भाजपा सिर्फ अपने कॉरपोरेट मित्रों को फायदा पहुंचा रही

  • जयराम रमेश ने लगाए महायुति सरकार पर कई गंभीर आरोप

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की भाजपा समर्थित महायुति सरकार ने सत्ता में रहते हुए राज्य के लोगों की भलाई की बजाय सिर्फ अपने कॉरपोरेट मित्रों को फायदा पहुंचाने का काम किया है। जयराम रमेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हाल ही में पास किए गए कुछ प्रोजेक्ट्स को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि नवंबर 2023 में अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के एक प्रमुख सलाहकार को केंद्र की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) में नियुक्त किया गया।
जो एजीईएल जैसी कंपनियों द्वारा बनाई गई जलविद्युत परियोजनाओं के प्रस्तावों को मंजूरी देती है। उन्होंने कहा कि इसके तुरंत बाद, दिसंबर 2023 में कोल्हापुर के 100 से अधिक गांवों के निवासी एजीईएल की 7,000 करोड़ रुपये की पटगांव पंप स्टोरेज परियोजना के खिलाफ आंदोलनरत होने लगे थे। कांग्रेस नेता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चूंकि कोल्हापुर कम वर्षा और पानी की सीमित उपलब्धता से जूझ रहा है तथा परियोजना को अनुमति दिए जाने से पहले कोई सार्वजनिक बैठक आयोजित नहीं की गई थी, इसलिए स्थानीय लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इससे पानी की स्थिति और खराब होगी। चिंता की बात ये है कि यह अदाणी की उन तीन परियोजनाओं में से एक है, जिन्हें पश्चिमी घाटों के पारिस्थितिकी दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में मंजूरी मिली है। कांग्रेस नेता ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों में इन लाल श्रेणी परियोजनाओं को अनुमति देने के लिए कानून की चुनिंदा तरीके से व्याख्या की है। रमेश ने दावा किया कि अदाणी के अपने पर्यावरण मूल्यांकन में निर्माण के दौरान वनों को भारी नुकसान पहुंचने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन फिर भी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और महायुति द्वारा कानूनी प्रक्रिया में की गई छेड़छाड़ से स्थानीय समुदायों और स्थानीय पर्यावरण पर स्पष्ट रूप से गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

हरियाणा में हार के बाद गठबंधन में सौदेबाजी की ताकत खो रही कांग्रेस

नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस विपक्षी गठबंधन इंडिया के भीतर सौदेबाजी की ताकत खो रही है। अगले महीने होने वाले महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में पार्टी के ऐतिहासिक रूप से कम सीटों पर चुनाव लडऩे की संभावना है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को होने वाले चुनावों में कांग्रेस 110 से कम सीटों पर चुनाव लडऩे की उम्मीद कर रही है। 2019 में कांग्रेस ने 147 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 44 सीटें जीती थीं। चुनाव में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भी अच्छी खासी संख्या में सीटें जीती थीं। इस बार कांग्रेस को अपने पुराने गढ़ मुंबई क्षेत्र में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को सीटें देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस क्षेत्र में 36 सीटों में से 10 सीटें पहले ही शिवसेना (यूबीटी) को दी जा चुकी हैं, जिससे कांग्रेस के कार्यकर्ता निराश हैं और पार्टी के भीतर विद्रोह फैल रहा है। वहीं यूपी उपचुनाव में भी कांग्रेस को सभी दस सीटे सपा को देनी पड़ी है।

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