चुनाव से ठीक पहले MVA ने चला बड़ा दांव, NDA में दो फाड़ हो गई!

लोकसभा चुनाव की हार से बीजेपी अभी उबर भी नहीं पाई थी... कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को एक के बाद एक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव की हार से बीजेपी अभी उबर भी नहीं पाई थी…. कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को एक के बाद एक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है… बीजेपी के तमाम नेता सांसद और विधायक एमवीए में शामिल हो रहें है… महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बुरी तरह से फंसती हुई नजर आ रही है… विधानसभा चुनाव से पहले अपनी छबि सुधारने के लिए मोदी ने विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अन्य राज्यों के चुनाव के साथ नहीं करवाया और राज्य की जनता को साधने के लिए नई- नई स्कीम लेकर आई… लेकिन बीजेपी का कोई भी प्लान महाराष्ट्र की राजनीति में सफल नहीं होता दिखाई दे रहा है… पार्टी के अंदर हलचल जारी है… आए दिन राज्य में एक के बाद एक घटनाएं हो रही है… जिसको रोकने में सरकार पूरी तरह से विफल साबित हो रही है… आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगने वाला है… और पार्टी के नौ सांसद. विधायक शरद पवार गुट का दामन थामने वाले है… जिसको देखते हुए बीजेपी की परेशानी और बढ़ती जा रही है… वहीं जनता को साधने के लिए सरकार का कोई फार्मूला काम नहीं कर रहा है… राज्य की जनता महंगाई. बेरोजगारी, क्राइम और भ्रष्टाचार से पूरी तरह से परेशान है… लेकिन सरकार से जनता को किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिल पा रही है… जिसको लेकर पूरे राज्य में सरकार की जमकर फजीहत हो रही है… महिलाओं और बच्चियों के साथ अपराध बढ़े है… महिला सुरक्षा का दावा करने वाले मोदी और उनके सहयोगी इन सब बड़ी घटनाओं पर बोलने के लिए तैयार नहीं है… सरकार की मानसिकता इतनी गिर चुकी है… कि उसको जनता की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है… सरकार को सिर्फ अपनी सत्ता और कुर्सी बचाने की पड़ी है…

आपको बता दें कि बीजेपी एक परेशानी से उबर नहीं पाती है… कि दूसरी परेशानी सामने खड़ी हो जाती है… महाराष्ट्र में बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला अभी शांत ही नहीं हुआ है…. कि बीजेपी शरद पवार ने महायुति के साथ बड़ा खेला करने का प्लान बना लिया है… बता दें कि लोकसभा चुनावों में महागठबंधन के साथ रहे कई नेता अब विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारी पाने के लिए महाविकास अघाड़ी का रुख कर रहे हैं…. जानकारी के मुताबिक, महाविकास अघाड़ी के नेताओं और अकलुज के रंजीतसिंह मोहिते पाटिल, पंढरपुर के प्रशांत परिचारक, इंदापुर के हर्षवर्द्धन पाटिल, पुणे के बापू पठारे, भुजान के मदन भोसले और कागल के समरजीत घाटगे के बीच पर्दे के पीछे चर्चाएं हो रही हैं…. जानकारी के अनुसार ये सभी नेता विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के डर से बीजेपी का साथ छोड़ने का प्लान बना रहें है… बता कि ये सभी नेता लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की सहयोगी थी… लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी के घटते जनाधार को देखते हुए ये सभी नेता शरद पवार के खेमें में शामिल होने की योजना बना रहे है…. जानकारी के मुताबिक महायुति के कई नेता विधानसभा चुनावों में अपनी संभावनाओं को देखते हुए महाविकास अघाड़ी की ओर लौटने की योजना बना रहे हैं….वहीं आने वाले दिनों में कई बड़े नेताओं की वापसी की उम्मीद की जा रही है…. वहीं शरद पवार गुट में शामिल होने वाले संभावित नेताओं की बात करें तो…. बीजेपी के विधान परिषद विधायक रंजीत सिंह मोहिते पाटिल माधा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं….. रंजीत सिंह, जिन्होंने अपने चचेरे भाई के लोकसभा अभियान को गुप्त रूप से संभाला था…. अब बीजेपी से नाता तोड़ सकते हैं…. माढा विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक बबनदादा शिंदे शरद पवार से लगातार मिल रहे हैं….. जो फिलहाल अजित पवार की पार्टी में हैं…. उनके बेटे को तुतारी से चुनाव लड़ाने की कोशिशें की जा रही हैं…. शरद पवार सही समय पर शिंदे या मोहिते के भविष्य का फैसला लेंगे…. पंढरपुर से प्रशांत परिचारक, जो पिछले छह सालों से बीजेपी के साथ विधान परिषद में हैं….. आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी विधायक साधन अवताडे के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं….

