यूपी उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग जल्द कर सकता है तारीखों का ऐलान, चर्चाएं तेज
UP में जल्द ही उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है जिसे देखते हुए सूबे के मुखिया CM योगी आदित्यनाथ ने आज (07 अक्टूबर) को मुख्यमंत्री आवास पर बीजेपी कोर कमेटी की बैठक की...
4PM न्यूज नेटवर्क: उत्तर-प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हुईं हैं। उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। जानकारी के अनुसार UP में जल्द ही उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है जिसे देखते हुए सूबे के मुखिया CM योगी आदित्यनाथ ने आज (07 अक्टूबर) को मुख्यमंत्री आवास पर बीजेपी कोर कमेटी की बैठक की, जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन किया गया तो वहीं दूसरी तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार जिलेवार पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में आगामी उपचुनाव और प्रत्याशियों के चयन में जातीय समीकरण से लेकर क्षेत्रीय समीकरण तक को लेकर चर्चा हुई।
क्षेत्रीय समीकरण तक को लेकर हुई चर्चा
दरअसल, लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को यूपी में जिस तरह हार का सामना करना पड़ा, ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए यह उपचुनाव बेहद अहम हो गया है। BJP ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। इस चुनाव में बीजेपी ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर ये संदेश देना चाहती है कि यूपी में ऑल इज वेल है। सीएम योगी ख़ुद उपचुनाव की सभी सीटों पर दौरा कर चुके हैं। सीएम योगी ने मिल्कीपुर और कटेहरी सीट को जिताने की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली है।
वहीं समाजवादी पार्टी ने भी इस उपचुनाव में जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हुई है। सपा की नजर उपचुनाव के साथ 2027 के उपचुनाव पर भी टिकी है। जिसे देखते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव हर लोकसभा और जिलेवार पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। इस बीच सपा मुखिया ने आज लालगंज लोकसभा के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें उपचुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों का भी जायजा लिया।
- चुनाव आयोग जल्द ही यूपी की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर सकता है।
- सूत्रों के मुताबिक नवंबर महीने में उत्तर-प्रदेश उपचुनाव कराये जा सकते हैं।
- चुनाव आयोग को खाली हुई सीटों पर छह महीने के भीतर चुनाव कराने होते हैं।
इन सीटों पर होंगे उपचुनाव
यूपी की जिन सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर। इनमें से नौ सीटें सांसद बनने के बाद एक सीट सपा सांसद को कोर्ट से सजा मिलने के बाद खाली हुई है।