अजा एकादशी पर बरसेगी श्रीहरि की कृपा, शुभ मुहूर्त में करें पूजा 

हिन्दू-धर्म की मान्यता के अनुसार अजा एकादशी व्रत का अधिक महत्व है। इस बार अजा एकादशी के दिन दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे इसका महत्त्व और भी अधिक बढ़ जाता है...

4PM न्यूज नेटवर्क: हिन्दू-धर्म की मान्यता के अनुसार अजा एकादशी व्रत का अधिक महत्व है। इस बार अजा एकादशी के दिन दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे इसका महत्त्व और भी अधिक बढ़ जाता है। कहा जाता है इन संयोगों में पूजा करने से व्रत रखने वाले लोगों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि अजा एकादशी के दिन अक्सर ग्रहों और नक्षत्रों के विशेष संयोग बनते हैं, जिन्हें भगवान की पूजा के लिए बहुत ही दुर्लभ माना जाता है। ऐसे में ये संयोग पूजा के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देते हैं। कुछ सामान्य संयोगों में सिद्धि योग, रवि योग, और शुभ नक्षत्र भी शामिल होते हैं।

अजा एकादशी का व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। अजा एकादशी पर श्रीहरि की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है। इस साल अजा एकादशी व्रतियों के लिए बेहद खास मानी जा रही है। सनातन धर्म में मान्यता है कि इन दुर्लभ संयोग में विष्णु जी की पूजा का दोगुना फल प्राप्त होगा। इस साल अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 को है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 29 अगस्त को 01 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और 30 अगस्त को 01 बजकर 37 मिनट पर खत्म होगी। उदयातिथि के अनुसार अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त दिन गुरुवार को रखा जाएगा. इस एकादशी की खास बात ये है कि इस बार अजा एकादशी के दिन 3 शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है।

अजा एकादशी पर शुभ संयोग

  • अजा एकादशी पर सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि और गुरुवार का शुभ संयोग बन रहा है।
  • मान्यता है कि इन शुभ संयोग में अजा एकादशी का व्रत करने से गरीबी दूर होती है, घर में सुख और समृद्धि आती है।

अजा एकादशी पर करें ये उपाय

  • अजा एकादशी के दिन तुलसी पौधे की पूजा-अर्चना करना उत्तम फलदायी मानी गई है।
  • तुलसी पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है, इस उपाय को करने से व्यक्ति से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।
  • अजा एकादशी के दिन दंपत्ति संतान गोपाल मंत्र का जाप विशेष रूप से करें, इससे संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।

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