2027 चुनाव को लेकर सपा-कांग्रेस ने कसी कमर, योगी की बढ़ी टेंशन!
यूपी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर सपा और क्रांग्रेस ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है... सभी जिलों में पार्टी के पदाधिकारी एक्टिव मोड में आ गए हैं... जिससे बीजेपी की टेंशन और बढ़ गई है... देखिए हमारी खास रिपोर्ट...
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4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव दो हजार चौबीस में गेम चेंजर बनकर उभरी सपा के हौसले बुलंद है…. अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी ने मिलकर बीजेपी के चार सौ पार के सपने को धरासाही ही नहीं कर दिया…. बल्कि बीजेपी के चार सौ पार के मनसूबे को खत्म कर दो सौ चालीस पर लाकर मोदी को बैसाखी के चलने के लिए मजबूर कर दिया…. बता दें कि प्रदेश की जनता बीजेपी के कामों और नियति से भलीभांति परिचित हो चुकी है…. बीजेपी जबसे सत्ता में आई है…. मंदिर- मंदिर और मस्जिद- मस्जिद खेल रही है…. जनता के बीच में हिंदू- मुसलमान का जहर घोल रही है…. योगी बाबा का ध्यान प्रदेश के विकास, रोजगार, महंगाई, भ्रष्टाचार पर कोई ध्यान नहीं है…. प्रदेश कर्जे में डूब रहा है…. प्रदेश की प्रतिव्यक्ति पर कर्जा लगातार बढ़ रहा है…. अपराध अपने चरम पर है…. लेकिन योगी बाबा सुशासन की बात करते और एक बाद एक झूठ बोलने से तनिक भी कतराते नहीं है….
आपको बता दें कि योगी बाबा जबसे सत्ता में आए हैं…. तब से प्रदेश के लोगों के अंदर नफरत फैलाने की बात करते चले आ रहे हैं…. वहीं जनता योगी की नफरती बयावबाजी सुनते- सुनते थक चुकी है…. युवा नौकरी के लिए भटक रहा है…. प्रदेश में कोई भी रोजगार के संसाधन मौजूद नहीं है…. जिसको देखते हुए प्रदेश का युवा और जनता सरकार को बदलने के मूड में है…. और बदलाव लाने के लिए मन बना लिया है…. आम जनता को पता चल चुका है कि योगी बाबा की सरकार से प्रदेश का कोई भला नहीं होने वाला है…. जिसको देखते हुए प्रदेश की जनता ने बदलाव का मूड बना लिया है….. जिसको देखते हुए योगी बाबा की नींद उड़ गई है….. बता दें कि योगी बाबा और बीजेपी को पता है कि अब धीरे- धीरे सत्ता बीजेपी के हाथों से निकल जाएगी…. सरकारी तंत्रों का दुरूपयोग करके बीजेपी जो हर राज्य में आ रही है…. और अपने कुछ चहेतों का उद्धार कर रही है…. जिसका पर्दाफाश हो गया है…… अब बीजेपी पूरी तरह से एक्सपोज हो चुकी है…. अब जब भी कभी बीजेपी सत्ता से बाहर जाएगी… तो फिर उसका वहीं पुराना हाल होगी की जनता पार्टी का नाम तक भूल जाएगी….
बता दें कि देश की सत्ता एक चाय बेचने वाले के हाथ में हो……. जो खुद कह रहा हो कि उसने चाय बेचा है……. जब उसकी बेचने की आदत है…… तो वह देश को कैसे नहीं बेंचेगा…… और प्रदेश की सत्ता बाबा के हाथ में है जिसके आगे पीछे कोई नहीं है…. तो उसको युवाओं का दर्द कैसे पता चलेगा…. एक मां बाप का दर्द कैसे पता चलेगा…. वो सब खुद को संत बता रहा है….और मठ का मठाधीश है तो वह प्रदेश में मंदिर की बात करेगा…. वहीं बीजेपी के इन सभी बातों का तोड़ सपा और कांग्रेस ने निकाल लिया है…. और अभी से दो हजार सत्ताइस विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है…. सभी कार्यकर्ता अभी से क्षेत्र भ्रमण कर रहे है…. और बीजेपी सरकार की नाकामी गिना रहे हैं…..
बता दें कि उत्तर प्रदेश उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी अब 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है…… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कई बार ये बात दोहरा चुके हैं…. कि उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन बरकरार रहेगा….. और चुनाव तक और मजबूत होकर उभरेगा, ऐसे में सपा और कांग्रेस एक साथ मिलकर इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगा…. लेकिन इस बार सपा कांग्रेस का सपना तोड़ सकती है….. माना जा रहा है कि सपा कांग्रेस को यूपी में ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है…… सपा सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में चुनाव हार गई है…… ऐसे में बीजेपी के सामने कांग्रेस काफी कमजोर दिख रही है….. जो अकेले अपने दम पर चुनाव नहीं जीत सकती है….. ऐसे में सपा यूपी में भी कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है…… सपा ज्यादातर सीटों पर खुद ही चुनाव लड़ेगी….. और सहयोगी दलों को सिर्फ 40-45 सीटें देने के ही मूड में है…..
वहीं अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस का यूपी में एक बार फिर से मजबूती से चुनाव लड़ने का सपना टूट सकता है……. लोकसभा चुनाव में छह सीटों पर जीत के बाद कांग्रेस काफी उत्साहित है….. कांग्रेस का मानना है कि उनकी वजह से दलित वोटरों ने बड़ी संख्या में इंडिया गठबंधन के पक्ष में वोट दिया था…… इसलिए कांग्रेस विधानसभा चुनाव में सपा के साथ ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही थी….. लेकिन सपा के मन में कुछ और ही चल रहा है….. सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन को बरकरार रखना चाहती है….. लेकिन उसे ज्यादा सीटें देने के मू़ड में नहीं है….. वहीं लोकसभा चुनाव के बाद कई राज्यों में हुए चुनाव में इंडिया गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा…… जिसकी वजह से गठबंधन के अंदर गाहे-बगाहे विरोध के स्वर सुनाई देते हैं….. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, बिहार में आरजेडी…. और नेशनल कॉन्फ़्रेंस समेत कई दलों से इस तरह की आवाजे सुनने को मिली….. लेकिन अखिलेश यादव ने अभी तक ख़ुद को इससे अलग रखा है….. सपा का दावा है कि आने वाले समय में गठबंधन और मजबूत दिखाई देगा…..
दूसरी तरफ़ इंडिया गठबंधन को लेकर कांग्रेस पार्टी की उदासीनता भी सपा नेताओं को रास नहीं आ रही है…. सपा नेताओं का मानना है कि कांग्रेस की गठबंधन को लेकर औपचारिक बैठक करने में भी रुचि नहीं दिखाई दे रही….. जिससे सभी दलों के बीच समन्वय बनाना मुश्किल हो सकता है…. लेकिन बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए सभी पार्टियों को लोकसभा चुनाव की तरह मिलकर साथ चुनाव लड़ना होगा…. और बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए एकजुट होना बहुत जरूरी है…. नहीं फिर दिल्ली की तरह यूपी में भी खेल न हो जाए….