आगरा में 6 मकान गिरे, बच्ची की मौत, पिता की हालत गंभीर

आगरा। आगरा में बड़ा हादसा हो गया। यहां सिटी स्टेशन रोड पर खुदाई के चलते 6 मकान भरभराकर गिर गए। मलबे में एक पिता और उनकी दो बेटियां दब गईं। जिसमें से 4 साल की बच्ची की मौत हो गई। जबकि पिता और एक बेटी को सुरक्षित निकाला गया। रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है। हादसा मकान के पीछे खुदाई के चलते हुआ है। वहां एक धर्मशाला के बेसमेंट की खुदाई हो रही थी।
गनीमत थी कि कंपन होने के चलते 6 मकानों में रहने वाले लोग चंद मिनट पहले ही बाहर आ गए। वरना, हादसा और भयावह हो सकता था। हादसे में विवेक और उनकी दो बेटियां वेदेही और रुसाली मलबे में दब गई थीं। जब तक तीनों को बाहर निकाला जाता, तब तक रुसाली (4) की मौत हो गई। जबकि पिता विवेक की हालत गंभीर बताई जा रही है और वैदेही को हल्की चोट लगी है।
सिटी स्टेशन रोड पर राय बहादुर विश्वंभर नाथ की धर्मशाला है। बताया जा रहा है कि बिल्डर और धर्मशाला के ट्रस्टी राजू मेहरा हीरा कारोबारी हैं। धर्मशाला में पिछले 6 महीने से शॉपिंग कंप्लेक्स बनाने के लिए बेसमेंट की खुदाई का काम चल रहा था। बेसमेंट की खुदाई के चलते कई फीट गहरा गडढ़़ा खोद दिया गया था। धर्मशाला के पीछे टीला माईथान पर 17/175 वाली लाइन में जगदीश के मकान से मंदिर के सभी मकान अचानक से भरभरा कर गिर गए। इसमें मुकेश शर्मा, मनोज वर्मा, गुड्?डू वर्मा समेत छह लोगों के मकान शामिल हैं।
पीडि़त मुकेश शर्मा ने बताया, सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर यह हादसा हुआ। यह पूरा इलाका एक टीले पर बना हुआ है। वहां पर खुदाई के चलते मिट्?टी खिसक गई और बगल में बने मकान गिर गए। हमारा मकान भी गिर गया। मेरी दो पोतियां और बेटा दब गए उन्होंने कहा, हादसे के दौरान घर में छह लोग थे। सभी लोग एक ही कमरे में सो रहे थे। मगर, वह और उनकी पत्नी घर से बाहर थीं। तभी अचानक तेज आवाज के साथ मकान गिर गया। वह कुछ समझ नहीं पाए। कमरे में उनका बेटा और पोती थीं। करीब आधे घंटे बाद विवेक और वैदेही को राहत बचाव की टीम सुरक्षित निकाल सकी। रुसाली को करीब दो घंटे बाद मलबे से निकाला कर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हादसे के बाद मोहल्ले के लोग इक_ा हो गए। महिलाओं ने सिटी स्टेशन रोड पर जाम लगा दिया। सभी धरने पर बैठ गईं। लोगों ने बताया, सिटी स्टेशन रोड पर स्थित राय बहादुर विश्वंभर नाथ धर्मशाला के करीब 1000 वर्ग फुट क्षेत्र में नई बिल्डिंग बनाने का काम चल रहा था। यहां मजदूर भी रुके हुए थे।
महिलाओं ने कहा, बस्ती टीला माईथान मकानों से 20 फीट ऊंची थी। बेसमेंट की खुदाई होने के बाद घर 30 फीट ऊंचाई पर हो गए। कई बार बिल्डर से शिकायत की गई। मगर, वह पुलिस और अन्य अधिकारियों से सेटिंग के चलते मनमाने तरीके से खुदाई करवाता रहा। बिल्डर ने बस्ती के लोगों की कब्र खोद दी। लेकिन, किसी अधिकारी को दिखाई नहीं दिया। महिलाएं निर्माण कराने वाले पर कार्रवाई को लेकर हंगामा कर रही हैं।
मुकेश की चार साल की पोती को राहत बचाव की टीम ने दो घंटे बाद बाहर निकाला। वह बेहोशी की हालत में मिली। उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिन लोगों के मकान गिरे हैं, उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। मलबे में उनके घर का सारा सामान दब गया। मलबे में से लोग कपड़े, बर्तन व अन्य सामान तलाशते रहे। हालांकि पुलिस ने उन्हें वहां से एहतियात के तौर पर हटा दिया है।

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