यूपी की 10 सीटें तय करेंगी सीएम योगी का सियासी भविष्य
- इंडिया गठबंधन के तहत मिलकर लड़ेंगे सपा-कांग्रेस
- बीजेपी के लिए काफी अहम हैं ये उपचुनाव
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ये सीटें विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने पर खाली हुई हैं। ऐसे में अब इन 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा और सपा के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है। वहीं लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार के बाद उपचुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ की भी कड़ी परीक्षा होगी।
हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का कार्यक्रम जारी नहीं किया है, जहां हाल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस-समाजवादी पार्टी ने भाजपा को चौंका दिया था। आम चुनावों में भारी झटके के बाद, सत्तारूढ़ दल पर अपनी पकड़ फिर से हासिल करने का भारी दबाव है, जबकि विपक्ष विधानसभा चुनावों से पहले इस गति को जारी रखना चाहेगा। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने घोषणा की है कि वे इंडिया ब्लॉक के तहत चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जहां सपा और कांग्रेस ने भरोसा जताया है कि वे अपनी जीत का सिलसिला जारी रखेंगे, वहीं बीजेपी भी अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए उपचुनाव में कुछ खास करने की तैयारी कर रही है। बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने कहा कि एनडीए पूरी ताकत के साथ विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी।
10 में से 5 पर था सपा का कब्जा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित नौ विधानसभा सदस्यों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद सीटें खाली हो गई थीं, जबकि कानपुर के सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी को एक आपराधिक मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जो दस सीटें खाली हुई हैं, उनमें से पांच सीटें 2022 में समाजवादी पार्टी ने जीती थीं, जबकि एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) को मिली थी, जो उस समय एसपी के साथ गठबंधन में थी। आरएलडी फिलहाल एनडीए का हिस्सा है। बीजेपी ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी और एक सीट उसकी सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी को मिली थी।
अखिलेश यादव की सीट भी हुई खाली
समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर (अयोध्या), करहल (मैनपुरी), कटेहरी (अंबेडकर नगर) और कुन्दरकी (मुरादाबाद) पर कब्ज़ा किया। अयोध्या लोकसभा सीट जीतकर बीजेपी को चौंका देने वाले अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से विधायक थे। करहल सीट सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जीती थी। गाजियाबाद, फूलपुर और खैर विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा था। भगवा पार्टी के तीन विधायक लोकसभा चुनाव जीते हैं। भाजपा इन सीटों को बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और 2027 में अगले बड़े चुनावों से पहले अपने कैडर का मनोबल बढ़ाने के लिए कुछ और सीटों को जोड़ेगी, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक भाग्य का फैसला किया जाएगा।
संविधान बचाने का नाटक कर रहे हैं सरकार और विपक्ष: मायावती
- बोलीं- दोनों आरक्षण को करना चाहते हैं खत्म, आपस में मिलकर कर रहे हैं काम
- राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान से हो रहा खिलवाड़
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद बसपा प्रमुख मायावती एक्शन मोड में नजर आ रही हैं। इस दौरान उन्होंने संविधान बचाने के मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पर निशाना साधा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष आपस में मिले हुए हैं। वो संविधान बचाने का नाटक कर रहे हैं। दोनों ही पक्षों में ज्यादातर लोग जातिवादी मानसिकता के हैं।
मायावती ने कहा कि ये लोग आरक्षण को खत्म कर देना चाहते हैं। उन्होंने सपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि सपा सरकार ने यूपी में प्रमोशन में आरक्षण को खत्म किया था। ये लोग जाति जनगणना नहीं कराना चाहते हैं। मायावती ने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ये दोनों (सत्ता पक्ष और विपक्ष) ही भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ये कतई उचित नहीं है। इन दोनों ने अंदर-अंदर मिलकर संविधान में इतने संशोधन कर दिए है कि अब ये समतामूलक, धर्म निरपेक्ष नहीं बल्कि पूंजीवादी, जातीवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया। ये दोनों ही आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और एससी, एसटी, आदिवासी को संविधान का लाभ नहीं देना चाहते हैं।
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई को मिला हैंडओवर
- जांच में हुआ खुलासा- करीब 48 घंटे पहले हुआ पेपर लीक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार सरकार ने नीट-यूजी में अनियमितताओं के आरोपों की जांच सीबीआई को हैंडओवर कर दी है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक लोकल पुलिस की जांच में अभी तक कुछ महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। सीबीआई को जानकरी मिली है कि इस पूरे पेपर लीक कांड को एक संगठित तरीके से अंजाम दिया गया।
पेपर करीब 48 घंटे पहले लीक हुआ था। जिन केंडिडेट ने पैसा दिया था उन्हें एक रात पहले ही मुहैया करवाया गया था। इसी वजह है कि पेपर लीक पेन इंडिया नहीं हो पाया। आरोपी इतने शातिर थे कि उन्होंने कैंडिडेट्स को लीक प्रश्न पत्र का लिमिटेड एक्सेस दिया था।
14 साल पुराने मामले में अजय राय की बढ़ीं मुश्किलें
- गैंगस्टर एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से किया इंकार
- वाराणसी की रूक्क-रूरु्र स्पेशल कोर्ट में चल रहा केस का ट्रायल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं हैं। 2010 में वाराणसी में दर्ज गैंगस्टर एक्ट केस में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली है। मंगलवार 25 जून को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 15 जुलाई को होगी।
2010 में मारपीट और उपद्रव से जुड़े एक मामले में तत्कालीन मायावती सरकार ने अजय राय के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा लगवाई थी। हाईकोर्ट ने यह कह कर इस केस को रद्द करने से मना कर दिया था कि अजय राय पर 27 आपराधिक केस दर्ज हैं। हाई कोर्ट से राहत न मिलने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट गए थे। बता दें कि इससे पहले इसी साल मई में अजय राय को इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी झटका लगा था। हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज केस के खिलाफ दाखिल की गई अजय राय की याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने अजय राय के खिलाफ दर्ज 24 से ज्यादा क्रिमिनल सेस के आधार पर उन्हें कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था। इस मामले में वाराणसी की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में केस का ट्रायल चल रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की याचिका में ट्रायल कोर्ट में चल रही प्रोसिडिंग को रद्द करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याची के खिलाफ 27 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है। कोर्ट ने कहा की ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही को रद्द करने का कोई पुख्ता आधार नहीं है।
पुलिस ने 2011 में दाखिल की थी चार्जशीट
अजय राय और चार अन्य के खिलाफ चौदह साल पहले वाराणसी के चेतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। वर्ष 2010 में आईपीसी की धारा 147, 148, 448, 511, 323,504, 506, 120 बी और सेक्शन 7 आफ क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट, और सेक्शन 3(1) यूपी गैंगस्टर एक्ट एंड एंटी सोशल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट में एफआईआर दर्ज हुई थी। इस मामले में जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने 28 अक्टूबर 2011 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।