दिल्ली के खजाने पर गरमाई सियासत
भाजपा और आप में आरोप-प्रत्यारोप हुआ शुरू
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- सीएम रेखा गुप्ता बोलीं- सरकार का खजाना खाली
- पूर्व मुख्यमंत्री का दावा- बहाना बना रही भाजपा सरकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भाजपा सरकार के साथ आप का टकराव फिर दिखने लगा है। दोनों पार्टियों के नेताओं में जुबानी जंग जारी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार का खजाना खाली है। पिछली सरकार खजाना खाली छोडक़र गई है, लेकिन हम महिलाओं को 2500 रुपये जरूर देंगे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा खजाना खाली होने का बहाना न बनाए। दिल्ली वालों से किए गए वादे पूरे किए जाएं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि आप की पूर्व सरकार खजाना खाली छोडक़र गई है। हम चार दिनों से अलग-अलग चरणों में कई बैठकें कर रहे हैं। जब अधिकारियों के साथ बैठते हैं और सरकार की मौजूदा वित्तीय स्थिति की जांच करते हैं, तो पता चलता है कि पिछली सरकार की ओर से छोड़ी गई स्थिति के कारण खजाना पूरी तरह से खाली है।
इसके बावजूद हम महिलाओं को सम्मान राशि जरूर देंगे। 1000 फीसदी इस वादे को पूरा करेंगे। ढाई हजार रुपये मासिक भुगतान को विस्तृत योजना के साथ लागू किया जाएगा। इस योजना को लागू करने के लिए अधिकारियों से कई बैठकें हुईं हैं। मुख्यमंत्री ने आप और कांग्रेस पर दिल्ली के लोगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने 15 साल तक दिल्ली पर शासन किया। इसके बाद आप 11 साल तक सत्ता में रही। इसके बावजूद उन्होंने कभी दिल्ली के लोगों के मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया। भाजपा के सत्ता में आने के एक दिन बाद ही, उन्होंने हमारी सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया। सच्चाई यह है कि विपक्ष कैग रिपोर्ट से डरा हुआ है। विपक्ष भाजपा सरकार की पारदर्शिता से डरता है। वे डरे हुए हैं, क्योंकि पहले विधानसभा सत्र में ऐसी रिपोर्ट पेश करेंगे जो पहले कभी पेश नहीं की गई। पिछली सरकार के कामों की सच्चाई लोगों के सामने आ जाएगी।
सीएम रेखा गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने ली शपथ
दिल्ली विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली ने शपथ ली। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद लवली दिल्ली विधानसभा पहुंचे। जहां वे स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराएंगे। चुनाव संपन्न होने के बाद नवनिर्वाचित स्पीकर और डिप्टी स्पीकर को भी शपथ दिलाई जाएगी। फिलहाल विधानसभा के सभी नवनिर्वाचित विधायक शपथ ले रहे हैं ।
विस के इतिहास में पहली बार सत्ता और विपक्ष में शीर्ष पदों पर दो महिलाएं विराजमान
नई दिल्ली। दिल्ली में इसबार राजनीति के कई रंग देखने को मिलेंगे। विधानसभा के इतिहास में पहली बार सत्ता पक्ष और विपक्ष में शीर्ष पदों पर दो महिलाएं विराजमान हुई। इससे पहले केवल मुख्यमंत्री पद पर महिला रही थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष पर पहली बार महिला की नियुक्ति हुई है। भाजपा ने पहली बार विधानसभा में पहुंची रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना है, जबकि आम आदमी पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्त किया है।विधानसभा में वर्ष 1993 से 1998 तक भाजपा ने मदनलाल खुराना, साहिब सिंह और चुनाव से कुछ माह पहले सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री बनाया था। सुषमा स्वराज दिलल्ी की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस विधायक जगप्रवेश चंद्र रहे थे। वहीं वर्ष 1998 में सत्ता परिवर्तन होने के बाद कांग्र्रेस ने शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री बनाया और वह वर्ष 2013 तक मुख्यमंत्री रही। इस दौरान विधानसभा के तीन कार्यकाल में वर्ष 1998 से 2008 तक भाजपा के प्रो. जगदीश मुखी नेता प्रतिपक्ष रहे और वर्ष 2008 से 2013 तक भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी।वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने पर उसके नेता अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने और वह वर्ष 2024 के मध्य तक मुख्यमंत्री रहे और आप के शासन के तीसरे कार्यकाल में आप ने आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया। वहीं भाजपा ने वर्ष 2013 में डा. हर्षवर्धन, 2015 से 2020 तक विजेंद्र गुप्ता और वर्ष 2020 से 2024 तक रामवीर सिंह बिधूड़ी को नेता प्रतिपक्ष बनाया। वर्ष 2024 में उनके सांसद बनने के बाद विजेंद्र गुप्ता को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई।
