दिल्ली की जनता को बीजेपी पसंद नहीं: देवेंन्द्र
- राज्य कांग्रेस अध्यक्ष बोले- आप ने जनता को ठगा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लगातार 15 साल सत्ता में रहने और बीते दस साल से विधानसभा की एक सीट के लिए तरस रही कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटी है। कांग्रेस की पहली चुनौती अपने खो चुके जनाधार को पाने की है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार के तौर पर बीजेपी जनता की चॉइस नहीं है। पिछले छह चुनावों में दिल्ली की जनता बीजेपी को नकार चुकी है। 2013 में शीला दीक्षित की सरकार के 15 साल पूरे हो चुके थे, सत्ता विरोधी लहर तो बन गई थी।
इस दौरान एक आंदोलन हुआ और जनता ने एक बेहतर विकल्प की उम्मीद में आम आदमी पार्टी को चुना। 2013 के चुनाव में कांग्रेस 8 सीटें मिलीं तो आप को 28। लोकपाल पर इस्तीफा दिया और 2015 में दोबारा हुए चुनाव में 67 सीट आप को मिली। लेकिन इस चुनाव में उनके 11 साल हो गए और उनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बड़ी है और हमने इस चुनाव में अपने आपको एक विकल्प के तौर पर पेश किया है। सबसे पहले हमने चुनाव में अपनी मौजूदगी दिखाई, जनता के नब्ज पकडऩे में सफल रहे, गारंटी लॉन्च कर मेनिफेस्टो में लीड लिया, विज्ञापन के जरिए आवाज पहुंचाने में सफल रहे, ऑटो कैंपेन किया, पानी के मुद्दे पर जनता की आवाज उठाई, नीट पेपर लीक से लेकर अन्य मामले में जनता की आवाज बन रहे हैं। उनकी पीड़ा समझे और आज हम इस चुनाव में प्रमुख दावेदार हैं।
मौजूदा सरकार अपने वादे को पूरा नहीं कर पाई
मौजूदा सरकार अपने वादे को पूरा नहीं कर पाई है। जिस भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर राजनीति में आए और दिल्ली की सत्ता मिली, उसे भूल गए। लोकपाल उनके मुद्दे से गायब हो गए, यमुना साफ नहीं हुई। वो शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार के डाक्यूमेंट्स लेकर घूमते रहे, जेल भेजने की धमकी देते रहे। कांग्रेस का एक कार्यकर्ता तक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जेल नहीं गया और इनके मुख्यमंत्री से लेकर उप मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, सांसद तक जेल पहुंच गए। अभी बरी नहीं हुए हैं, बेल पर बाहर आए हैं। आज भी सरकारी फाइल साइन नहीं कर सकते। इन्होंने जनता को ठगा है। महंगाई से परेशान हैं, बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही है, गंदगी का हल नहीं निकाल पाए। जब आए थे तो न गाड़ी न बंगला और सुरक्षा नहीं लेने की बात करते थे और आज शीशमहल बना रहे हैं। हमारे खिलाफ सबूत तक दे नहीं पाए और वो खुद जेल पहुंच गए।