इसी तरह, सांगोला विधानसभा क्षेत्र से एकनाथ शिंदे की पार्टी के मौजूदा विधायक शाहजीबापू पाटिल की उम्मीदवारी महागठबंधन द्वारा तय मानी जा रही है…. लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए अभिजीत पाटिल शरद पवार के पास वापसी कर सकते हैं….. वहीं, अजित पवार की पार्टी के जिला अध्यक्ष दीपक सालुंखे भी सांगोला से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं…. सतारा जिले के वाई-खंडाला से पूर्व बीजेपी विधायक मदन भोसले से जयंत की मुलाकात ने यह संकेत दिया है…. कि वे मकरंद पटल के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं…. रामराजे नाइक निंबालकर…. और उनके समर्थक विधायक दीपक चव्हाण भी महायूति से नाता तोड़कर तुतारी चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं…. बता दें कि पिछले कुछ सालों से बीजेपी के साथ रहे हर्षवर्द्धन पाटिल, जो पुणे जिले के इंदापुर से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं…. अजित पवार की पार्टी के मौजूदा विधायक दत्तात्रय भरणे की उम्मीदवारी तय होने का इंतजार कर रहे हैं…. उनके पास या तो बिगुल लेकर मैदान में उतरने या निर्दलीय चुनाव लड़ने के विकल्प हैं…. जयंत ने हाल ही में पुणे के वडगांव शेरी निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक…. और बीजेपी के नेता बापू पठारे से मुलाकात की…. ऐसा माना जा रहा है कि बापू पठारे, अजित पवार की पार्टी के मौजूदा विधायक सुनील टिंगरे के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं….. कोल्हापुर जिले के कागल से समरजीत घाटगे के बीजेपी छोड़ने के बाद, कोल्हापुर बीजेपी जिला अध्यक्ष राहुल देसाई भी कांग्रेस में लौटने की तैयारी कर रहे हैं…. और उन्होंने राधानगरी-भुदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवारी पाने के लिए बीजेपी के जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है…..

फिलहाल, ये नेता अपने राजनीतिक पत्ते खोलने से बच रहे हैं…. और सही समय का इंतजार कर रहे हैं…. लेकिन उनके समर्थक अपने नेताओं की भविष्य की रणनीति के संकेत दे रहे हैं…. आपको बता दें कि दो हजार चौदह से बीजेपी के शासनकाल का लाभ उठाते हुए इन नेताओं ने बीजेपी में जगह बनाई…. लेकिन अब लोकसभा नतीजों और महागठबंधन में खींचतान को देखते हुए वे महाविकास अघाड़ी में लौटने की योजना बना रहे हैं…. वहीं इन नेताओं की राजनीतिक ताकत को देखते हुए…. उनके लौटने से उनके निर्वाचन क्षेत्रों में बड़े बदलाव की संभावना है…. आपको बात दें कि इनसभी पेरशानियों से पहले से ही जूझ रही बीजेपी को उनसे सहयोगी और कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव लड़ने का बिगुल फूंक दिया है… और विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार बैठको का दौर जारी है… और सुभासपा के महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले से बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ गई है… वहीं लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से मोदी की छबि खऱाब हो गई है… और इस समय उनकी यह स्थिति है… की पार्टी सहित सहयोगी दलों में भी कोई वर्चस्व नहीं बचा है… कोई भी सहयोगी दल मोदी की बात को मानने के लिए तैयार नहीं है.,.. सामने सभी सहयोगी दल उनकी बातों पर हांमी भर देते हैं… लेकिन पर्दे के पीछे मोदी की बातों को मानने से इनकार कर देते हैं… जिससे जनता के सामने मोदी की छवि बनी रहती है… और पर्दे के पीछे सहयोगी दल अपने हिसाब से सब काम करते है…