एनजीटी ने लगाई यूपी सरकार को फटकार
- महाकुंभ में खुले में शौच पर नाराज हुआ अधिकरण
- बोली- आपकी जिम्मेदारी इसे तुरंत देखें
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में खुले में शौच को लेकर यूपी सरकार पर 10 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने की मांग वाली याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)में सुनवाई हुई। एनजीटी ने यूपी सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि ये आपकी जिम्मेदारी है, इस पर आप तुरंत ध्यान दें। इस मामले में अबतक यूपी सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया है। ट्रिब्यूनल ने फिलहाल इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने एनजीटी में कहा इस मामले में हम पहले से तैयारी किए हुए हैं, जिसको लेकर हम अपना जवाब दाखिल करेंगे।
यूपी सरकार की तरफ से यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्डने कहा कि हम इस मामले में जरूरी कदम उठा रहे हैं। एनजीटी ने इस मामले में यूपी सरकार को गंभीरता से उचित कदम उठाने के निर्देश दिए और फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि हम अपना विस्तृत आदेश बाद में पारित करेंगे। याचिकाकर्ताओं ने एनजीटी में अपील कर कहा कि अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने महाकुंभ नगर में ह्युमन वेस्ट को निपटाने के लिए अनेकों अत्याधुनिक बायो-टॉयलेट्स लगाए हैं।
योगी सरकार पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाने की मांग
याचिका के मुताबिक, लाखों श्रद्धालु और उनके परिवार पर्याप्त सुविधाओं की कमी के कारण खुले में शौच कर रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए न सिर्फ बायो-टॉयलेट्स की संख्या बढ़ाने की जरूरत है, बल्कि उनकी उचित सफाई और देखरेख का भी खास ध्यान रखा जाना चाहिए इसके साथ ही यूपी सरकार पर स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रहने के लिए 10 करोड़ रुपये का पर्यावरण जुर्माना भी लगाने की मांग की गई थी।
कानूनी पेशे पर हमला कर रही भाजपा: स्टालिन
- बोले- विधेयक को पूरी तरह से वापस ले केंद्र सरकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने अधिवक्ता संशोधन विधेयक, 2025 को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विधेयक कानूनी पेशे की स्वायत्तता पर सीधा हमला है। उन्होंने दावा किया कि इस विधेयक में तमिल के प्रति भाजपा की अरुचि स्पष्ट है, क्योंकि वह तमिलनाडु और पुडुचेरी बार काउंसिल का नाम बदलकर मद्रास बार काउंसिल करना चाहती है। उन्होंने कहा, तमिलनाडु महज नाम नहीं है, यह हमारी पहचान है। मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि 2014 से भाजपा सरकार न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सुनियोजित तरीके से कमजोर कर रही है। पहले एनजेएसी के माध्यम से न्यायिक नियुक्तियों को नियंत्रित करने की कोशिश करके और फिर न्यायिक नियुक्तियों और स्थानांतरण के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों को नजरअंदाज करके।
उन्होंने कहा, अब बार काउंसिल पर नियंत्रण की बात करते हुए उसका लक्ष्य कानूनी पेशे की स्वायत्तता को खत्म कर न्यायिक स्वतंत्रता को कमजोर करना है। उन्होंने कहा, हालांकि मसौदा विधेयक के विरूद्ध स्वत:स्फूर्त विरोध और कड़े प्रतिरोध ने केंद्र सरकार को इसे वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया, लेकिन यह जो शर्त है कि इस पर पुनर्विचार किया जाएगा और नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की जाएगी, निंदनीय है।
