निषाद की होर्डिंग ने एनडीए गठबंधन में मचाई खलबली

बीजेपी के खेवनहार से... सहारा बनते रहे हैं कैबिनेट मिनिस्टर संजय निषाद!

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बड़ा सवाल यही है कि आखिर कैबिनेट मिनिस्टर संजय निषाद इस तरह की होर्डिंग्स पूरे शहर में क्यों लगवा रहे हैं। खासकर पांच कालीदास मार्ग समेत उन महत्वपूर्ण रास्तों पर जहां से सीएम योगी और अन्य खास लोगों का गुजर होता है। आखिर क्या कारण है कि पहले मंत्री संजय निषाद ने खुद को खेवनहार बताया और अब सहारा बता रहे हैं।
उनकी होर्डिंग्स में कमल का फूल भी है, उनका और बीजेपी शीर्ष नेतृत्तव का फोटो भी है? यह होर्डिंग्स निषाद पार्टी के नेता बिजेंद्र कुमार त्रिपाठी द्वारा लगवायी गयी है।
राजनीतिक विशलेषक डीके त्रिपाठी कहते हैं कि दरअस्ल होर्डिंग्स की भाषा पालिटिक्ल लाइजनिंग जैसी लग रही है। 2027 का सहारा का मतलब ही यही है कि यदि वह सहारा बनने से इंकार कर देंगे तो क्या बीजेपी बेसहारा हो जाएगी। या फिर बीजेपी ने जो जीत ?हासिल की है वह निषाद पार्टी के बिना नहीं हासिल कर पाएगी। या फिर उन्हें यदि उपचुनाव में सीटें नहीं मिली है तो इसकी कमी 2027 के चुनाव में बीजेपी हाइकमान पूरी करे?

आरोपों से मुक्ति चाहते हैं निषाद प्रमुख संजय

गौतलब है कि निषाद पार्टी के भीतर भी मंत्री संजय निषाद के उपर भारी राजनीतिक दबाव है। दूसरे नेता लगातार इस बात को कह रहे हैं कि अभी तक सिर्फ संजय निषाद ने अपना या फिर बेटे का भला किया है। दूसरे अन्य निषाद नेताओं को राजनीतिक भगीदारी नहीं मिली है। संजय निषाद एक सीट पर पार्टी के दूसरे नेता को चुनाव लड़ाकर इस तरह के अरोपो से मुक्ति पाना चाहते हैं।

लड़ाई कांटे की और आमने सामने की होगी

यूपी की पूरी राजनीति पिछड़े वोटों के इर्द—गिर्द घूम रही है। थोड़े से वोट भी इधर से उधर होंगे तो सीटो पर जीत हार का मार्जिन घट और बढ़़ जाएगा। अंदर की खबरों की मानें तो पहले संजय निषाद की पार्टी को एक सीट दी जा रही थी। लेकिन कांग्रेस—सपा के बीच तय हुए नये फार्मूले ने संजय निषाद के अरमानों पर पानी फेर दिया और एनडीए गठबंधन के नये फार्मूले के तहत सभी सीटों पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया। यानि कि लड़ाई कांटे की और आमने सामने की होगी।

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