देश को महंगा पड़ गया नितिन गडकरी का बयान

- औरंगजेब की क्रब को लेकर विवाद, कई जगह हिंदू-मुस्लिम तनाव
- महाराष्ट्र से हिंसा का तांडव शुरू 10 थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू लगा
- भाजपा नेता ने कहा था जो करेगा जात—पात की बात उसे पड़ेगी लात
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान जो करेगा जात—पात की बात उसे पड़ेगी लात बयान देना महंगा पड़ गया। उनके इस बयान के 24 घंटे के भीतर उनकी लोकसभा क्षेत्र में जातिय दंगे भड़क गये। 10 थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू लगा दिया गया है। हालात चिंताजनक है, पुलिस को दंगाईयों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस और रबर के गोले तक चलाने पड़े।
दरअस्ल औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर नागपुर के महाल गांधी गेट परिसर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने औरंगजेब का पुतला जलाया। इन संगठनों का तर्क था कि औरंगजेब एक अत्याचारी शासक था और उसकी कब्र का महिमामंडन स्वीकार्य नहीं है।
कैसे भड़का दंगा
शाम के समय, एक अफवाह फैली कि प्रदर्शन के दौरान पवित्र कलमा इस्लामी प्रार्थना लिखा कपड़ा और एक पवित्र पुस्तक जला दी गई है। इस अफवाह ने मुस्लिम समुदाय में आक्रोश बढ़ा दिया, जिससे दो गुटों के बीच तनाव बढ़ गया और हिंसा भड़क उठी। तनाव बढऩे पर महाल, चिटनिस पार्क और आसपास के इलाकों में पथराव, वाहनों में आगजनी और पुलिस पर हमले की घटनाएं हुईं। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इस हिंसा में कम से कम 11 लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। हिंसा के बाद 10 पुलिस थाना क्षेत्र कोतवाली, गणेशपेठ, लकडग़ंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया।
गडकरी व फडणवीस ने शांति की अपील की
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शांति बनाये रखने की अपील की है। उनहोंने कहा है कि नागपुर शांति प्रिय शहर है। यहां ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने लोगों से शांत होने के लिए कहा है। वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वीडियो जारी दंगों की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि मेरी घटनाओं पर नजर है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जो भी कड़े कदम उठाए जाने चाहिए उसे उठाया जाए और शांति बनाएं।
गडकरी के बयान को सीधी चुनौती
नागपुर में दंगों को नितिन गडकरी के बयान को सीधी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री ने दंगों से ठीक एक दिन पहले एक अल्पसंख्यक संस्थान में भाषण देते हुए कहा था कि यहां जात—बात की जो बात करेगे उसे लात मार दी जाएगी। उनके इस बयान के 24 घंटे के भीतर नागपुर में ऐसे दंगे भड़के कि 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाना पड़ गया। राजनीतिक विशलेषक इन दंगों को भाजपा के भीतर चल रही राजनीतिक उठापटक बता रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि दंगे सरकार करवा रही है। पिछले लंबे समय से सरकार में शामिल मंत्री अनाप—शनाप बयान दे रहे हैं जिससे महौल गर्म हो गया।
कब्र या मजार को हटाना ठीक नहीं : मायावती
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का कहना है कि किसी की भी कब्र व मजार आदि को क्षति पहुंचाना व तोडऩा ठीक नहीं है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र व मजार आदि को क्षति पहुंचाना व तोडऩा ठीक नहीं है, क्योंकि इससे वहां आपसी भाईचारा शांति व सौहार्द आदि बिगड़ रहा है। सरकार ऐसे मामलों में खासकर नागपुर के अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे, वरना हालात काफी बिगड़ सकते हैं जो ठीक नहीं।
नहीं थम रहे भाजपा नेता नितेश राणे के बिगड़े बोल
भाजपा नेता नितेश राणे ने बयान जारी कर कहा है कि औरंगजेब का मकबरा है, जो गंदगी है वो यहां रखने लायक नहीं है। उसे शौचालय भी घोषित करेंगे तो गलत नहीं है। हमारे छत्रपति शिवाजी और संभाजी महाराज के साथ जो कुछ भी किया था उसकी कोई भी गंदगी हमारे राज्य में रखने लायक नहीं है। यही भूमिका हमारे मुख्यमंत्री ने ली है और ये गंदगी अब ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं है। सही समय पर आपको ब्रेकिंग न्यूज मिल जाएगी।
बाहरी लोग शामिल : प्रवीण दटके
भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने दावा किया कि हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे और यह एक सुनियोजित साजिश थी। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे भाजपा की विभाजनकारी नीति का हिस्सा बताया है। सपा विधायक अबू आजमी के हालिया बयान जिसमें उन्होंने औरंगजेब की तारीफ की थी ने भी इस मुद्दे को हवा दी है। आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया है, जिसके बाद से यह विवाद पूरे राज्य में फैल गया है।
दंगा सरकार ने कराया है। नागपुर में हुई हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता को दर्शाती है। पिछले कुछ दिनों से मंत्री जानबूझकर भड़काऊ भाषण दे रहे थे जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
हर्षवर्धन सपकाल, कांग्रेस