अन्नाद्रमुक में ओपीएस केलिए कोई जगह नहीं: पलानीस्वामी
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) महासचिव ई. के. पलानीस्वामी ने संकेत दिया कि पार्टी से निष्कासित नेता ओ. पनीरसेल्वम (ओपीएस) की वापसी संभव नहीं है। यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में ओपीएस ने पार्टी में लौटने की इच्छा जताई थी। जयललिता की 77वीं जयंती के एक दिन पहले, पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में पलानीस्वामी ने कहा, कि क्या भेडिय़ा और भेड़ एक साथ रह सकते हैं? क्या खरपतवार और फसल एक साथ उपज का हिस्सा बन सकते हैं? क्या वफादार और गद्दार कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो सकते हैं? मैं आपका नहीं सुन सकता हूं। पलानीस्वामी का यह बयान ओपीएस के लिए परोक्ष प्रतिक्रिया माना जा रहा है।
मौत से जंग! 45 घंटे बाद भी सुरंग में 8 जिंदगियां
- तेलंगाना में सुरंग नहर परियोजना का निर्माणाधीन हिस्सा ढहा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हैैदराबाद। तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीसैलम सुरंग नहर परियोजना का निर्माणाधीन हिस्सा ढह जाने के कारण 8 श्रमिक अंदर ही फंसे हैं। सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ के साथ सेना भी जुटी है। श्रमिक करीब 14 किलोमीटर अंदर मौजूद हैं।
टनल में मजदूरों के फंसे होने के 45 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर एजेंसियां हर तरीका आजमा रही हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी अभी सफलता नहीं मिल पाई है। सुरंग के आखिरी 200 मीटर के हिस्से में पानी और कीचड़ भर गया है, जिससे बचाव दल को वहां तक पहुंचने में भारी कठिनाइयां हो रही है। सुरंग के अंदर भारी मशीनरी को ले जाना संभव नहीं है, इसलिए अन्य तरीकों से मलबा हटाने की कोशिश की जा रही है, बचावकर्मी मलबे में से गुजरने के लिए रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का उपयोग कर रहे हैं। मजदूरों के बचने की संभावना को लेकर मंत्री ने कहा, कि हम कुछ नहीं कह सकते। हमें उम्मीद है, लेकिन जो घटना हुई वह बहुत गंभीर थी।
हल न निकला तो किसान फिर 25 मार्च को करेंगे दिल्ली कूच
- 19 मार्च को केंद्र सरकार से होगी किसानों की वार्ता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। दिल्ली कूच को लेकर किसान नेताओं की शंभू बॉर्डर पर हुई बैठक के बाद सोमवार सुबह एक बार फिर दोनों पक्षों के नेताओं की बैठक हुई। बैठक के बाद किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि फिलहाल 25 फरवरी को दिल्ली कूच का फैसला टाल दिया गया है। पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार से पहले दो मीटिंग हो चुकी हैं। अब 19 मार्च को फिर मीटिंग है। अगर उस मीटिंग में भी कोई हल नहीं निकलता तो 25 मार्च को 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा।
यह फैसला किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के नेताओं की बैठक में लिया गया। फसलों पर एमएसपी समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल और केंद्र सरकार के बीच शनिवार को चंडीगढ़ में हुई छठे दौर की बैठक भी बेनतीजा रही थी। बैठक करीब ढाई घंटे चली थी, लेकिन इसमें कोई समाधान नहीं निकला। अब अगली बैठक 19 मार्च को होगी। वहीं किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि जब तक सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी नहीं मिलती अनशन खत्म नहीं होगा। डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर से एंबुलेंस में पहुंचे थे। पंजाब सरकार की तरफ से कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, वित्त मंत्री हरपाल चीमा और लाल चंद कटारूचक्क मौजूद थे।
बैठक अच्छे माहौल में हुई : शिवराज
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बैठक अच्छे माहौल में हुई। कुछ आंकड़ें मांगे गए हैं। किसानों के पास अपने आंकड़े हैं और केंद्र सरकार के पास अपना डेटा है। दोनों आंकड़ों को मिलाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल ने अनशन खत्म करने की अपील की।