Bihar में पहले चरण के मतदान से पहले 2000 वोटरों को बनाया गया कैदी!

दोस्तों इन ड्राइवरों के बयान के मुताबिक, हज़ारों ड्राइवरों को वोटिंग से रोका गया और लगभग 2000 वोटर्स के अधिकार छीने गए

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों, ये पटना का गांधी मैदान है और यहां खड़े ये लोग बिहार के मतदाता हैं, जिन्हें लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व से पहले, अपनी मर्ज़ी के खिलाफ़, एक तरह से ‘कैदी’ बनाकर रखा गया है। इल्ज़ाम सीधा है….वोट चोरी! बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले, ये एक ऐसी शर्मनाक सच्चाई है…जो चुनावी धांधली की सबसे बड़ी साज़िश का पर्दाफ़ाश करती है….लगभग 2000 वोटरों को उनके मतदान के अधिकार से वंचित करने की ये चाल, सीधे तौर पर सत्ताधारी BJP और NDA गठबंधन पर उंगली उठाती है….

4PM न्यूज़ नेटवर्क की ये ग्राउंड रिपोर्ट बताती है कि किस तरह से विधानसभा चुनाव में ड्यूटी लगाने के नाम पर सैंकड़ों ट्रांसपोर्ट गाड़ियों को ज़बरन गांधी मैदान में खड़ा करवा लिया गया है….और इन गाड़ियों के साथ हैं उनके ड्राइवर और खलासी….यानी करीब 2000 वोटर…. जहां ड्राइवर साफ़ आरोप लगाते हैं कि प्रशासन ने उनकी गाड़ियाँ ज़बरदस्ती पकड़ ली हैं और उन्हें घर जाने की इजाज़त नहीं दे रहा है…

दोस्तों इन ड्राइवरों के बयान के मुताबिक, हज़ारों ड्राइवरों को वोटिंग से रोका गया और लगभग 2000 वोटर्स के अधिकार छीने गए…. साथ ही गाड़ी खड़ी करवाने की वजह से इन सभी की रोजी-रोटी पर ताला लग गया है….कई ड्राइवरों ने बताया कि उनकी गाड़ी किस्त पर है, और रोज़ की कमाई न होने से हज़ारों का नुक़सान हो रहा है…..

ड्राइवरों ने बताया कि गाड़ी की असुरक्षा की वजह से वो गाड़ी छोड़कर वोट देने नहीं जा सकते…. दोस्तों ये केवल केवल कुछ हज़ार वोटों का मामला नहीं है…ये लोकतंत्र की मूल भावना पर हमला है….जहां एक विधायक की जीत-हार 2000 वोटों से तय हो सकती है…. वहीं चुनाव से ठीक पहले इन सभी को यहां चुनाव में ड्यूटी लगाने के लिए कथिततौर पे कैद कर लिया गया है…. जिसकी वजह से वो वोट भी नहीं डालने जा सकते…. यानी सीधा सीधा लगभग 2000 वोटों की चोरी की जा रही है…. आपको बता दें कि इन हज़ारों ‘कैदी’ मतदाताओं की घटना के साथ ही… बीते कल कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक ‘हाइड्रोजन बॉम्ब’ फोड़कर पूरे देश के सामने ‘वोट चोरी’ का एक बड़ा खुलासा किया था…जिसमें उनका सीधा आरोप था कि NDA और BJP, चुनाव आयोग के साथ मिलकर एक ‘व्यवस्थित फ़्रॉड’ कर रहे हैं….

राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बॉम्ब’ हरियाणा विधानसभा चुनावों में कथित धांधली पर आधारित था…जिसका सीधा असर उन्होंने बिहार चुनाव पर पड़ने का दावा किया…राहुल गांधी का सबसे बड़ा आरोप था कि हरियाणा की तरह बिहार में भी लाखों मतदाताओं और पूरे के पूरे परिवारों के नाम जानबूझकर वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं… हरियाणा के लिए उन्होंने 25 लाख फ़र्ज़ी वोट जिसमें से हर 8 में से 1 वोटर फ़र्ज़ी होने का दावा किया और कहा कि ये सब एक ‘सेंट्रलाइज़्ड सिस्टम’ के तहत हो रहा है…. साथ ही राहुल गाँधी ने कहा कि ये लोकतंत्र पर सीधा हमला है…जहाँ सत्ताधारी पार्टी को फ़ायदा पहुँचाने के लिए चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं पर दबाव बनाया जा रहा है…

