फ्रीबीज पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- लोगों को अपाहिज बना रही सरकार

मुफ्त की योजनाओं से राज्यों के खजाने पर बोझ बढ़ रहा है... इसके बावजूद कर्ज से डूबे राज्यों में चुनाव आने पर नई मुफ्त योजनाओं का ऐलान हो जाता है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः देश में चुनाव हो तो मुफ्त योजनाओं की झड़ी लग जाती है….. कोई बिजली-पानी मुफ्त देता है….. तो कोई नगद सहायता का ऐलान कर देता है….. ऐसे राजनीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं….. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने फ्रीबीज पर नाराजगी जाहिर की है…. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फ्रीबीज की वजह से लोग काम करने के लिए तैयार ही नहीं है….. यह दुर्भाग्यपूर्ण है….. इससे पहले 9 दिसंबर 2024 को भी सरकार की मुफ्त राशन योजना पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कब तक ऐसे मुफ्त राशन बांटा जाएगा….. सरकार रोजगार के साधन पैदा क्यों नहीं कर रही है….. कुछ याचिकाएं तो ऐसी हैं कि जिनमें फ्रीबीज योजनाओं को रिश्वत की संज्ञा देने की मांग की गई है…. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट फ्रीबीज पर टिप्पणी कर रहा है….. सरकारी खजाने पर बोझ़ बढ़ रहा है…… मगर सवाल यही है कि आखिर बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा….. यानी कौन सा राजनीतिक दल इन योजनाओं को खत्म करने की हिम्मत जुटा पाएगा….. दरअसल वोट की लालसा में राजनीतिक दल इस तरह की योजनाओं को शुरू तो कर देते हैं…… लेकिन इन्हें वापस लेना मुश्किल हो जाता है….. अगर कोई दल इन समीक्षा करने की भी बात कहता है…. तो विपक्षी दल बयानबाजी शुरू कर देते हैं….. सरकार को गरीब विरोधी ठहराया जाने लगता है…. और खजाने पर बोझ लगातार बढ़ता जाता है…..

आपको बता दें कि फ्रीबीज योजनाओं का लंबा इतिहास रहा है…… इसकी शुरुआत सबसे पहले मद्रास में के कामराज ने की थी….. 1954 से 1963 तक सत्ता में रहे कामराज ने मुफ्त शिक्षा….. और मुफ्त भोजन का प्लान बनाया था…. वहीं 1967 में तमिलनाडु में अन्नादुरई ने 4.5 किलो मुफ्त चावल हर किसी को देने का ऐलान किया था….. 2006 में यहीं पर अन्नाद्रमुख ने रंगीन टीवी की पेशकश की थी…… जबकि डीएमके ने रंगीन टीवी के साथ केबल कनेक्शन भी ऑफर कर दिया था…… दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 2015 में सरकार बनाई थी…. राजनीतिक विश्लेषक ऐसा मानते हैं कि इसका प्रमुख कारण मुफ्त पानी, बिजली का वादा था…..

वहीं कर्नाटक में कांग्रेस ने मुफ्त बिजली….. अनाज और बस यात्रा का ऑफर दिया ….. तो हरियाणा में भाजपा ने महिलाओं को 2100 रुपये भत्ता देने का ऐलान कर बहुमत में सरकार बनाई थी….. महाराष्ट्र में 2024 में भाजपा ने लाडकी बहिन योजना के तहत 1500 रुपये देने का ऐलान किया था…. और भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई थी…. आपको बता दें कि योजना का ऐलान करने वाले राज्य और उन राज्यों पर कितना कर्ज है…. आपको उन राज्यों और कर्ज के बारे में बताते हैं…. मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा लाडली बहना योजना का ऐलावन किया गया जिसको लेकर राज्य सरकार के ऊपर 3.8 लाख करोड़ का कर्ज है…. वहीं चुनाव जीतने के लिए मध्य प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में लाड़की बहना योजना का ऐलान किया गया…. जिसको लेकर राज्य के ऊपर 7.8 लाख करोड़ का कर्ज है…. बता दें कि कर्नाटक में सरकार के द्वारा 5 गारंटी का ऐलान किया गया…. जिसको लेकर राज्य के ऊपर 6.65 लाख करोड़ का कर्ज है…. वहीं पंजाब में चुनाव जीतने के लिए आम आदमी पार्टी के द्वारा मुफ्त बिजली और फ्री बस यात्रा का ऐलान किया गया….. जिसको लेकर सरकार के ऊपर 3.74 लाख करोड़ का कर्ज है…. ऐसे ही मुफ्त रेवड़ी देने के लिए हरियाणा और झारखंड राज्यों में भी कर्ज है….

आपको बता दें कि राजनीतिक पार्टियों द्वारा मुफ्त की योजनाओं के ऐलान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव के वक्त की जाने वाली मुफ्त की योजनाओं पर सख्त टिप्पणी की….. कोर्ट ने कहा, ‘लोग काम करना नहीं चाहते, क्योंकि आप उन्हें मुफ्त राशन दे रहे हैं….. बिना कुछ किए उन्हें पैसे दे रहे हैं…. कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि इन लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की बजाय….. क्या आप मुफ्त की योजनाएं लागू करके परजीवियों की जमात नहीं खड़ी कर रहे हैं…. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ड मसीह की बेंच शहरी इलाकों में बेघर लोगों को आसरा दिए जाने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी….. वहीं अब 6 हफ्ते बाद दोबारा इस याचिका पर सुनवाई होगी….

वहीं यह पहली बार नहीं है जब कोर्ट ने फ्रीबीज को लेकर सख्त टिप्पणी की है….. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर 2024 को केंद्र सरकार के मुफ्त राशन बांटने पर सख्त टिप्पणी की थी….. कोर्ट ने कहा था कि कब तक ऐसे मुफ्त राशन बांटा जाएगा…. सरकार रोजगार के अवसर क्यों नहीं पैदा कर रही….. तब कोर्ट अकुशल मजदूरों को मुफ्त राशन कार्ड दिए जाने से संबंधित मामले पर सुनवाई कर रही थी….. इस दौरान केंद्र ने अदालत को बताया था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत 81 करोड़ लोगों को मुफ्त या रियायती राशन दिया जा रहा है….. बता दें कि 15 अक्टूबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने फ्रीबीज पर केंद्र…. और EC को नोटिस भेजा था….. एक याचिका में मांग की गई है कि चुनाव से पहले मुफ्त योजनाओं के वादे को रिश्वत घोषित किया जाए….. साथ ही चुनाव आयोग ऐसी योजनाओं पर फौरन रोक लगाए…. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का किसी भी तरह से पालन नहीं किया गया…. और राजनीतिक पार्टियों के द्वारा मुफ्त की योजनाओं का लगातार चुनाव जीतने के लिए ऐलान किया जाता रहा है….

 

 

 

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