दक्षिण के नेताओं के बयान से देश में घमासान

- शशि थरूर व मणिशंकर की हरकतों से कांग्रेस हलकान
- कर्नाटक, केरल व तमिलनाडु में भाजपा पर रार
- लोकसभा परिसीमन को लेकर भी बवाल
- भाजपा ने भी विपक्ष पर कसे तंज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आजकल दक्षिणी राज्यों के नेता अपनी गतिविधियों को लेकर पूरे देश में आमजनों के जुबान पर छाए हुए हैं। सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस नेता शशि थरूर व मणिशंकर पर हो रही है। दोनों नेता अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेताओं पर दिए बयान को लेकर घिरे हुए हैं। इस बीच इन सब घटनाक्रमों के बीच भाजपा ने भी विपक्ष पर तंज कसा है। जहां थरूर ने पार्टी में अपनी उपयोगिता को लेकर शीर्ष नेतृत्व से सवाल करके माहौल गरमाया है तो मणिशंकर ने पूर्व पीएम राजीव गांधी की शिक्षा संबी प्रश्न करने सियासी गर्मी को बढ़ा दिया है। उधर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) परिसीमन की कवायद का कड़ा विरोध करके भाजपा को आड़े हाथो ले लिया है। पार्टी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री स्टालिन का दावा है कि इससे तमिलनाडु में लोकसभा की सीट कम हो जाएंगी। वंही फिल्म अभिनेता कमल हसन ने हिन्दी को लेकर भाजपा पर हमला बोला है। उधर कर्नाटक में शिवकुमार को लेकर भी सरगर्मी बढ़ी हुई है उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की।
मणिशंकर अय्यर के बयान से कांग्रेस नाराज
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर अपने बयानों को लेकर एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर बयान देते हुए उनकी शैक्षणिक योग्यता पर निशाना साधा है। अय्यर ने कहा कि दो बार फेल होने के बावजूद उन्हें पीएम बनाया गया, यह आश्चर्य सा लगता है। अय्यर के बयान पर कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति जताई है। वहीं बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स पर वीडियो शेयर कर निशाना साधा है । मणिशंकर अय्यर द्वारा पूर्व पीएम को लेकर दिए बयान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने बातचीत करते हुए अय्यर के बयान को बेतुका बताया। उन्होंने कहा, मैंने उनकी स्टेटमेंट नहीं देखी है, अगर उन्होंने यह बयान दिया है तो यह गलत है्र राजीव गांधी देश के महान नेता थे, बहुत कम समय में नाम कमाया, विदेश जाते थे तो उनकी कदर होती थी। अय्यर राजीव गांधी के साथ रहे, उनके साथ काम किया। कभी खुद को राजीव गांधी का करीबी कहने पर नाज करते थे, उनसे यह उम्मीद नहीं थी की वह इस तरह की बात करेंगे।
परिसीमन पर सर्वदलीय बैठक हो : स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने लोकसभा सीट के परिसीमन पर एक सर्वदलीय बैठक में दक्षिणी राज्यों के सांसदों और पार्टी प्रतिनिधियों वाली एक संयुक्त कार्रवाई समिति के गठन का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव पेश करते हुए स्टालिन ने कहा कि संसद में सीट की संख्या में वृद्धि की स्थिति में 1971 की जनगणना को इसका आधार बनाया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने जोर देकर कहा कि 2026 से 30 वर्षों के लिए लोकसभा सीट के परिसीमन को लेकर 1971 की जनगणना को आधार बनाया जाना चाहिए। सर्वदलीय बैठक में परिसीमन के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित होने की उम्मीद है। मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक, कांग्रेस और वामपंथी दल, अभिनेता से नेता बने विजय की तमिलगा वेट्री कषगम (टीवीके) सहित अन्य ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक का भाजपा, एनटीके और पूर्व केंद्रीय मंत्री जी. के. वासन की तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) ने बहिष्कार किया।
देश को हिंदिया बनाने की हो रही कोशिश : कमल हासन
अभिनेता-राजनेता कमल हासन नेे भाषा विवाद में स्टालिन के रुख का समर्थन किया और केंद्र पर गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपकर भारत को हिंडिया बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा केंद्र सरकार कोशिश कर रही है कि सभी राज्य हिंदी बोलें और बहुमत से चुनाव जीतें। हमारा सपना है इंडिया और उनका है हिन्दिया। हासन की टिप्पणी अमित शाह पर तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के हिंदिया तंज की तर्ज पर थी, जब शाह ने हिंदी दिवस पर कहा था कि यह एक भाषा है जो दुनिया में भारत की पहचान है।
नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच खरगे से मिले शिवकुमार
कर्नाटक के नेतृत्व पर नए सिरे से चर्चा के बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। यह बैठक वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए शिवकुमार का पुरजोर समर्थन करने के कुछ दिनों बाद हुई। हालांकि, शिवकुमार ने कहा कि खरगे से मुलाकात प्रोटोकॉल का मामला था। उन्होंने कहा कि वह मेरे अध्यक्ष हैं। वह मेरे नेता है। एक प्रोटोकॉल है कि मुझे जाकर उन्हें रिसीव करना है।
उदयनिधि को सुप्रीम राहत, दर्ज नहीं होगी नई प्राथमिकी
- सनातन धर्म संबंधी बयान को लेकर हुई सुनवाई
- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन बेटे के बचाव में उतरे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्देश दिया कि सनातन धर्म पर उनकी टिप्पणी को लेकर तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ अदालत की अनुमति के बिना कोई और मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। यह आदेश स्टालिन की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें उन्होंने विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को एक करने की मांग की थी।
उदयनिधि स्टालिन ने सितंबर 2023 में अपनी टिप्पणियों से सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी और इसके उन्मूलन का आह्वान किया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने अपने बयान का बचाव करते हुए तर्क दिया कि वह किसी धर्म को निशाना बनाने के बजाय जाति-आधारित भेदभाव और सामाजिक अन्याय की आलोचना कर रहे थे। स्टालिन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने पीठ को सूचित किया कि कई राज्यों में मौजूदा एफआईआर के अलावा, बिहार में एक नई शिकायत दर्ज की गई है। अदालत ने दृढ़तापूर्वक जवाब देते हुए कहा, आप नई शिकायतें दर्ज नहीं कर सकते।
स्टालिन की टिप्पणियां नूपुर शर्मा की तुलना में कम आक्रामक थीं : सिंघवी
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को यह भी याद दिलाया कि पिछली सुनवाई के दौरान उसने मामलों को तमिलनाडु नहीं तो कर्नाटक स्थानांतरित करने की संभावना पर विचार किया था। नूपुर शर्मा सहित इसी तरह के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों का हवाला देते हुए, सिंघवी ने तर्क दिया कि स्टालिन की टिप्पणियाँ तुलना में कम आक्रामक थीं। हालाँकि, महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि टिप्पणी सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन में की गई थी।