बिलखते लोग, बिखरे सामान बता रहे हादसे की भयावहता
अपनों को खोजने में लगे परिजन, सरकार की व्यवस्था से नाराज दिखे श्रद्धालु
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ के संगम क्षेत्र बुधवार की सुबह दर्दनाक हादसा हो गया जिसमें 20 से अधिक लोगों की जान चली गई। हादसे की जगह से जो तस्वीरें आ रही हैं वह बहुत ही विभत्स व दिल को दहलाने वाली हैं। जीरों ग्राउंड पर जगह-जगह खून, चप्पल, जूतें महिलाओं के पर्स, कपड़े बिखरे हुए थे। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अचानक भीड़ उमड़ी और धक्का-मुक्की होने लगी। इस दौरान कई लोग गिर गए। लोगों में अफरा-तफरी मच गई। घटना पिलर नंबर 155 पर हुई। कुछ लोगों ने बताया कि किसी तरह उन्होंने लोगों उठाया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लोग चिल्ला रहे थे। हम लोग विवश थे, किसी को बचा नहीं पाए। भीड़ के कारण ऐसा हुआ। गौरतलब हो कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले प्रयागराज के संगम तट पर भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालुओं के हताहत होने की खबर है। मौनी अमावस्या पर भीड़ के अत्यधिक दबाव की वजह से हालात बिगड़ गए। भीड़ अधिक होने के कारण कुछ श्रद्धालु गिर गए। जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई। भगदड़ की घटना के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आया। तुरंत ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। देर रात करीब दो बजे संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। देखते ही देखते मौके पर स्थिति बेकाबू हो गई। कुछ लोग गिरे तो भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। लोगों का सामान छूट गया।
तत्काल सेना को सौंपा जाए महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन : अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के आयोजन के संचालन में विश्वस की कमी का हवाला देते हुए, महाकुंभ मेले के प्रशासन और प्रबंधन को तत्काल भारतीय सेना को सौंपने की मांग की है। उनकी यह प्रतिक्रिया आज सुबह-सुबह प्रयागराज के महाकुंभ में भगदड़ जैसी स्थिति के बाद आई है। अखिलेश ने एक्स पर लिखा कि महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। अखिलेश यादव ने ने कहा कि ‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गयी है, तो जो लोग इसका दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए। अखिलेश ने लिखा कि महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि!
‘जो गिर गया वो खड़ा नहीं हो पाया’
बिहार के पटना निवासी प्रत्यक्षदर्शी नलिन कुमार ने बताया कि हम लोग आठ आदमी आए थे, उनके साथ के दो साथी मिले नहीं है। एक अन्य मध्यप्रदेश के मुरैना के प्रत्यक्षदर्शी भगवंत सिंह ने कहा कि भीड़ की वजह से हादसा हुआ। उधर से लोग वापस आ रहे थे, इधर से भी लोग जा रहे थे। धक्का-मुक्की हुई तो लोग गिर गए, जो गिर गया वो खड़ा नहीं हो पाया। भीड़ ऊपर से निकलती चली गई। चीख-पुकार मच गई। हमने बचने का प्रयास किया। सब इधर-उधर भाग रहे थे। कई लोग इस भगदड़ में घायल हो गए।
बैरिकेडिंग करके रास्ता रोकने के कारण हुआ जानलेवा हादसा
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, भगदड़ मचते ही लोग इधर-उधर दौडऩे लगे। बताया जाता है कि प्रयागराज के संगम तट पर अमृत स्नान से पहले देर रात करीब 2 बजे भगदछ मच गई। इसमें कुछ लोगों के हताहत होने की बात कही जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि बेकाबू भीड़ को बैरिकेडिंग करके रास्ता रोकने के कारण हादसा हुआ है।
एंबुलेस में शार्ट-सर्किट से अफरा-तफरी
स्वास्थ्य विभाग के एक एंबुलेस में शार्ट-सर्किट से आग लग गई जिससे वहां पर अफरा-तफरी भी मच गई। दरअसल, कुंभ मेला क्षेत्र में यूपी के स्वास्थ्य विभाग से सैकड़ों की संख्या में एंबुलेस भी लगाए गए हैं। संगम क्षेत्र में जब यह एंबुलेंस अपनी सेवाए दे रहा था तभी उसमें आग लग गई। प्रशासन ने तुरंत उसपर काबू पा लिया हालांकि यह आग एंबंलेंस को और ज्यादा नुकसान पहुंचाती तो पूरे क्षेत्र में बड़ा हादसा हो सकता था। इसमें स्वस्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर भी चर्चा आम रही।