बता दें कि लोकसभा चुनाव दो हजार चौबीस से पहले मोदी को इतना कमजोर नहीं देखा गया है… जितना तीसरी बार के कार्यकाल में देखा जा रहा है…. मोदी की बातों को उनके सहयोगी दल ही मान रहे है…. वहीं अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अब महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है…. हाल ही में, पार्टी ने महाराष्ट्र में एक अधिवेशन आयोजित किया… और विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है…. इस दौरान, पार्टी प्रमुख ओपी राजभर ने घोषणा की कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में 22 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी…. आपको बता दें कि मुंबई में सुभासपा ने राष्ट्रीय अधिवेशन में कई अहम राजनैतिक और संगठनात्मक निर्णय लिए गए…. और पार्टी ने निर्णय लिया है कि वह बिहार, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, दिल्ली, और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में भी विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेगी…. इसके अलावा, पार्टी ने संगठन को और सशक्त बनाने… और अपनी विचारधारा को व्यापक स्तर पर पहुंचाने के लिए कई संगठनात्मक प्रस्तावों को भी मंजूरी दी…. जिसको लेकर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि महाराष्ट्र की दो सौ अट्ठासी विधानसभा सीटों में से अड़तालीस प्रतिशत सीटों पर उत्तर भारतीयों की महत्वपूर्ण उपस्थिति है…. इसके बावजूद, राजनीति में उनकी सक्रिय भागीदारी नहीं हो पाई है….. और उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में देखा जाता है…. लेकिन उनकी प्रभावी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित नहीं की जाती…. अब, सुभासपा उत्तर भारतीयों की इस ताकत को अपने साथ जोड़ना चाहती है….

इसके अलावा सपा-बसपा और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए राजभर ने कहा कि ये दल केवल दलितों और पिछड़ों के नाम पर राजनीतिक लाभ उठाते हैं…. जब उनके हकों की बात आती है…. तो वे पीछे हट जाते हैं… उच्चतम न्यायालय ने अति दलितों, अति पिछड़ों और वंचित वर्गों को आरक्षण देने की सिफारिश की है…. और सुभासपा इस निर्णय के साथ खड़ी है…. वहीं इस बीच, मुंबई में महा विकास अघाड़ी के भीतर सीट बंटवारे को लेकर मतभेद उभर रहे हैं…. जहां शिवसेना (यूबीटी) अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा रखती है…. एमवीए गठबंधन, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं…. ने शनिवार को मुंबई में सीट बंटवारे पर चर्चा की…. बैठक के बाद, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि निन्नानबे प्रतिशत सीटों पर अंतिम निर्णय हो चुका है….. हालांकि, एनसीपी और कांग्रेस ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है…. आपको बता दें कि महायुति में जारी तनाव के बीच मोदी की टेंशन बढ़ती जा रही है… लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की बड़ी हार होती दिखाई दे रही है…बता दें कि जनता मोदी की सभी राजनीति के समझ चुकी है… और जनता लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में मोदी को सबक सिखाने की तैयारी कर चुकी है… वहीं इन सबके बीच अपनो ने भी मोदी की चिंता को और बढ़ा दिया है…

 

 

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