फडणवीस कैबिनेट में मुंडे की जगह कौन लेगा, अजित पवार के एक और मंत्री पर लटकी तलवार

मुंबई। महाराष्ट्र की महायुति सरकार में अजित पवार कोटे से मंत्री रहे धनंजय मुंडे की फडणवीस कैबिनेट से छुट्टी हो गई है. बीड में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में एसआईटी ने धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिक कराड को मास्टरमाइंड बताया है, जिसके चलते उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है. ऐसे में अब सभी की निगाहें इस बात पर लगी हैं कि मुंडे की जगह फडणवीस कैबिनेट में कौन मंत्री बनेगा, लेकिन उससे बड़ी बात ये है कि अजित पवार कोटे से और मंत्री की कुर्सी पर सियासी तलवार लटक रही है?
महाराष्ट्र की महायुति सरकार में बीजेपी के साथ एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है, लेकिन सरकार का चेहरा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस है. ऐसे में सरकार की इमेज को लेकर सीएम फडणवीस काफी संजीदा हैं, जिसके चलते मुंडे से मंत्री पद का इस्तीफा ले लिया है. यह इस्तीफा अजित पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि मुंडे को उनका राइट हैंड माना जाता था. मुंडे के बाद मंत्री माणिकराव कोकाटे पर संकट गहरा गया है, जो एनसीपी कोटे से फडणवीस सरकार में मंत्री हैं. इसके अलावा मंत्री जयकुमार रावल की मुसीबत भी बढ़ सकती है.
बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्याकांड का मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड को बनाया गया है. कराड और उनके साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके बाद ही महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने धनंजय मुंडे से इस्तीफा मांगा था. इसके लिए एनसीपी के प्रमुख अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल से बातचीत किया, जिसके बाद धनंजय मुंडे ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया. इस घटना के बाद महाराष्ट्र की सियासत पर असर पडऩे के साथ ही बीड जिले के सियासी समीकरण भी बदलेंगे, लेकिन उससे ज्यादा टेंशन अजित पवार की है. इस तरह धनंजय मुंडे की जगह अजित पवार कोटे से कई विधायक हैं, जो मंत्री बनने के लिए बेताब हैं. इस फेहरिस्त में छगन भुजबल से लेकर प्रकाश सालुंके सहित एनसीपी के तमाम नेताओं ने मंत्री बनने के लिए सियासी लॉबिंग शुरू कर दी है.
धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद अब मंत्री पद पर निगाहें हैं. मुंडे डिप्टी सीएम अजित पवार के कोटे से मंत्री थे और पार्टी के ओबीसी चेहरा माने जाते हैं. मराठवाड़ा इलाके से आते हैं. सीएम फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से एनसीपी के दिग्गज नेता छगन भुजबल पहले से ही नाराज चल रहे हैं. मुंडे की तरह भुजबल भी ओबीसी समाज के बड़े नेता माने जाते हैं. 2023 में शरद पवार का साथ छोडक़र अजित पवार के साथ खड़े रहने वाले नेताओं में सबसे आगे थे.
शिंदे के अगुवाई वाली सरकार में छगन भुजबल पावरफुल मंत्री थे, लेकिन फडणवीस सरकार में उन्हें मंत्री पद नहीं मिला. इसके बाद से भुजबल ने मोर्चा खोल रखा है और ओबीसी का मुद्दा बना रहे हैं. ऐसे में अजित पवार क्या धनंजय मुंडे की जगह छगन भुजबल को मंत्री बनाने का कदम उठाएंगे? भुजबल के अलावा दूसरा नाम एनसीपी विधायक प्रकाश सालुंके का है, जो पार्टी के वरिष्ठ नेता और पांच बार के विधायक हैं.
प्रकाश सालुंके उसी बीड जिले से आते हैं, जहां से धनंजय मुंडे हैं. बीड जिले के माजलगांव सीट से पांच बार के विधायक प्रकाश सालुंके हैं. सालुंके ने शरद पवार के करीबी होने के बावजूद 2023 में अजित पवार का साथ बगावत की राह पर कदम बढ़ाए थे. इसीलिए माना जा रहा है कि बीड जिले और मराठवाड़ा के सियासी समीकरण को साधे रखने के लिए अजित पवार क्या प्रकाश सालुंके को धनंजय मुंडे की जगह मंत्री बनाएंगे? एनसीपी प्रमुख अजित पवार अपने इन दोनों विधायकों को छोडक़र क्या शरद पवार खेमे में खड़े किसी विधायक को अपने साथ लाकर मंत्री बनाने का दांव तो नहीं चलेंगे?
एनसीपी के एक और मंत्री पर लटकी तलवार
धनंजय मुंडे के इस्तीफा देने के बाद अजित पवार कोटे से कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे के इस्तीफा का दबाव बढऩे लगा है. तीस साल पुराने एक मामले में उनका सियासी भविष्य दांव पर लगा है. 1995 में कोकाटे ने फर्जी दस्तावेज लगाकर सीएम कोटे से गरीबों के लिए बने सस्ते मकान को हासिल किया था. नासिक कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी. इस पर उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी. कोर्ट अगर सजा को निलंबित नहीं करता है तो विधायकी और मंत्री पद दोनों से हाथ धोना पड़ जाएगा.
कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है. बजट सत्र से पहले ही माणिकराव कोकाटे के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही थी और विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विधान भवन परिसर में हंगामा कर रहा है. इस बीच धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष फिर आक्रामक नजर आ सकता है. इस तरह अजित पवार की सियासी टेंशन खत्म होने का नाम नहीं ले रही है क्योंकि धनंजय मुंडे के इस्तीफा से मराठवाड़ा का समीकरण गड़बड़ा रहा है, तो अब नासिक क्षेत्र से विधायक कोकाटे ने टेंशन बढ़ा दी है.
मंत्री जयकुमार रावल की बढ़ सकती है मुसीबत
महाराष्ट्र के पूर्व धनंजय मुंडे और माणिकराव कोकाटे के बाद मंत्री जयकुमार रावल की मुसीबत बढ़ सकती है. बीजेपी के नेता और मंत्री जयकुमार रावल पर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की जमीन हड़पने के मामले में धुले जिला न्यायालय ने हड़पी गई जमीन को वापस करने का आदेश दिया है. धनंजय मुंडे और माणिकराव कोकाटे के बाद अब मंत्री जयकुमार रावल का नाम सामने आया है. पूर्व विधायक अनिल गोटे ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को धोखा देने वाले मंत्री राज्य और शिंदखेड़ा निर्वाचन क्षेत्र के साथ क्या न्याय करेंगे?
पिछले साल जिला अदालत ने रावल परिवार के खिलाफ फैसला सुनाया था. इस परिणाम की पूरे जिले में काफी चर्चा हुई थी. अनिल गोटे ने कहा कि देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को दोंडाईचा शिवरत में 38आर क्षेत्र समूह संख्या 403/1, 403/3 और 404 की 10 हेक्टेयर जमीन उनकी मौसी से मिली थी, जिसे रावल ने हड़प लिया था. कोर्ट के आदेश के बाद भी रावल जमीन वापस नहीं कर रहे हैं. इस तरह जयकुमार रावल पर भी दबाव बढऩे लगा है.

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