों को कहा है कि कोरोना के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस का पालन करवाया जाए। धारा 144 का पालन करवाने के भी निर्देश दिए हैं। डीजीपी अवस्थी ने कहा संवेदनशील स्थानों की सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जाए। साथ ही सोशल मीडिया पर अफवाह और भडक़ाऊ पोस्ट डालने पर तुरंत कार्रवाई की जाए। किसी भी सूरत में कोविड-19 के लिए जारी दिशा निर्देश का उल्लंघन न हो। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया जाए। गणेश चतुर्थी पर पूजा पंडालों में मूर्ति की स्थापना न हो और जुलूस और ताजिया निकलने की अनुमति भी न दी जाए।

एसी बोगियों में नहीं चलेंगे कोच अटेंडेंट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एक्सप्रेस ट्रेनों की एसी बोगियों में अब कोच अटेंडेंट नहीं चलेंगे। रेलवे प्रशासन उनका करार खत्म करने की तैयारी में है। साथ ही आने वाले दिनों में यात्रियों को यूज एंड थ्रो (उपयोग करो और फेंको) बेडरोल (कंबल, चादर, तकिया) देने पर विचार कर रहा है। फिलहाल कोरोना संक्रमण को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने स्पेशल ट्रेनों से बेडरोल हटा दिया है। ऐसे में कोच अटेंडेंट का कार्य भी ठप है। जानकारों का कहना है कि कोच अटेंडेंट की सुविधा देने वाली फर्मों से रेलवे का अनुबंध आगे नहीं बढ़ेगा। यात्रियों को बेडरोल नहीं देने से रेलवे का खर्च कम हुआ है। बेडरोल की धुलाई करने वाली मैकेनाइज्ड लाउंड्री भी बंद है।

जयंती

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के मौके पर कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। साथ ही उनके विचारों को अपनाने पर जोर दिया।

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