संसद में फिर गूंजी केंद्रीय मंत्री टेनी के इस्तीफे की मांग, विपक्ष का हंगामा

  • सांसदों के निलंबन को रद्द करने पर अड़ा विपक्ष सर्वदलीय बैठक की मांग
  • केंद्रीय मंत्री के पुत्र पर लखीमपुर में किसानों को गाड़ी से कुचलने का है आरोप
  • एसआईटी के खुलासे के बाद से विपक्ष सरकार पर लगातार बना रहा है दबाव

4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। लखीमपुर हिंसा पर एसआईटी के खुलासे के बाद से विपक्ष ने सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। वह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे को लेकर अड़ गया है। विपक्ष ने आज भी संसद के दोनों सदनों में केंद्रीय मंत्री की इस्तीफे की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। हंगामे के चलते राज्य सभा और लोक सभा की कार्यवाही बाधित रही। इसके अलावा 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर भी विपक्ष अड़ा हुआ है और गतिरोध को दूर करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के तत्काल इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही जोरदार हंगामा किया। हंगामे के चलते राज्य सभा और लोक सभा की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके पहले लखीमपुर हिंसा पर सदन में चर्चा की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने राज्य सभा में निलंबन का नोटिस दिया था। वहीं कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने लोक सभा में चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया था। उन्होंने गृह राज्य मंत्री के तत्काल इस्तीफे की मांग की है।

लखीमपुर में अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों को कुचलने का आरोप है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, हम राज्य सभा में 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने और गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद के दोनों सदनों को चलने नहीं देंगे। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस सहित विभिन्न दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण की वजह से सत्र की शेष अवधि के लिए राज्य सभा से निलंबित कर दिया गया है।

विपक्ष ने किया बैठक का बहिष्कार

निलंबित सांसदों को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा बुलाई गई बैठक में विपक्ष दल नहीं पहुंचे। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सिर्फ पांच पार्टियों को बुलाकर विपक्ष के अन्य नेताओं को नहीं बुलाएंगे तो क्या संदेश जाएगा? ये विपक्षी दलों की एकजुटता को तोड़ने की साजिश है। हमने पत्र लिखा है कि सर्वदलीय बैठक बुलाएं।

गौरतलब है कि मंत्री ने उन पांच दलों की बैठक बुलाई जिनके सांसदों को पूरे शीत सत्र के लिए निलंबित किया गया है। इन दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सीपीएम और सीपीआई शामिल हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लïाद जोशी ने कहा कि हम उन विपक्षी दलों से बात करना चाहते हैं जिनके राज्य सभा सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। वे (विपक्ष) बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं, उन्होंने संविधान दिवस के कार्यक्रम का भी बहिष्कार किया। उन्हें समझना चाहिए कि जनता भी उनका बहिष्कार कर रही है।

चुनाव सुधार बिल लोक सभा में पेश

चुनाव सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाने की ओर बढ़ रही सरकार ने वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने का विधेयक आज लोक सभा में पेश किया। विपक्ष के हंगामे के बीच चुनाव सुधार बिल पर लोकसभा में चर्चा चल रही है। वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने का उद्देश्य किसी व्यक्ति के एक से अधिक जगह पर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की खामी पर रोक लगाकर फर्जी मतदान की गुंजाइश खत्म करना है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में लोकसभा में नोटिस दिया है। इस बिल को किरण रिजिजू ने पेश किया।

आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज

लखीमपुर खीरी। यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में तीन अक्टूबर को हुए लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई। जमानत के लिए दाखिल की गई अर्जी के कागजों में त्रुटि के चलते कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर दिया। अब आशीष मिश्रा को फिर से जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करनी होगी। साथ ही कोर्ट ने हिंसा में शामिल पांच अन्य आरोपी अंकित दास, शिवनंदन, लतीफ, शेखर और सत्यम की जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया है। तीन अक्टूबर को हुई इस घटना में चार किसानों व एक स्थानीय पत्रकार समेत आठ लोगों की हत्या हुई थी। एसआईटी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि यह एक हादसा नहीं बल्कि सोची समझी साजिश के तहत हत्याकांड है।

सदन चलाना सरकार की जिम्मेदारी है। विपक्ष लखीमपुर मामले पर चर्चा करना चाहता है। वह लद्दाख की आवाज भी संसद में उठाना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं करने दिया गया।
राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद

आयकर छापों पर अखिलेश ने कॉर्टून के जरिए भाजपा को घेरा

  • कहा, तुलसीदास जी कह गये हैं, हित अनहित पशु पक्षी हु जाना
  • सपा प्रमुख ने सरकार पर फोन टैपिंग का भी लगाया आरोप

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। सपा नेताओं के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि हार के डर से भाजपा ने अब सरकारी एजेंसी को चुनाव मैदान में उतार दिया है। इसी कड़ी में आज इसी से मिलता-जुलता कॉर्टून पोस्ट कर उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।

अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर शायराना अंदाज में लिखा, ‘ तुलसीदास जी कह गये हैं, हित अनहित पशु पक्षी हु जाना। इसके साथ उन्होंने चुनाव से पहले आयकर विभाग की छापेमारी का एक कॉर्टून भी पोस्ट किया है, जिससे यूपी चुनाव और आयकर विभाग की टीम का जिक्र किया गया है। इससे पहले सपा प्रमुख ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग मेरा और सपा के अन्य नेताओं के फोन टैप करवा रही है।

सपा कार्यालय से जुड़े लोगों के फोन टैप किए जा रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि ये भाजपा की बौखलाहट को दिखाता है वे जानते हैं कि वो ये चुनाव हारने जा रहे हैं। 2022 में सपा की सरकार आ रही है। ऐसे में वे हर हथकंडा अपना रहे हैं लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि समाजवादी विजय रथ रुकने वाला नहीं है। आयकर विभाग ने शनिवार को छापेमारी की थी।

भाजपा को झटका, पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह सपा में शामिल

चुनाव से पहले सपा का कुनबा बढ़ता जा रहा है। विभिन्न दलों के कद्दावर नेता सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में आस्था जताते हुए सपा में शामिल हो रहे हैं। इसी कड़ी में आज बलिया की चिलकहर विधान सभा से भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह अपने साथियों के साथ सपा में शामिल हुए। सपा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

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