अगर इसे आप गहराई से समझेंगे तो राहुल गांधी का हाइड्रोजन बॉम्ब और गांधी मैदान के ड्राइवरों का कथित हाईजैक अलग-अलग घटनाएँ नहीं, बल्कि एक ही बड़ी साज़िश के दो पहलू लगते हैं….जहां राहुल गांधी लाखों वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने की बात करते हैं….वहीं गांधी मैदान में ड्राइवरों को शारीरिक रूप से वोट डालने से रोका गया है… जोकि वोट कटौती की दोहरी रणनीति है….लिस्ट से नाम काटकर अदृश्य वोट चोरी करना और ड्राइवरों को बंधक बनाकर प्रत्यक्ष वोट चोरी करना….

गांधी मैदान में कैदी बनाए गए ये ड्राइवर और खलासी अक्सर ग़रीब तबके से आते हैं…जिनके वोट का रुझान परंपरागत रूप से महागठबंधन की तरफ़ माना जाता है…इन हज़ारों वोटों को पहले चरण के मतदान से बाहर रखने का सीधा मतलब है…NDA गठबंधन के खिलाफ पड़ने वाले वोटों को कम करना…ये चुनाव के नतीजे को प्रभावित करने की एक सोची-समझी साज़िश है….

इस पूरी साज़िश की टाइमिंग सबसे महत्वपूर्ण है….6 नवंबर यानिकि आज पहले चरण का मतदान हो रहे हैं…प्रचार 4 नवंबर की शाम को थम गया और ये बंदी बनाने की कार्रवाई वोटिंग से ठीक पहले, यानी 5 नवंबर, को जारी रही….ड्राइवरों को 1 तारीख़ से पकड़ना शुरू किया गया…ताकि वो अपने गृह ज़िलों में वोट डालने के लिए समय पर न पहुँच सकें….मतदान से ठीक पहले ये सब करके विपक्ष को हराने के लिए और उनके वोटर्स को काटने के लिए ये पूरा षड्यंत्र रचा गया…. क्योंकि ये केवल एक चुनावी धांधली नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों का पतन है… ये साफ़ तौर पर दिखाता है कि सत्ता की चाहत में किस तरह से ग़रीब और रोज़ कमाने-खाने वाले लोगों के संवैधानिक अधिकारों को कुचला जा रहा है….

अगर लोकतंत्र के महापर्व में वोट डालने के अधिकार से वंचित करने के लिए हज़ारों लोगों को बंधक बनाया जाता है और चुनावी मशीनरी पर हाइड्रोजन बॉम्ब जैसे गंभीर आरोप लगते हैं….तो ये केवल चुनाव परिणाम को नहीं बदलता, बल्कि हमारे गणतंत्र की नींव को हिला देता है…चुनाव आयोग और प्रशासन पर अब बड़ी ज़िम्मेदारी ये है कि वो इन हज़ारों मतदाताओं को उनके गृह क्षेत्र तक पहुँचाने का तुरंत इंतज़ाम करें…ताकि लोकतंत्र का ये महापर्व बिना किसी दाग़ के संपन्न हो सके……. लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि जैसा कि विपक्ष का कहना है कि चुनाव आयोग BJP सरकार के इशारों पर काम जो कर रहा है….

लेकिन ऐसे में सवाल ये उठे कि क्या NDA, ख़ासकर BJP पर लगा ये वोट चोरी का दाग़ चुनावी नतीजों पर असर डालेगा? या क्या बिहार के मतदाता इस हाईजैक की साज़िश को पहचानकर पहले चरण के मतदान में इसका जवाब देंगे?….सवाल बहुत बड़ा है…. जिसका जवाब 6 नवंबर को ईवीएम में और 14 नवंबर को मतगणना में मिलेगा……. लेकिन जिस तरह से इन 2000 ड्राइवरों को गांधी मैदान में काम के बहने बंदी बनाने की कोशिश की गई है वो बिहार NDA में शामिल BJP की घटिया राजनीति का पर्दाफाश करता है कि कैसे BJP विपक्ष के वोटों को काटने के लिए किस हद तक जा सकती है……..

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