लखनऊ विवि के कुलपति के खिलाफ शिकायत
आजाद अधिकार सेना नेराज्यपाल को भेजा प्रत्यावेदन, अप्लाइड इकोनॉमिक्स विभाग के प्रोफेसर विमल जायसवाल के खिलाफ हो रही जांच
नियुक्ति में मनमानी करने का लगा है आरोप
अमिताभ ठाकुर ने कहा- शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं कर रहे लविवि कुलपति
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में गलत तरीके से नौकरी करने वाले प्रोफेसर के खिलाफ चारों ओर से विरोध के सुर उठने लगें हैं। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ विश्वविद्यालय में अप्लाइड इकोनॉमिक्स विभाग के प्रोफेसर विमल जायसवाल के विरुद्ध विभिन्न गंभीर शिकायतों के संबंध में कुलपति प्रो आलोक कुमार राय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर आपत्ति उठाई है। उन्होंने इस संबंध में कुलाधिपति के रूप में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल को प्रत्यावेदन भेज कर जांच की मांग की है।
उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 12 सहित अन्य प्रावधानों में भेजे गए प्रत्यावेदन में उन्होंने कहा कि प्रो विमल जायसवाल पर क्रीमीलेयर के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर बनाए जाने तथा प्रोफेसर बनने के बाद उनके द्वारा अनुचित ढंग से संपत्ति का अर्जन किए जाने के गंभीर आरोप हैं। साथ ही उन पर पूर्व में केंद्रीय अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ की एक जांच में कई लोगों को आपराधिक रूप से धमकाने के भी आरोप हैं।
विधायक अभय सिंह ने की थी कमेटी के अध्यक्ष को बदलने की मांग
वहीं दूसरी तरफ विधायक अभय सिंह की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कमेटी के अध्यक्ष बदलने की मांग की गई थी. जांच कमेटी गठन होने के 10 दिन बिकने के बाद भी कोई बैठक न होने पर यह अटकलें लगाई जा रही थी, कि शासन की ओर से शायद कमेटी का अध्यक्ष बदला जा सकता है। लेकिन कमेटी की पहली बैठक होने के बाद अब इस पर भी विराम लग गया है।
कुलपति पर भी हो कार्रवाई
इन आरोपों के संबंध में प्रो आलोक राय को कई बार शिकायत प्राप्त हुई, किंतु उनके द्वारा इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अत: अमिताभ ठाकुर ने राज्यपाल से इन तथ्यों की जांच करा कर प्रो आलोक राय और प्रो विमल जायसवाल के संबंध में समुचित कार्यवाही की मांग की है।
शासन के आदेश से शुरू हुई थी जांच
लखनऊ विश्वविद्यालय के एप्लाइड इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर विमल जायसवाल के मामले की जांच शुरू हो गई है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से लखनऊ विश्वविद्यालय के ही कुलपति प्रोफेसर आलोक राय की अध्यक्षता में 14 सदस्य कमेटी का गठन किया था, जिसकी पहली बैठक हो गई है, शासन के निर्देश पर गठित जांच समिति की पहली बैठक में प्रोफेसर जायसवाल की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज रखे गए, कमेटी की ओर से प्रोफेसर जायसवाल को एक पत्र भेजा गया है। अगली बैठक में उनके बयान दर्ज होंगे।शासन की ओर से 8 जनवरी को इस मामले में एक जांच समिति का गठन किया गया था. एलयू वीसी को कमेटी की कमान सौंपा गई थी। हालांकि एलयू वीसी के विदेश में होने के कारण इसकी एक भी बैठक उस समय नहीं हो पाई थी। जबकि शासन की ओर से 15 दिन के अंदर ही पूरे मामले की जांच रिपोर्ट सॉफ्टवेयर के निर्देश दिए गए थे।
2005 में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर आये थे जायसवाल
प्रोफेसर विमल जायसवाल की नियुक्ति साल 2005 में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर संवर्ग में हुई थी। शिकायतकर्ता ने कहा है कि प्रोफेसर विमल के पिता सियाराम जयसवाल लखनऊ विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग के हेड रहे थे। वह उच्च शिक्षा आयोग के अध्यक्ष भी रह थे, ऐसे में वह ओबीसी के नॉन क्रीमी लेयर के तहत नहीं आते हैं, गलत तरह से उनकी नियुक्ति की गई है,उन पर यह भी आरोप है कि उनका प्रोफेसर के पद पर प्रमोशन भी गलत तरह से किया गया है, निर्धारित मानकों को पूरा किए बिना ही उनका प्रमोशन कर दिया गया है, इसके अलावा विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रहते हुए अनिमियताओं के भी कई आरोप लगाये गये हैं।
