हैदराबाद दिलसुखनगर ब्लास्ट: भटकल समेत 5 को मौत की सजा बरकरार, 2013 में 2 धमाके में मारे गए थे 18 लोग

नई दिल्ली। तेलंगाना के दिलसुखनगर में हुए बम ब्लास्ट के आरोपियों को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है. हाई कोर्ट ने इस मामले के आरोपियों को मौत की सजा बरकरार रखा है. मंगलवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी 5 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई है.
कोर्ट ने दिलसुखनगर बम ब्लास्ट के आरोपी असदुल्लाह अख्तर,जिया-उर-रहमान,तहसीन अख्तर,यासीन भटकल और एजाज शेख को मौत की सजा सुनाई है. इन सभी ने मिलकर बम ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था, जिसमें 18 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
दिलसुखनगर विस्फोट मामले पर अधिवक्ता मोहम्मद शुजाउल्लाह खान ने कहा कि हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की तरफ से पारित निर्णय की पुष्टि की है, जो ट्रायल कोर्ट के निर्णय की पुष्टि करता है.
मोहम्मद शुजाउल्लाह खान ने कहा कि मैं अभियुक्त संख्या 6 का वकील हूं. हम निश्चित रूप से सर्वोच्च न्यायालय में आदेश के खिलाफ अपील करने जा रहे हैं, क्योंकि हम अपने देश की न्याय प्रणाली में विश्वास करते हैं. निश्चित रूप से हम अपील करेंगे. क्योंकि निर्णय की प्रति अभी तक नहीं दी गई है और न्यायाधीश ने कहा है कि प्रतियां आज उपलब्ध होंगी.
तेलंगाना के दिलसुखनगर में साल 2013 के फरवरी महीने की 21 तारीख को टिफिन बॉक्स में रखे बम ब्लास्ट से 18 लोगों की मौत हो गई थी. इन धमाकों में 130 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. आरोपियों ने एक ही दिन में दो जगहों पर ब्लास्ट की घटना का अंजाम दिया था. पहला बम धमाका बस स्टैंड के ठीक सामने हुआ था और दूसरा धमाका लगभग 150 मीटर की दूरी पर हुआ, जिसे इंडियन मुजाहिद्दीन ने प्लांट किया था.
इस पूरे मामले की जांच एनआईए ने की थी. जांच में सामने आया था कि इन धमाकों का मास्टरमाइंड इंडियन मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन का यासीन भटकल है, जिसका साथ अन्य 5 आरोपियों ने दिया था. एनआईए कोर्ट में बहस के बाद इन सभी आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई थी. जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हालांकि कोर्ट ने एनआईए के फैसले को बरकरार रखा है. इस मामले में एक अन्य आरोपी सैयद मकबूल की मौत हो चुकी है.



