आप सरकार ने जितना काम किया किसी और सरकार ने नहीं: अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल का दावा आम आदमी पार्टी की सरकार ने बेहतर काम किया
बीजेपी का सिर्फ गाली देना काम रह गया है।
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि भाजपा का काम सिर्फ मुझे गाली देना और धरना-प्रदर्शन करना है, इसलिए मैं अपने घर के बाहर परमानेंट टेंट लगवा देता हूं, ताकि भाजपा के लोग रोजाना वहां बैठें और बस बैनर बदल लें कि आज किस मुद्दे पर धरना देना है।
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि वह इलेक्शन कमीशन से यह शिकायत करने गये थे कि रोहिंग्या का बहाना बनाकर पूरी दिल्ली के अंदर भारतीय जनता पार्टी पूर्वांचलियों और दलितों के वोट कटवा रही है। यह खुद ही जेपी नड्डा साहब ने संसद के अंदर कबूल किया था कि हम पूर्वांचल और दलितों के वोट कटवा रहे हैं। मैं उसी की शिकायत करने के लिए गया था। उन्होंने कहा कि जितना काम आम आदमी पार्टी ने पूर्वांचल समाज के लिए किया है, आप देख लो। इलेक्शन में पूर्वांचल के लोगों को जितनी टिकट देते हैं, ये किसी से छिपा नहीं है।
कच्ची कॉलोनी के लिए क्या किया बीजेपी ने
पूर्व सीएम केजरीवाल के मुताबिक पूर्वांचल से आये ज्यादातर लोग कच्ची कॉलोनी में रहते हैं। कच्ची कॉलोनी के अंदर 2014 के पहले जीना मुश्किल था। नरक की जिंदगी थी। कीचड़ रहता था। कोई विकास नहीं था। सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक वहां विकास नहीं हो सकता था। कच्ची कॉलोनी में 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग पूर्वांचली रहते हैं। मैं भारतीय जनता पार्टी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल के अंदर आपने कच्ची कॉलोनी के लिए क्या किया।
आप ने दिया लोगों को सम्मानजनक जीवन
पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि भाजपा का काम सिर्फ मुझे गाली देना और धरना-प्रदर्शन करना है, इसलिए मैं अपने घर के बाहर परमानेंट टेंट लगवा देता हूं, ताकि भाजपा के लोग रोजाना वहां बैठें और बस बैनर बदल लें कि आज किस मुद्दे पर धरना देना है।
रोहिंग्या का बहाना बनाकर पूरी दिल्ली के अंदर भारतीय जनता पार्टी पूर्वांचलियों और दलितों के वोट कटवा रही है। यह खुद ही जेपी नड्डा साहब ने संसद के अंदर कबूल किया था कि हम पूर्वांचल और दलितों के वोट कटवा रहे हैं। मैं उसी की शिकायत करने के लिए गया था। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक हमारी सरकार ने पूरी दिल्ली में सडक़ें बनवाई, गलियां बनवाई, सीसीटीवी कैमरे लगवाए, नालियां बनवाई, सीवर के कनेक्शन दिए, पानी की पाइपलाइन डलवाई, अस्पताल बनवाए, मोहल्ला क्लीनिक बनवाया, स्कूल बनवाए। उनको इज्जत और सम्मान की जिंदगी दी है। आज जिन कच्ची कॉलोनी में 3,000 गज का रेट था 2015 में, आज वहां एक लाख रुपए ऊपर गज का रेट है और लोगों को सम्मान की जिंदगी मिली है। यह लोग गंदी राजनीति करते हैं। यह लोग काम नहीं करते हैं। बेरोजगारों के लिए यह लोग कोई भी काम नहीं करते, ना उनके लिए कोई योजना लाते हैं। बस इनका आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को गालियां देने का काम है।
राजनीतिक फाइटर की तरह जिये पूर्व सपा नगर अध्यक्ष बबलू
समाजवादी पार्टी के नींव के पत्थर मुजीबुर्रहमान ने की आत्महत्या
लंबे समय से लीवर कैंसर से पीडि़त थे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ से समाजवादी पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष मुजीबुर्रहमान बबलू ने कैंसर से पीडि़त हो कर लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मार कर आत्महत्या कर ली है।
इस खबर ने लखनऊ के पालिटिक्ल मिजाज को गर्म कर दिया है। किसी को भी यकीन नहीं आ रहा कि बबलू ऐसा कर सकते हैं। 51 वर्षीय बबलू हार्टकोर सपाई थे और एक फाइटर की तरह उनका पालिटिक्ल कैरियर रहा। लखनऊ के मौलवीगंज स्थित रस्सी बटान के रहने वाले बबलू पिछले दो वर्षों से लीवर के कैंसर से पीडि़त थे। उनका इलाज चल रहा था।
बबलू को करीब से जानने वाले और उनके सोशल मीडिया एकांउट के जरिये किये गये पोस्ट से जाहिर होता है कि बबलू कैंसर से अच्छी तरह से लड़ रहे थे। पिछले दिनों जब उनका कीमो चल रहा था तो उन्होंने बाकायदा उस प्रक्रिया को सोशल मीडिया के जरिये अपने समर्थकों तक पहुंचाया था। बबलू ने सपा के प्रत्येक आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। सपा नेता फाकिर सिद्दीकी ने उनके निधन पर कहा कि एक सच्चा कार्यकर्ता एक बढिय़ा लीडर हमारे बीच से चला गया।
वजीरगंज पुलिस ने बताया कि उन्होंने अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से सर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। इस सूचना पर पुलिस बल मौके पर मौजूद है। जांच के साथ आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। आत्महत्या से पहले मुजीबुर्रहमान बबलू ने एक वॉट्सएप ग्रुप में लिखा था कि आप सभी की मोहब्बत का बहुत-बहुत शुक्रिया। दुआओं में याद रखें। अलविदा!