न्याय दिलाने के लिए इस्तीफा देने को तैयार: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए हुआ प्रोग्रेसिव हेल्थ एसोसिएशन का गठन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ममता सरकार ने प्रोग्रेसिव हेल्थ एसोसिएशन के गठन को मंजूरी दे दी है। इस संगठन की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री डॉ. शशि पांजा को दी गई है।
वहीं आरजी कर हादसे के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा है कि अगर उनका इस्तीफा न्याय दिलाने में मदद कर सकता है, तो वह इसके लिए भी तैयार हैं। लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि विपक्षी राजनीतिक दल इस संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर और दुखद घटना है। यह स्थिति निश्चित रूप से दुखद और अस्वीकार्य है, क्योंकि इस तरह के मुद्दों को राजनीतिक मंच पर नहीं उठाना चाहिए। मंत्री डॉ. शशि पांजा ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी। डॉ. पांजा ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में जो विकास किए गए हैं, उसे ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि स्वास्थ्य सेवाएं हर गांव तक पहुंचे और जहां कहीं भी कमी हो, उसे पूरा किया जाए। पांजा ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। उनके मुताबिक आरजी कर मामले में आंदोलन के मुद्दे पर भी बात करना जरूरी है।
गलत जानकारी और अफवाहें फैलाई गईं
उन्होंने कहा कि एक दुखद घटना के बाद, कुछ गलत जानकारी और अफवाहें फैलाई गईं, जिसका मकसद लोगों को भटकाना था। ऐसे मामलों में राजनीतिक लाभ की कोशिशें भी की गईं, लेकिन हमें यह समझने की जरूरत है कि किसी भी तरह के आंदोलन में, खासकर जब बात लोगों के दर्द और संघर्ष की हो, उसमें सच्चाई और निष्पक्षता सबसे महत्वपूर्ण है। डॉ. शशि पांजा ने कहा कि हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि हम प्रोग्रेसिव हेल्थ एसोसिएशन जैसे संगठनों का समर्थन करें ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम उठाए जा सकें।पर उठाना केवल स्थिति को बिगाड़ता है।
बजट सत्र की तैयारी शुरू 30 को सर्वदलीय बैठक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र शुरू होने वाला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार, 31 जनवरी 2025 को संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगी। संसद के बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी 2025 को शुरू होगा और 13 फरवरी को समाप्त होगा।
सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च 2025 को शुरू होगा और 4 अप्रैल 2025 को समाप्त होगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अठारहवीं लोकसभा का चौथा सत्र शुक्रवार, 31 जनवरी, 2025 को शुरू होगा। सरकारी कामकाज की अनिवार्यताओं के अधीन, सत्र शुक्रवार, 4 अप्रैल, 2025 को समाप्त होने की संभावना है।
यह सीतारमण का आठवां बजट होगा – छह वार्षिक और दो अंतरिम – सबसे अधिक बजट पेश करने के पूर्व प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगा। 2017 के बाद से, केंद्रीय बजट लगातार 1 फरवरी को प्रस्तुत किया गया है ताकि अप्रैल में नया वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले घोषणाओं को प्रभावी किया जा सके। हालाँकि, 1997 से पहले, बजट आमतौर पर फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर, आमतौर पर शाम 5 बजे पेश किया जाता था। उस दिन शेयर बाजार खुला रहेगा और निवेशकों को बजट घोषणाओं पर प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाने के लिए नियमित घंटों के दौरान काम करेगा। आगामी केंद्रीय बजट से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को घोषणा की कि सरकार ने 30 जनवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उन्होंने आगामी सत्र के दौरान सदन में सुचारू चर्चा कराने में विपक्षी नेताओं से सहयोग की भी अपील की। मंत्री सोमवार को अपने प्रयागराज दौरे के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने चल रहे महाकुंभ के दौरान पवित्र स्नान किया। संसद के आगामी बजट सत्र पर रिजिजू ने कहा कि 31 जनवरी को संसद का बजट सत्र शुरू होगा। इससे पहले 30 जनवरी को हमने सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
पहाड़ काटने वाले दशरथ मांझी के बेटे थामेंगे कांग्रेस का दामन
जदयू में नजरअंदाजी के चलते बदला पाला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई हैं। इसी कड़़ी में आज (28 जनवरी) माउंटेन मैन के नाम से मशहूर दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं।
