प्रयागराज में संतों के बीच हुई जमकर मारपीट, एक-दूसरे पर बरसाए थप्पड़, मचा बवाल
4PM न्यूज़ नेटवर्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गुरुवार (07 नवंबर) को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। महाकुंभ 2025 की तैयारी को लेकर हुई इस बैठक में कुर्सी को लेकर संतों में विवाद हुआ और आपस में जमकर मारपीट हुई। अखाड़ों से जुड़े संतों ने एक दूसरे पर थप्पड़ बरसाए। इतना ही नहीं लात घूंसे भी चले। मारपीट की वजह से देर तक अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बता दें कि संतो के बीच हुई आपसी मारपीट की वजह से बैठक भी नहीं हो सकी।
आपस में भिड़े दो गुट
आपको बता दें कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण के दफ्तर में बैठक होनी थी। प्राधिकरण ने बैठक के लिए अखाड़ा परिषद के दोनों गुटों को बुलाया था। औपचारिक तौर पर बैठक की शुरुआत होने से पहले ही हंगामा शुरू हो गया। मारपीट की इस घटना में कुछ संतो को मामूली चोट भी आई हैं। मिली जानकारी के अनुसार पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मौत के बाद से ही अखाड़ा परिषद दो गुटों में बटा हुआ है।
इस मामले में बताया जा रहा है कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि जमीन आवंटन को लेकर विवाद है, कुछ संतों की तरफ से हंगामा हुआ। निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास ने कहा जब भी कोई मेला होता है तो जो अखाड़े के पदाधिकारी हैं उन्हें बुलाया जाता है। लेकिन कुंभ मेले में ये दो तीन बार हुआ है कि पदाधिकारियों को न बैठाकर दूसरों को बैठाया जाता है जैसे जूना अखड़ा। जूना अखाड़ों को रिकॉर्ड अच्छा नहीं है, झगड़ा करना और विवाद करना ही काम है। हम को वहां बैठने को जगह नहीं मिली तो हम बोले इस पर ही जूना अखाड़े प्रेम गिरी ने अटैक कर दिया।
महत्वपूर्ण बिंदु
- महाकुंभ में प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं का मुख्य गंतव्य स्थल त्रिवेणी संगम है।
- महाकुंभ 2025 का सफल आयोजन CM योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में से एक है।
- ऐसे में यूपी सरकार इस आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
- महाकुंभ मेले में लगभग 40 करोड़ लोगों के प्रयागराज आने का अनुमान है, जो कि पिछले कुंभ मेले की तुलना में ढेड़ से दो गुना है।