‘अब दृष्टिहीन लोग भी बन सकते हैं जज’, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
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4PM न्यूज़ नेटवर्क: सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर सामने आ रही है। भारत की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार (3 March) को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दृष्टिहीन लोग भी जज बन सकते हैं, दृष्टिहीन लोगों को भी न्यायिक सेवाओं में नियुक्ति का अधिकार है। वहीं इस मामले पर फैसला सुनाते हुए SC ने साफ तौर पर कहा है कि दिव्यांगता के आधार पर न्यायिक सेवाओं से किसी को बाहर नहीं रखा जा सकता। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में मध्य प्रदेश सरकार के नियम को रद्द कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा नियम को खारिज कर दिया। जिसके तहत दृष्टिहीन लोगों को न्यायिक सेवाओं में नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक सेवाओं में दृष्टिहीन लोगों की नियुक्ति से संबंधित स्यो मोटो मामले में यह फैसला सुनाया है।
दरअसल, इस नियम को एक महिला ने चुनौती थी जिसका दृष्टिहीन बेटा न्यायपालिका में जाना चाहता था। जिसके कारण अदालत को एक पत्र लिखा गया था। जिसमें भेदभावपूर्ण भाषा का प्रयोग किया गया था, इस वजह से दृष्टिहीन लोग जज नहीं बन पाते थे।