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए 1.12 लाख करोड़ रुपये के गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स शो-कॉज नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन नोटिस से जुड़े सभी मामले फिलहाल स्थगित रहेंगे जब तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता। सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों से जुड़े मामलों को एक साथ जोडऩे का निर्देश दिया है। अब इन मामलों की अगली सुनवाई 18 मार्च, 2025 को होगी।
यह फैसला ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि इस पर कर अधिकारियों और कंपनियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। इस विवाद का मुख्य मुद्दा ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी लागू करने की व्याख्या है। सरकार का कहना है कि 28 प्रतिशत जीएसटी पूरे एंट्री अमाउंट पर लगना चाहिए, जिसमें इनाम राशि (प्राइज पूल) भी शामिल होती है। वहीं, गेमिंग कंपनियों का तर्क है कि जीएसटी केवल उनके प्लेटफॉर्म फीस या कमीशन पर लगना चाहिए, क्योंकि इनमें से कई गेम कौशल (स्किल) पर आधारित होते हैं, न कि किस्मत (चांस) पर।
गंभीर रूप से बीमार एम्स में भर्ती किया गया अंडरवल्र्ड डॉन छोटा राजन
वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है छोटा राजन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। हत्या, वसूली, मनी लॉन्ड्रिंग और धमकी जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं छोटा राजन पर अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की तबीयत बिगडऩे के बाद उसे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के अनुसार, छोटा राजन वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है और उसकी स्वास्थ्य स्थिति बिगडऩे पर जेल प्रशासन ने उसे तुरंत इलाज के लिए एम्स ले जाने का फैसला किया। छोटा राजन को एम्स में भर्ती कराने के दौरान सुरक्षा को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। दिल्ली पुलिस और तिहाड़ जेल प्रशासन ने उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। एम्स के जिस वार्ड में छोटा राजन को भर्ती किया गया है वहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। वार्ड के बाहर बड़ी संख्या में सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। मरीजों और डॉक्टरों की आवाजाही को भी सीमित कर दिया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
छोटा राजन को 2015 में इंडोनेशिया के बाली से गिरफ्तार किया गया था। तब से वह कई संगीन मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है और फिलहाल तिहाड़ जेल में अपनी सजा काट रहा है। जेल प्रशासन उसकी सुरक्षा को लेकर पहले से ही सतर्क था, क्योंकि वह अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से जुड़े कई अहम रहस्यों का गवाह है। छोटा राजन की मेडिकल स्थिति के बारे में फिलहाल अधिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि उनकी स्थिति गंभीर है और इलाज जारी है।
ट्रंप पर सजा का एलान आज, क्या ले पाएंगे शपथ!
अमेरिकन कोर्ट ने 5-4 के मतों के साथ ट्रंप कीअपील को खारिज कर दिया
एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1 लाख 30 हजार डॉलर देने का आरोप
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जहां एक तरफ 20 जनवरी को देश के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ हश मनी केस में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। न्यूयॉर्क कोर्ट के जज ने आज हश मनी केस में ट्रंप की सजा का ऐलान किये जाने की बात कही थी। इसी के बाद ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट से सजा को रोकने के लिए आग्रह किया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें झटका लगा है। कोर्ट ने भी सजा को रोकने से इंकार कर दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने सजा सुनाए जाने से अंतिम समय पहले बुधवार यानी 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से सजा रोकने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि, ट्रंप की हश मनी केस में सजा को रोकने की अपील को खारिज कर दिया है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने शीर्ष अदालत से इस बात पर विचार करने का आग्रह किया था कि क्या वह अपनी सजा पर स्वत: रोक लगाने के हकदार हैं, लेकिन जज ने आवेदन को 5-4 से खारिज कर दिया है।
क्या है हश मनी केस?
हश मनी केस साल 2016 का एक केस है. जिसमें कथित रूप से ट्रंप पर एडल्ट स्टार को पैसे देने का आरोप है. 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले एडल्ट स्टार को संबंधों पर चुप्पी साधने के लिए आरोप है कि ट्रंप ने पैसे दिए. एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1 लाख 30 हजार डॉलर देने का आरोप दर्ज किया गया है. हालांकि, ट्रंप सभी आरोपों को खारिज कर चुके हैं.
5-4 से खारिज की गई अपील
इस केस को देख रहे जज जुआन मर्चन ने ट्रंप को सजा सुनाने के लिए आज का दिन तय किया है। जज ने हालांकि पहले ही संकेत दे दिए हैं कि ट्रंप को जेल की सजा नहीं दी जाएगी। साथ ही वो उन पर जुर्माना या प्रोबेशन नहीं लगाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के दो कंजर्वेटिव जज – जॉन रॉबर्ट्स और एमी कोनी बैरेट ने तीन लिबरल जजों के साथ मिलकर बहुमत की और ट्रंप की सजा रोकने की अपील से इनकार कर दिया। बाकी चार न्यायाधीशों – क्लेरेंस थॉमस, सैमुअल अलिटो, नील गोरसच और ब्रेट कवनुघ – ने ट्रंप की अपील को स्वीकार कर दिया था, लेकिन 5-4 के मतों के साथ ट्रंप की अपील को अस्वीकार कर दिया गया।
ट्रंप के वकीलों का तर्क
इस केस में ट्रंप के वकीलों ने 8 जनवरी को आपातकालीन प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें उनके वकीलों ने कहा था कि पद संभालने से पहले निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप पर अपराध की सजा थोपना गंभीर अन्याय होगा और सरकार के संचालन में हस्तक्षेप करना होगा। इसी के साथ यह भी कहा गया था कि अपराध की सजा का ऐलान करने में देरी करनी चाहिए।