सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद मुख्यमंत्री रेवंत ने दी सफाई; कहा- न्यायिक प्रक्रिया में मेरा दृढ़ विश्वास
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका पर मैं पूरा भरोसा करता हूं। मैं भारतीय न्यायपालिका का सम्मान करता हूं। मैं समझता हूं कि 29 अगस्त को मीडिया में आए मेरे बयान से ऐसा लगा कि मैं माननीय न्यायालय पर सवाल उठा रहा हूं। मैं दोहराता हूं कि मैं न्यायिक प्रक्रिया में दृढ़ विश्वास रखता हूं। मैं मीडिया रिपोट्र्स में आए बयानों के लिए बिना शर्त खेद व्यक्त करता हूं। ऐसी रिपोर्टों में मेरे नाम से की गई टिप्पणियों को संदर्भ से बाहर ले जाया गया है। मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है। न्यायपालिका और इसकी स्वतंत्रता के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मान है। मैं भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों में दृढ़ विश्वास रखने वाला व्यक्ति हूं। मैं न्यायपालिका का सर्वोच्च सम्मान करता हूं और करता रहूंगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी की तरफ से शीर्ष अदालत के बारे में दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सीएम रेवंत रेड्डी के बयानों की आलोचना की थी। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि एक संवैधानिक पदाधिकारी इस तरह से बोल रहे हैं। उन्हें किसी की आलोचना से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन वे अपने विवेक के अनुसार कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे। रेड्डी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कोर्ट ने कहा था कि सियासी लड़ाई में कोर्ट को घसीटना सही नहीं है। कोर्ट राजनीतिक दलों से पूछकर फैसले नहीं सुनाता। ऐसे बयान लोगों के मन में शंका पैदा करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ सवाल भी किया कि क्या वह किसी राजनीतिक दल से परामर्श करके आदेश पारित करेगा। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी और कहा कि अगर तेलंगाना के सीएम को देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट का सम्मान नहीं है तो मुकदमा कहीं और भी चलाया जा सकता है।
इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर न्यायपालिका विधायिका में हस्तक्षेप नहीं करती है, तो उनसे भी यही अपेक्षा की जाती है। वहीं भारत राष्ट्र समिति नेता के. कविता को जमानत दिए जाने पर तेलंगाना के सीएम की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के बयान लोगों के मन में आशंका पैदा कर सकते हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के कैश-फॉर-वोट मामले को तेलंगाना से बाहर स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 2 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। बीआरएस नेता के. कविता दो दिन पहले ही जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा हुईं हैं।