वृंदावन के ये स्थल कृष्ण लीलाओं के हैं साक्षी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वृंदावन उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में मौजूद एक ऐतिहासिक शहर है। गोकुल-वृंदावन भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का साक्षी है। वृंदावन की हर गली और नुक्कड़ में उनकी लीलाओं को आज भी महसूस किया जा सकता है। श्रीकृष्ण से जुड़ी ये नगरी अनगिनत अद्भुत स्थलों से भरी हुई है। यहां ऐसे स्थान भी हैं जो प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शामिल हैं, साथ ही इन की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता अत्यधिक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपने बचपन के दिन यही बिताए थे। वृंदावन धाम राधा और कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है और कई मंदिरों को भी समेटे हुए हैं।
विश्राम घाट
वृंदावन परिक्रमा मार्ग पर स्थित यह स्थल भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह स्थान वह पवित्र स्थल है जहां श्री चैतन्य महाप्रभु ने विश्राम किया था और अपने भक्तों के साथ राधा-कृष्ण के गुण गए थे। यहांजगन्नाथ जी की अद्वितीय विग्रह के दर्शन होते हैं, जो अन्यत्र दुर्लभ हैं। यह स्थान वैष्णव परंपरा में एक विशेष स्थान रखता है, और यहांपर श्री चैतन्य महाप्रभु की भक्ति और प्रेम की गहराई को अनुभव किया जा सकता है। यहां जगन्नाथ जी के दुर्लभ दर्शन करें और इस आध्यात्मिक स्थल की परिक्रमा करें।
राधा श्यामसुंदर मंदिर
राधा श्याम सुंदर मंदिर, भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए अद्वितीय स्थान है। इस मंदिर की स्थापना श्री श्यामानंद जी ने की थी। यह राधा रानी का प्रिय मंदिर है, जहां उनकी विशेष कृपा मानी जाती है। मंदिर में श्री श्याम सुंदर की विग्रह को राधारानी ने स्वयं श्यामानंद जी को भेंट किया था, यह ऐतिहासिक तथ्य इस स्थान को विशेष बनाता है। यहां के अलौकिक श्रृंगार और पूजा अनुष्ठान इस मंदिर को और भी अद्भुत बनाते हैं। इस मंदिर की चार परिक्रमा करें, जिससे भक्त राधा रानी के चरणों की प्राप्ति कर सकें।
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर
ये स्थान वृंदावन के प्रमुख क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर आने वाले समय में दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर बनने जा रहा है। वृंदावन चंद्रोदय मंदिर, भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनके प्रति समर्पण के प्रतीक के रूप में तैयार हो रहा है। इसका निर्माण इस उद्देश्य से किया जा रहा है कि दुनियाभर में भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का प्रसार हो। यहां की आधुनिक तकनीक और भव्य स्थापत्य इसे भविष्य में एक प्रमुख धार्मिक केंद्र बनाएगी। मंदिर की अद्भुत संरचना का अनुभव करें और यहां बनने वाले आध्यात्मिक केंद्र की जानकारी प्राप्त करें। भविष्य में यहां बनने वाले थीम पार्क और सांस्कृतिक केंद्र भी आपकी यात्रा को और खास बनाएंगे।
सेवा कुंज
वृंदावन के बीचोबीच स्थित सेवा कुंज स्थल भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र है। यह स्थल भगवान श्रीकृष्ण की रास स्थली के रूप में जाना जाता है और यहां रात के समय प्रवेश निषेध है। इसके पीछे मान्यता है कि रात्रि के समय श्रीकृष्ण और राधा रानी यहां अपनी लीलाएं करते हैं। यहां पर श्रीकृष्ण ने श्रीमती राधारानी के पांव दबाए थे, जिससे इसका नाम सेवा कुंज पड़ा। ऐतिहासिक दृष्टि से यह स्थान वैष्णव भक्तों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। सुबह 5:30 बजे मंगला आरती में शामिल हों, जहां आपको श्रीकृष्ण और राधारानी के द्वारा उपयोग किए गए बिस्तर, पान, और दातुन के दर्शन होंगे।