‘लूट मचाकर सरकारी खजाना भरना चाहती है केंद्र सरकार’
- पॉपकॉर्न पर कई तरह का टैक्स लगने पर भडक़े यूजर्स
- सोशल मीडिया पर आई मीम की बाढ़
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार की ओर से कई फैसलों पर मुहर लगाई गई। सरकार ने पुरानी गाडिय़ों से लेकर पॉपकॉर्न तक पर जीएसटी लगाने की घोषणा कर डाली। इस फैसले के बाद एनडीए सरकार आम जनों के निशाने पर आ गई। वहीं सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा बहस छिड़ी पॉपकॉर्न पर लगे जीएसटी को लेकर, जहां यूजर्स ने सरकार के इस फैसले के जमकर मजे लिए और क्रिटिसिज्म की सीमाएं पार कर डाली।
कुछ यूजर्स ने इस पर सरकार का बचाव भी किया तो कुछ ने इसे खुलेआम लूट कहा। लोगों ने कहा कि सरकारी खजाने इज्जत से भी भरे जा सकते हैं, लेकिन सरकार लूट मचाकर इन्हें भरना चाहती है। सबसे ज्यादा चोट थिएटर में जाकर फिल्म देखने वाले लोगों को पहुंची, जो हर हफ्ते एक फुल पॉपकॉर्न का पैक लेकर थिएटर में फिल्म के मजे लेते हैं।
लोग बोले- सांस लेने पर कब से लगेगा जीएसटी
जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में फैसला लेते हुए पॉपकॉर्न पर कैटेगरी वाइज जीएसटी लगाया था, जिसके बाद नेटीजंस ने इंटरनेट पर हल्ला काट दिया था। खबर जैसे ही फैली लोगों ने इस पर मीम बनाने शुरू कर दिए, किसी ने कहा कि पॉपकॉर्न खरीदने से पहले जीएसटी स्लैब की पढ़ाई करनी पड़ेगी तो किसी ने कहा कि अब सांस लेने पर जीएसटी लगने की देर है, एक और यूजर ने लिखा कि कैरेमलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत जीएसटी ऐसा है मानों इसे सुनार की दुकान पर बेचा जाने लगेगा।
पॉपकॉर्न को राजा घोषित कर दिया जाए
सोशल मीडिया पर पॉपकॉर्न को लेकर मीम की बाढ़ आ गई, लोगों ने पॉपकॉर्न का असली इज्जत का हकदार बताया तो कुछ ने कहा कि पॉपकॉर्न कंपनियों को बगैर प्रचार के ही इतनी प्रसिद्धि मिल गई है। एक और यूजर ने लिखा कि पॉपकॉर्न अब सभी स्नैक्स का सरदार बन गया है, लिहाजा इसे फूड इंडस्ट्री का राजा घोषित कर दिया जाए।