इसके जरिए कांग्रेस बिहार की महादलित जातियों खासकर मांझी समाज को साधने की कोशिश कर सकती है। भागीरथ मांझी के साथ पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर और कुम्हार समाज के नेता मनोज प्रजापति भी आज कांग्रेस में शामिल होंगे।
भागीरथ मांझी, अली अनवर, मनोज प्रजापति तीनों नेता महादलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ा समाज से हैं, इन नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर कांग्रेस संदेश दे रही है कि साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर वो गंभीर है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भागीरथ मांझी ने जेडीयू का दामन थामा था. अब वे कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं. इसी साल 18 जनवरी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जब पटना पहुंचे थे तो उन्होंने भागीरथ मांझी को सम्मानित किया था। उसके बाद से ही उनके कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। माना जा रहा है कि कथित तौर पर जेडीयू में हो रही नजरअंदाजी के चलते भी वे पाला बदल रहे हैं, भागीरथ मांझी पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के क्षेत्र से आते हैं, दशरथ मांझी के परिवार के सदस्यों को जीतन राम मांझी की काट के तौर पर देखा जाता है जिनका गया जिले में खासा प्रभाव है. भागीरथ मांझी भी जीतन राम मांझी की तरह मुसहर जाति से हैं। बता दें कि बिहार में कांग्रेस विधानसभा चुनाव से कांग्रेस मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी हुई है. अगले महीने फरवरी में कांग्रेस जय बापू, जय भीम, जय संविधान सम्मेलन का आयोजन भी करने वाली है जिसकी शुरुआत चंपारण से हो सकती है।
बागपत में बड़ा हादसा: सात की मौत, 75 से अधिक लोग घायल
जैन निर्वाण महोत्सव में मच गई भगदड़
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बागपत। यूपी में सरकारी लापरवाही का एक और मामला सामने आया।अभी पिछले साल ही हाथरस में नारायण सरकार के धार्मिक कार्यक्रम बड़ा हादसा हुआ था जिसे सैकड़ों लोगों की जान गई थी जिसमें प्रशाशनिक नाकामी उजागर हुई थी। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में मंगलवार को बड़ा हादसा हुआ है। बड़ौत में आयोजित जैन निर्वाण महोत्सव में दर्दनाक हादसा हुआ है।
कार्यक्रम के लिए लगा स्टेज टूटने से सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जबकि 75 से अधिक महिला, पुरुष और बच्चे घायल हुए हैं। घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। आनन-फानन एंबुलेंस नहीं मिलने पर घायलों को ई रिक्शा से अस्पताल ले जाया गया। घायलों में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सूचना मिलते ही बड़ौत कोतवाली इंस्पेक्टर भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। एसपी और एडिशनल एसपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे हैं। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
जानकारी के अनुसार, बागपत के बड़ौत में आयोजित भगवान आदिनाथ के निर्वाण लड्डू पर्व पर श्री दिगंबर जैन डिग्री कॉलेज के मैदान पर बनाए गए मान स्तंभ का मंच टूट गया। इससे मौके पर भगदड़ मच गई। सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 75 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
बनाया गया था 65 फीट ऊंचा मंच
बड़ौत शहर कोतवाली इलाके के गांधी रोड पर यह दर्दनाक हादसा हुआ है। श्री दिगंबर जैन डिग्री कॉलेज के मैदान पर निर्वाण महोत्सव के तहत यहां धार्मिक कार्यक्रम होना था, यहां 65 फीट ऊंचा मंच बनाया गया था। इसकी सीढिय़ां टूट गईं। जिससे भगदड़ मच गई।
मिट्टी भराव की वजह से हुआ हादसा
बताया जा रहा है कि श्री दिगंबर जैन डिग्री कॉलेज के ग्राउंड का हाल ही में भराव हुआ था। श्रद्धालु अधिक पहुंचने से मिट्टी बैठ गई। मंच पर श्रद्धालु ज्यादा चढ़ गए थे। जिससे बल्लियां भी टूट गईं। मंच भीड़ का दबाव नहीं झेल सका।
इनकी हुई मौत
हादसे में तरसपाल (66) पुत्र हुकमचंद गांधी रोड इमली वाली गली, अमित (35) पुत्र नरेश चंद, अरुण(48) पुत्र केशव राम ऊषा (24) पत्नी सुरेंद्र, शिल्पी (24), पुत्री सुनील जैन, विनीत जैन (40) पुत्र सुरेंद्र, कमलेश जैन (65) पत्नी सुरेश चंद की मौत हो गई है। घायलों का उपचार चल रहा है।