‘शादी टूटने का मतलब जीवन का अंत नहीं’, Supreme Court ने विशेषाधिकार का प्रयोग कर कराया तलाक
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4PM न्यूज़ नेटवर्क: सुप्रीम कोर्ट ने पति-पत्नी के बीच चल रहे विवाद को लेकर आज (21 फरवरी) बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शादी टूटने का मतलब यह नहीं होता कि जीवन खत्म हो चुका है। लड़का और लड़की शांतिपूर्वक रहते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, लेकिन इसे दोनों पक्षों के लिए एक नई शुरुआत के रूप में देखना चाहिए। इस फैसले के तहत अदालत ने तलाक की अनुमति दी और इस मामले से जुड़ी 17 अन्य कानूनी कार्यवाहियों को खत्म कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लड़का और लड़की दोनों युवा हैं और दोनों को अपने भविष्य की तरफ देखना चाहिए। अदालत ने दोनों से शांतिपूर्वक रहने और जीवन में आगे बढ़ने की अपील की।
महत्वपूर्ण बिंदु
- अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों को सलाह दी कि इन मुकदमों को लड़ना व्यर्थ होगा, क्योंकि ये कई साल तक खिंच सकते हैं।
- वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि वह तलाक के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने अधिकार का प्रयोग करें।
- दरअसल, साल 2020 में शादी के बाद से ही महिला अपने माता-पिता के घर पर रह रही है, क्योंकि पति-पत्नी के बीच संबंध खराब हो गए थे।