सरकार प्रमुखों से मिलने का मतलब डील नहीं: सीजेआई
न्यायपालिका पूरी तरह अपनी स्वतंत्रता के साथ काम करती है : चंद्रचूड़
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जब भी सरकार के प्रमुखों से मिलते हैं तो इसका मतलब कोई डील होना नहीं होता। इस तरह की मुलाकातें अक्सर प्रशासनिक मामलों से जुड़ी होती हैं। न्यायपालिका पूरी तरह अपनी स्वतंत्रता के साथ काम करती है।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की यह टिप्पणी गणेश उत्सव के दौरान उनके आवास पर पीएम मोदी के पहुंचने के बाद शुरू हुए विवाद को लेकर आई है। पीएम मोदी और मुख्य न्यायाधीश के बीच हुई उनके आवास पर हुई मुलाकात को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आलोचना की थी।
मुंबई विश्वविद्यालय में एक लेक्चर सीरीज को संबोधित करते हुए सीजेआई ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि मुख्य न्यायाधीशों की राज्य या केंद्र सरकार के प्रमुखों से होने वाली मुलाकातों के दौरान कभी विचाराधीन मुकदमों पर कोई बात नहीं होती। कुछ काम ऐसे होते हैं जो न्यायपालिका और सरकार दोनों से जुड़े होते हैं। ये प्रशासनिक मामले होते हैं। उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि ऐसी मुलाकातें जरूरी होती हैं क्योंकि राज्य सरकारें न्यायपालिका के बजट जारी करती हैं।
सीजेआई ने कहा, ये बजट न्यायाधीशों के लिए नहीं होता। अगर हम नहीं मिलेंगे और सिर्फ पत्राचार पर निर्भर रहेंगे तो कैसे चलेगा। राजनीतिक व्यवस्था में इन सब मामलों में पूरी परिपक्वता अपनाई जाती है। उन्होंने कहा, मेरा ऐसा कोई अनुभव नहीं रहा है, जब किसी मुख्यमंत्री ने किसी विचाराधीन मुकदमे पर कोई बात की हो।
सीजेआई ने कहा कि, प्रशासनिक पक्ष पर न्यायपालिका और सरकार के कार्यों के बीच एक अंतर है। यह एक परंपरा है कि मुख्यमंत्री या मुख्य न्यायाधीश त्योहारों या शोक के अवसर पर एक-दूसरे से मिलते हैं, लेकिन निश्चित रूप से हमें यह समझने की परिपक्वता होनी चाहिए कि इसका हमारे न्यायिक कार्यों पर कोई असर नहीं पड़ता है। कॉलेजियम प्रणाली में सुधार संभव, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसमें कोई खामी हैै।